बिलासपुर: बिलासपुर मुंगेली जिले के एसपी ऑफिस में पदस्थ सूबेदार संजय कुमार सूर्यवंशी को रक्षित निरीक्षक के पद से वंचित कर दिया गया था. मामले को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए, हाईकोर्ट ने पुलिस महानिरीक्षक के आदेश को निरस्त करते हुए संजय कुमार सूर्यवंशी को रक्षित निरीक्षक के पद पर पदोन्नति के निर्देश दिए हैं.
ये है मामला: संजय कुमार सूर्यवंशी सूबेदार के पद पर पुलिस अधीक्षक मुंगेली के कार्यालय में पदस्थ था. 25 दिसंबर 2013 को आरक्षक परमेश्वर श्रीवास ने रक्षित केंद्र परिसर में नशे की हालत में अपनी कलाई काट ली थी. आरक्षक द्वारा हाथ काटने का कारण सूबेदार द्वारा बार-बार मालिश कराना और गाली गलौज बताया गया. पुलिस अधीक्षक मुंगेली ने 25 अक्टूबर 2017 को संजय सूर्यवंशी पर कार्रवाई करते हुए आगामी वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिए रोके जाने का दंड दिया. इसी आदेश को आगे बिलासपुर आईजी ने भी बरकरार रखा.
बिना अधिकार एसपी ने किया दंडित: इस मामले को लेकर संजय कुमार सूर्यवंशी ने अपने वकील मतीन सिद्दीकी के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की.याचिका में बताया कि पुलिस अधीक्षक मुंगेली ने आगामी एक वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिए असंचाई प्रभाव से रोके जाने का दंड दिया है जबकि छत्तीसगढ़ पुलिस विनियम की धारा 21 के तहत यह अधिकार पुलिस अधीक्षक को नहीं है. वह सूबेदार को दंडित नहीं कर सकते. बिना शक्ति के पुलिस अधीक्षक मुंगेली ने उन्हें दंडित किया था. जिसे लेकर कोर्ट ने दायर याचिका की सुनवाई करते हुए संजय कुमार सूर्यवंशी के पक्ष में फैसला सुनाया. मामले को लेकर कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि सूबेदार को रक्षित निरीक्षक के पद पर प्रमोट किया जाए.