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सरोज पाण्डेय कोरबा लोकसभा सीट से लड़ेंगी चुनाव,बीजेपी के कद्दावर नेताओं में होती है गिनती, जानिए राजनीतिक सफर

Chhattisgarh BJP Lok Sabha List लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की सभी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है. जिसमें कोरबा लोकसभा से पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय को उम्मीदवार बनाया है.Saroj Pandey candidate from Korba

Chhattisgarh BJP Lok Sabha List
सरोज पाण्डेय कोरबा लोकसभा से लड़ेंगी चुनाव
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 2, 2024, 7:53 PM IST

Updated : Mar 2, 2024, 9:26 PM IST

हाई प्रोफाइल सीट है कोरबा

रायपुर/कोरबा : छत्तीसगढ़ की फायर ब्रांड महिला नेता सरोज पाण्डेय कोरबा लोकसभा से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी.सर्वे और अटकलों को खारिज करते हुए बीजेपी ने कोरबा लोकसभा के लिए सरोज पाण्डेय को मैदान में उतारा है. ऐसा माना जा रहा है कि कोरबा की मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को कांग्रेस एक बार फिर टिकट दे सकती है.लिहाजा बीजेपी ने भी इस कोरबा से वूमेन कार्ड खेला है.सरोज पाण्डेय बीजेपी में कई पदों पर रह चुकी हैं. भिलाई मेयर से विधायक और फिर सांसद बनने का सफर सरोज पाण्डेय ने कम समय में तय किया है.महिलाओं को बीच सरोज पाण्डेय काफी ज्यादा लोकप्रिय है.यही वजह रही कि केंद्रीय नेतृत्व में कभी भी सरोज पाण्डेय को नजरअंदाज नहीं किया है. एक बार फिर केंद्रीय नेतृत्व ने सरोज पाण्डेय को लोकसभा टिकट देकर अपना भरोसा जताया है.

कौन हैं सरोज पाण्डेय :साल 2018 में सरोज पांडेय को राज्यसभा सांसद चुना गया था. सरोज पांडे ने कांग्रेस के प्रत्याशी लेखराम साहू को हराकर जीत दर्ज की थी. सरोज पांडेय 22 जून 1968 को छत्तीसगढ़ के भिलाई में पैदा हुईं. पहली बार साल 2000 और 2005 में दूसरी बार भिलाई निगम की मेयर बनीं. साल 2008 में पहली बार वैशाली नगर से विधायक चुनी गईं. इसके बाद बीजेपी ने साल 2009 के लोकसभा चुनाव में दुर्ग संसदीय सीट से जीत हासिल की. 2013 में सरोज पाण्डेय को बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया.

2014 में लड़ा लोकसभा चुनाव : इसके बाद सरोज पाण्डेय ने साल 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा. लेकिन कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने सरोज पाण्डेय को चुनाव हरा दिया.इस हार के बाद भी सरोज पाण्डेय की लोकप्रियता जरा भी कम नहीं हुईं. बीजेपी ने सरोज पाण्डेय को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया.इसके बाद साल 2018 में सरोज पाण्डेय को राज्यसभा के लिए चुना गया.इसी साल सरोज पाण्डेय का कार्यकाल पूरा हुआ.जिसके बाद उन्हें कोरबा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.

हाई प्रोफाइल सीट है कोरबा: हाई प्रोफाइल सीट कोरबा पर इस बार भाजपा ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे का नाम फाइनल कर दिया है. कोरबा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कोरबा के ही सांसद रह चुके डॉ चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत सांसद हैं. चुनाव करीब आते ही वह लगातार क्षेत्र का दौरा कर रही हैं. कयास लगाये जा रहे हैं कि ज्योत्सना को कांग्रेस मैदान में उतर सकती है. यदि ऐसा हुआ तो कोरबा लोकसभा में दो महिला नेत्रियों के बीच सीधी टक्कर होगी. सरोज का टिकट फाइनल होने के बाद भाजपा में भीतरघात की भी संभावना है. कोरबा लोकसभा के आठ विधानसभा सीटों को दरकिनार कर सीधे एक पैराशूट प्रत्याशी को मैदान में उतर गया है. कोरबा लोकसभा से बीजेपी के पूर्व सांसद स्व बंशीलाल महतो के पुत्र विकास महतो लगातार क्षेत्र में सक्रिय थे, वह टिकट की मांग कर रहे थे. ऐसे ही और भी कई दावेदार थे जिन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें कोरबा से प्रत्याशी बन सकती है.

