कोरबा: ढेलवादीह की गामिन ने दसवीं कक्षा के राज्य के मेरिट सूची में पांचवा स्थान हासिल किया है. गामिनी कटघोरा क्षेत्र के शासकीय सरस्वती शिशु मंदिर की छात्रा है. इसी स्कूल से कृतिका कंवर ने भी मेरिट सूची में दसवां स्थान प्राप्त किया है. ऐसा बेहद कम देखने को मिलता है, जब एक ही स्कूल के एक ही क्लास के दो बच्चे मेरिट सूची में अपना नाम दर्ज कर लें. दोनों ही छात्राएं आदिवासी समुदाय से आती हैं. गामिनी के पिता एसईसीएलकर्मी हैं, जबकि कृतिका के पिता खेती किसानी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं. मेरिट में स्थान बनाने के बाद ईटीवी भारत ने टॉपर छात्र गामिनी से खास बातचीत की. गामिनी ने बताया कि उन्होंने 4 महीने पहले ही मोबाइल का उपयोग करना छोड़ दिया था.
गणित में 100 में 100 नंबर: गामिनी शुरू से ही होनहार छात्र रही हैं. छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किए गए परिणामों में उन्होंने दसवीं छात्र में कुल 600 में से 588 अंक प्राप्त कर 98 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. गणित के पर्चे में उन्होंने 100 में 100 नंबर प्राप्त किया है. गामिनी की सफलता पर स्कूल प्रबंधन में खुशी का माहौल है. स्कूल में गणित के शिक्षक राजेंद्र ने बताया कि, "गामिनी न सिर्फ अपनी पढ़ाई बल्कि अन्य गतिविधियों में भी काफी रुचि लेती रही है. स्कूल में हम लोगों ने कई तरह की गतिविधियों और क्रिएटिव लर्निंग मैथर्ड के जरिए बच्चों को तैयार किया. गामिनी के साथ ही कृतिका ने भी मेरिट सूची में अपनी जगह बनाई है. दोनों ही बच्चों में कंपटीशन रहता था. दोनों ही हमारे छात्र हमारे स्कूल के गौरव हैं."
4 माह पहले छोड़ दिया था मोबाइल: गामिनी एक संयुक्त परिवार में रहती हैं. उनके पिता गंगा सिंह कंवर एसईसीएल के कर्मचारी हैं, जबकि चाचा प्रकाश सिंह कंवर उप सरपंच है. गामिनी के परिवार में दादा-दादी, चाचा-चाचा सहित भाई-बहनों से भरा परिवार है. परिवार में कुल 14 सदस्य हैं. गामिनी कहती हैं कि, "कई बार बच्चों में चिक-चिक, परिवार में भी नोक-झोंक चलती रहती थी, लेकिन पढ़ाई करने के लिए सुबह 3:00 बजे ही मैं उठ जाती थी. कोई समय फिक्स नहीं था, जब मन करता, तभी पढ़ती थी. दिन भर में चार से पांच घंटे पढ़ने का टारगेट रहता था. मोबाइल फोन परीक्षा आने के चार महीने पहले मैंने पूरी तरह से त्याग दिया था. इसके बाद अभी हफ्ते भर पहले मैंने मोबाइल फोन चलाना शुरु किया है."
हमने उसके पढ़ाई करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया था. संयुक्त परिवार होने के बाद भी हम उसे एक ग्लास पानी भी देने को नहीं कहते थे. हम चाहते हैं कि वह पढ़ाई करें और आगे बढ़े. -गंगा सिंह, गामिनी के पिता
सर्जन बनना है जीवन का लक्ष्य: गामिनी ने 100 में 100 अंक गणित विषय में प्राप्त किए हैं, लेकिन उनकी रुचि मेडिकल के क्षेत्र में है. गामिनी आगे बायो लेकर पढ़ना चाहती हैं. एमबीबीएस करने के बाद एक सर्जन बनना चाहती हैं.