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छत्तीसगढ़ कोल लेवी स्कैम, हेमंत जायसवाल और चंद्रप्रकाश जायसवाल 20 जून तक रहेंगे EOW की रिमांड पर - Chhattisgarh coal scam case

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में ईओडब्ल्यू ने हेमंत जायसवाल और चंद्रप्रकाश जायसवाल को गुरुवार को गिरफ्तार किया. कोर्ट ने दोनों को 20 जून तक EOW की रिमांड पर भेजा है.

Chhattisgarh coal scam case
छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 14, 2024, 10:52 PM IST

Updated : Jun 15, 2024, 2:17 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ कोल लेवी स्कैम में ईओडब्ल्यू काफी एक्टिव है. ईओडब्ल्यू ने 13 जून को बिलासपुर के हेमंत जायसवाल को और कोरबा के चंद्र प्रकाश जायसवाल को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 14 जून शुक्रवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. ईओडब्ल्यू के मुताबिक दोनों आरोपी पहले से ही अवैध कोल लेवी वसूली में सक्रिय रहे हैं. कोर्ट ने चंद्रप्रकाश जायसवाल और हेमंत जायसवाल को 20 जून तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर सौंप दिया है. दोनों आरोपियों को 20 जून को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा.

कोल स्कैम में कई आरोपी जेल में बंद: छत्तीसगढ़ में 540 करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ है. कोयला घोटाले मामले में सभी आरोपी लगभग डेढ़ साल से जेल में बंद है. प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला घोटाले में 11 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें कारोबारी सुनील अग्रवाल को जमानत मिली है. जानकारी के मुताबिक ईओडब्ल्यू उसे भी गिरफ्तार करने वाली है. ईओडब्ल्यू का आरोप है कि पूर्ववर्ती सरकार में प्रभावशाली लोगों से मिलकर अवैध रूप से कोयले का परिवहन किया गया. इस तरह कोल स्कैम हुआ.

ईओडब्ल्यू ने पेश किया आवेदन: ईओडब्ल्यू ने स्पेशल कोर्ट में आवेदन पेश किया था, जिसमें यह कहा गया था कि सौम्या चौरसिया को सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदार मनीष उपाध्याय और जय नामक व्यक्ति के जरिए 36 करोड़ रुपए पहुंचाए गए थे. यह पैसा अवैध रूप से लेवी के जरिए आया था. वहीं, निलंबित आईएएस रानू साहू ने कोयला घोटाला मामले में कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और उनके साथियों की ओर से ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली करने में मदद की थी. मदद के बदले में मिलने वाले पैसे से निलंबित आईएएस रानू साहू ने अपने भाई पीयूष साहू और अन्य रिश्तेदारों के नाम से कई चल और अचल संपत्तियां खरीदी . ऐसा जांच एजेंसियों का आरोप है.

इस तरह होती थी लेवी की वसूली : अब तक की जांच में जितनी भी बातें सामने आई हैं. उसके अनुसार कोरबा के कोयला खदानों से जो कोयल परिवहन किया जाता था. उसमें ₹25 प्रति टन के हिसाब से लेवी वसूली की जाती थी. इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जाता रहा है. जिसमें कई सफेदपोश लोग शामिल रहे. इसी मामले में कोरबा की कलेक्टर रही रानू साहू और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निज सचिव सौम्या चौरसिया अभी जेल में बंद हैं.

कोरबा में बनाया गया था लेवी वसूली का सिस्टम सूर्यकांत तिवारी मास्टरमाइंड : कोरबा जिले में देश की सबसे बड़ी तीन कोयला खदाने हैं. यहां से रोड सेल के जरिए देशभर के पावर प्लांट को कोयला आपूर्ति की जाती है. कोयला लिफ्ट करने के लिए खनिज विभाग द्वारा डीओ किया जाता है. बिना डीओ के खदान से कोयला लिफ्ट नहीं किया जा सकता. इसी डीओ के जारी करने के एवज में ₹25 प्रति टन की अवैध लेवी की वसूली की जाती थी.

जब तक यह अवैध पैसा लेवी के रूप में परिवहनकर्ता नहीं देते. उन्हें कोयला लिफ्ट करने की अनुमति नहीं मिलती थी. अब तक की जानकारी के अनुसार सूर्यकांत तिवारी इसका मास्टरमाइंड था. जिसने रानू साहू से हेमंत और चंद्रप्रकाश की मुलाकात करवाई थी. जानकारी है कि कांग्रेस के तत्कालीन सरकार में कोयले पर प्रति टन ₹25 की अवैध लेवी वसूलने में हेमंत का किरदार बेहद अहम था. अवैध वसूली के इस सुनियोजित अवैध सिस्टम में नेता, अफसर शामिल रहे. जबकि चंद्रप्रकाश कोरबा में बैठकर लेवी की राशि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम करता था. हेमंत को लेवी वसूलने की पूरी जिम्मेदारी सौंप गई थी. यह पूरा सिस्टम सूर्यकांत तिवारी ने तैयार किया था. इसी मामले में राज्य प्रशासनिक सेवा की पूर्व अधिकारी सौम्या चौरसिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और तत्कालीन कोरबा कलेक्टर रानू साहू अब भी जेल में हैं.

