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हाईकोर्ट ने एनआरआई कोटे के छात्रों को दी बड़ी राहत, जानिए क्या है मामला - CHHATTISGARH HIGH COURT

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश पूरे देश में लागू नहीं हो सकता.

CHHATTISGARH HIGH COURT
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 23, 2024, 7:14 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बीते 18 अक्टूबर को एनआरआई कोटे पर मेडिकल कॉलेजों में दिए गए प्रवेश के आदेश को निरस्त कर दिया. इस आदेश को चुनौती देते हुए एनआरआई छात्र अंतश तिवारी समेत 40 अन्य ने सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिन्हा,अनुराग श्रीवास्तव के जरिए हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं लगाई.

एनआरआई कोटे से मेडिकल में एडमिशन: मंगलवार को मामले में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता छात्रों की ओर कहा गया, कि छत्तीसगढ़ मेडिकल एजुकेशन प्रवेश नियम 2008 में तय किया गया है. इसमें एनआरआई कोटे की सीटें तय की गई है. इसके नियम 13 (स) में एनआरआई छात्रों की पात्रता भी तय है. जिसके आधार पर छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई छात्रों को एडमिशन दिया गया है.

एनआरआई कोटे से मेडिकल कॉलेज में दाखिला मामला (ETV Bharat Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत: मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई. सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश पूरे देश में लागू नहीं हो सकता. इसे कानून मानकर किसी नियम को लागू नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के एनआरआई कोटे के एडमिशन निरस्त करने के आदेश को खारिज कर दिया है. इस तरह मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने वाले एनआरआई कोटे के छात्रों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है.

एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल भारत ने बताया कि एनआरआई बच्चों के मेडिकल में एडमिशन के मामले में पंजाब और हरियाण कोर्ट के आदेश को आधार बनाकर छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआरआई माता पिता के बच्चों को ही एडमिशन देने का आदेश जारी किया था. इस पर याचिका लगी थी. कोर्ट ने सभी याचिकाओं को निराकृत किया है.

कोर्ट ने कहा कि एडमिशन शुरू होने के बाद मिड प्रोसेस में नियम नहीं बदला जा सकता. छात्रों को राहत मिली है.- प्रफुल्ल भारत, एडवोकेट जनरल

मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे पर पंजाब और हरियाणा कोर्ट: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एनआरआई कोटे के नियम में बदलाव किया है. जिसके तहत एनआरआई कोटे में केवल भाई-पुत्र व पहली पीढ़ी के रिश्तेदार को ही प्रवेश दिया जा सकता है. हाईकोर्ट ने दूसरी पीढ़ी के छात्रों को प्रवेश नहीं देने का आदेश दिया है. इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई, जिसे खारिज कर दिया गया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के इस फैसले के आधार पर छत्तीसगढ़ के मेडिकल एजुकेशन विभाग ने एनआरआई कोटे के छात्रों का प्रवेश निरस्त किया था. मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने एनआरआई छात्रों के प्रवेश निरस्त करने के आदेश को खारिज कर दिया है.

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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बीते 18 अक्टूबर को एनआरआई कोटे पर मेडिकल कॉलेजों में दिए गए प्रवेश के आदेश को निरस्त कर दिया. इस आदेश को चुनौती देते हुए एनआरआई छात्र अंतश तिवारी समेत 40 अन्य ने सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिन्हा,अनुराग श्रीवास्तव के जरिए हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं लगाई.

एनआरआई कोटे से मेडिकल में एडमिशन: मंगलवार को मामले में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता छात्रों की ओर कहा गया, कि छत्तीसगढ़ मेडिकल एजुकेशन प्रवेश नियम 2008 में तय किया गया है. इसमें एनआरआई कोटे की सीटें तय की गई है. इसके नियम 13 (स) में एनआरआई छात्रों की पात्रता भी तय है. जिसके आधार पर छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई छात्रों को एडमिशन दिया गया है.

एनआरआई कोटे से मेडिकल कॉलेज में दाखिला मामला (ETV Bharat Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत: मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई. सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश पूरे देश में लागू नहीं हो सकता. इसे कानून मानकर किसी नियम को लागू नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के एनआरआई कोटे के एडमिशन निरस्त करने के आदेश को खारिज कर दिया है. इस तरह मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने वाले एनआरआई कोटे के छात्रों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है.

एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल भारत ने बताया कि एनआरआई बच्चों के मेडिकल में एडमिशन के मामले में पंजाब और हरियाण कोर्ट के आदेश को आधार बनाकर छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआरआई माता पिता के बच्चों को ही एडमिशन देने का आदेश जारी किया था. इस पर याचिका लगी थी. कोर्ट ने सभी याचिकाओं को निराकृत किया है.

कोर्ट ने कहा कि एडमिशन शुरू होने के बाद मिड प्रोसेस में नियम नहीं बदला जा सकता. छात्रों को राहत मिली है.- प्रफुल्ल भारत, एडवोकेट जनरल

मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे पर पंजाब और हरियाणा कोर्ट: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एनआरआई कोटे के नियम में बदलाव किया है. जिसके तहत एनआरआई कोटे में केवल भाई-पुत्र व पहली पीढ़ी के रिश्तेदार को ही प्रवेश दिया जा सकता है. हाईकोर्ट ने दूसरी पीढ़ी के छात्रों को प्रवेश नहीं देने का आदेश दिया है. इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई, जिसे खारिज कर दिया गया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के इस फैसले के आधार पर छत्तीसगढ़ के मेडिकल एजुकेशन विभाग ने एनआरआई कोटे के छात्रों का प्रवेश निरस्त किया था. मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने एनआरआई छात्रों के प्रवेश निरस्त करने के आदेश को खारिज कर दिया है.

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