रायपुर : प्रदेश की राजधानी रायपुर में सोमवार को छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम ने सांप्रदायिक हमलों के विरोध में और कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया. रायपुर के मोतीबाग से रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन देने जा रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने ओसीएम चौक पर ही रोक दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने बीच रास्ते में ही कानून व्यवस्था को लेकर जमकर नारेबाजी की.
पुलिस पर रिपोर्ट दर्ज नहीं करने के आरोप : छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम ने पुलिस पर आरोप लगाया कि चर्च में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ पुलिस उनकी रिपोर्ट नहीं लिखती है. छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने बताया,"ईसाइयों के खिलाफ धमतरी पुलिस खुद अभियान चलाया जा रहा है. पिछले दिनों धमतरी जिले में कई गंभीर हमले हुए हैं. ईसाई समाज की महिलाओं और धर्म स्थलों पर हमले हुए हैं. इस तरह हमला होने के बाद ईसाई समाज थाने में शिकायत करती है, तो रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया जाता है. इसकी जानकारी एसपी को भी दी गई है. बावजूद इसके आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई."
"चर्च में प्रार्थना करने के लिए पुलिस रजिस्ट्रेशन की मांग करती है. दूसरी तरफ मस्जिद, गुरुद्वारा और मंदिर को रजिस्ट्रेशन मुक्त होना बताया जाता है, जो कि संविधान का उल्लंघन है. धमतरी में पुलिस ने अब तक 37 चर्च को बंद करवा दिया है." - अरुण पन्नालाल, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम
बलौदाबाजार विवाद पर सरकार को घेरा : छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम ने पुलिस विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम ने बलौदाबाजार विवाद और नकेसलवाद को लेकर सरकार को घेरा है. अरुण पन्नालाल ने कहा, "प्रदेश में अराजकता बढ़ती जा रही है. निर्दोष आदिवासी नक्सलवाद की आड़ में मारे जा रहे हैं. गौ रक्षा की आड़ में युवाओं की हत्या हो रही है. बलौदाबाजार में समाज विशेष के लोग आक्रोशित क्यों हुए, इस पर सरकार का ध्यान नहीं है.
क्रिश्चियन फोरम की इस रैली में ईसाई समाज के अलावा कुछ मुस्लिम और आदिवासी समाज के लोग भी शामिल हुए, जो इस रैली को समर्थन देने पहुंचे थे. प्रदर्शनकारियों को कलेक्ट्रेट जाने से रोके जाने पर ओसीएम चौक में ही सभी ने कानून व्यवस्था को लेकर जमकर नारेबाजी की.