कोयला घोटाला मामला: सूर्यकांत तिवारी और समीर बिश्नोई को 18 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल - Coal scam case
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रायपुर: छत्तीसगढ़ कोल लेवी स्कैम में ईओडब्ल्यू काफी एक्टिव है. ईओडब्ल्यू ने 13 जून को बिलासपुर के हेमंत जायसवाल को और कोरबा के चंद्र प्रकाश जायसवाल को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 14 जून शुक्रवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. ईओडब्ल्यू के मुताबिक दोनों आरोपी पहले से ही अवैध कोल लेवी वसूली में सक्रिय रहे हैं. कोर्ट ने चंद्रप्रकाश जायसवाल और हेमंत जायसवाल को 20 जून तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर सौंप दिया है. दोनों आरोपियों को 20 जून को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा.

कोल स्कैम में कई आरोपी जेल में बंद: छत्तीसगढ़ में 540 करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ है. कोयला घोटाले मामले में सभी आरोपी लगभग डेढ़ साल से जेल में बंद है. प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला घोटाले में 11 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें कारोबारी सुनील अग्रवाल को जमानत मिली है. जानकारी के मुताबिक ईओडब्ल्यू उसे भी गिरफ्तार करने वाली है. ईओडब्ल्यू का आरोप है कि पूर्ववर्ती सरकार में प्रभावशाली लोगों से मिलकर अवैध रूप से कोयले का परिवहन किया गया. इस तरह कोल स्कैम हुआ.

ईओडब्ल्यू ने पेश किया आवेदन: ईओडब्ल्यू ने स्पेशल कोर्ट में आवेदन पेश किया था, जिसमें यह कहा गया था कि सौम्या चौरसिया को सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदार मनीष उपाध्याय और जय नामक व्यक्ति के जरिए 36 करोड़ रुपए पहुंचाए गए थे. यह पैसा अवैध रूप से लेवी के जरिए आया था. वहीं, निलंबित आईएएस रानू साहू ने कोयला घोटाला मामले में कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और उनके साथियों की ओर से ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली करने में मदद की थी. मदद के बदले में मिलने वाले पैसे से निलंबित आईएएस रानू साहू ने अपने भाई पीयूष साहू और अन्य रिश्तेदारों के नाम से कई चल और अचल संपत्तियां खरीदी . ऐसा जांच एजेंसियों का आरोप है.

इस तरह होती थी लेवी की वसूली : अब तक की जांच में जितनी भी बातें सामने आई हैं. उसके अनुसार कोरबा के कोयला खदानों से जो कोयल परिवहन किया जाता था. उसमें ₹25 प्रति टन के हिसाब से लेवी वसूली की जाती थी. इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जाता रहा है. जिसमें कई सफेदपोश लोग शामिल रहे. इसी मामले में कोरबा की कलेक्टर रही रानू साहू और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निज सचिव सौम्या चौरसिया अभी जेल में बंद हैं.

कोरबा में बनाया गया था लेवी वसूली का सिस्टम सूर्यकांत तिवारी मास्टरमाइंड : कोरबा जिले में देश की सबसे बड़ी तीन कोयला खदाने हैं. यहां से रोड सेल के जरिए देशभर के पावर प्लांट को कोयला आपूर्ति की जाती है. कोयला लिफ्ट करने के लिए खनिज विभाग द्वारा डीओ किया जाता है. बिना डीओ के खदान से कोयला लिफ्ट नहीं किया जा सकता. इसी डीओ के जारी करने के एवज में ₹25 प्रति टन की अवैध लेवी की वसूली की जाती थी.

जब तक यह अवैध पैसा लेवी के रूप में परिवहनकर्ता नहीं देते. उन्हें कोयला लिफ्ट करने की अनुमति नहीं मिलती थी. अब तक की जानकारी के अनुसार सूर्यकांत तिवारी इसका मास्टरमाइंड था. जिसने रानू साहू से हेमंत और चंद्रप्रकाश की मुलाकात करवाई थी. जानकारी है कि कांग्रेस के तत्कालीन सरकार में कोयले पर प्रति टन ₹25 की अवैध लेवी वसूलने में हेमंत का किरदार बेहद अहम था. अवैध वसूली के इस सुनियोजित अवैध सिस्टम में नेता, अफसर शामिल रहे. जबकि चंद्रप्रकाश कोरबा में बैठकर लेवी की राशि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम करता था. हेमंत को लेवी वसूलने की पूरी जिम्मेदारी सौंप गई थी. यह पूरा सिस्टम सूर्यकांत तिवारी ने तैयार किया था. इसी मामले में राज्य प्रशासनिक सेवा की पूर्व अधिकारी सौम्या चौरसिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और तत्कालीन कोरबा कलेक्टर रानू साहू अब भी जेल में हैं.

कोयला घोटाला मामला: सूर्यकांत तिवारी और समीर बिश्नोई को 18 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल - Coal scam case
छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामला: निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई और सूर्यकांत तिवारी दो दिनों के लिए EOW की रिमांड पर - Chhattisgarh coal scam case
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Last Updated : Jun 15, 2024, 2:17 PM IST
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