बाहरी प्रत्याशी को सूट करता है कोरबा: दरअसल कोरबा की यह तासीर रही है कि यहां बाहरी प्रत्याशी ही चुनाव जीतते रहे हैं. कांग्रेस की ज्योत्सना महंत भी बाहरी प्रत्याशी ही रही हैं. जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से अलग होकर वर्ष 2009 में कोरबा लोकसभा की सीट अस्तित्व में आयी. जिसके बाद कोरबा लोकसभा के पहले चुनाव में डॉ चरणदास महंत ने जीत दर्ज की. 2014 में यहां परिवर्तन हुआ और भाजपा के डॉ बंशीलाल महतो चुनाव जीत गए. इसके बाद 2019 के चुनाव में एक बार फिर बदलाव हुआ और कांग्रेस की ज्योत्सना महंत ने यहां से जीत दर्ज की. यदि स्व. बंशी लाल महतो को छोड़ दें, तो 10 साल यहां का प्रतिनिधित्व महंत दंपति ने किया है. इन पर भी बाहरी होने का ठप्पा लगा हुआ था. अब एक बार फिर भाजपा ने यहां सरोज पांडे को मैदान में उतारा है. जिसके बाद कांग्रेस से यहां उम्मीदवार कौन होंगे, इस बात की चर्चा शुरू हो गई है.

पार्टी ने सभी 11 सीटों पर उम्मीदवारों घोषित कर दिए हैं. पार्टी ने जिन उम्मीदवारों का चयन किया है वो सभी मेहनती और जिताऊ उम्मीदवार हैं. हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और 11 की 11 सीट जीतेंगे. सरोज पांडे राज्यसभा सदस्य थी. उनकी सक्रियता लगातार कोरबा में बनी हुई थी. वह इस क्षेत्र की पालक सांसद हैं. लगातार इस क्षेत्र से उनका जुड़ाव रहा है. भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता उनके पक्ष में काम करेगा और कोरबा में एक बार फिर कमल खिलेगा. - अरुण साव, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़

कोरबा लोकसभा के लिए पार्टी ने एक मजबूत प्रत्याशी दिया है. सरोज पांडे हमारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, और एक मजबूत नेत्री हैं. उनकी छवि एक कद्दावर जनप्रतिनिधि की है. सरोज जी की छवि महिलाओं के बीच रोल माडल की तरह है. कोरबा लोकसभा से उनका नाम तय होने के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह है. निश्चित तौर पर हम बड़े अंतर से कोरबा लोकसभा की सीट पर जीत दर्ज करेंगे.- डॉ राजीव सिंह, बीजेपी जिला अध्यक्ष, कोरबा


सरोज पांडेय ने कोरबा के विकास के लिए जारी किए 12 करोड़: राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय ने बीते एक हफ्ते में ही कोरबा संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए करीब साढ़े 12 करोड़ जारी किए थे. सरोज पांडेय का राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल 2 अप्रैल को ही समाप्त होगा. सरोज पांडेय ने सांसद निधि की बकाया राशि कोरबा लोकसभा क्षेत्र के लिए जारी कर दी है. कोरबा विधानसभा के अलावा रामपुर, पाली तानाखार, कटघोरा, मरवाही, बैकुठपुर, मनेन्द्रगढ़ और भरतपुर-सोनहत विधानसभा सीट कोरबा लोकसभा क्षेत्र में शामिल है. सरोज पांडे की सक्रियता और फंड जारी करने के बाद से ही कहीं ना कहीं इस बात की चर्चा थी, कि भाजपा ने उन्हें कोरबा लोकसभा से चुनाव लड़ने का मैसेज दे दिया है.

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हाई प्रोफाइल सीट है कोरबा

रायपुर/कोरबा : छत्तीसगढ़ की फायर ब्रांड महिला नेता सरोज पाण्डेय कोरबा लोकसभा से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी.सर्वे और अटकलों को खारिज करते हुए बीजेपी ने कोरबा लोकसभा के लिए सरोज पाण्डेय को मैदान में उतारा है. ऐसा माना जा रहा है कि कोरबा की मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को कांग्रेस एक बार फिर टिकट दे सकती है.लिहाजा बीजेपी ने भी इस कोरबा से वूमेन कार्ड खेला है.सरोज पाण्डेय बीजेपी में कई पदों पर रह चुकी हैं. भिलाई मेयर से विधायक और फिर सांसद बनने का सफर सरोज पाण्डेय ने कम समय में तय किया है.महिलाओं को बीच सरोज पाण्डेय काफी ज्यादा लोकप्रिय है.यही वजह रही कि केंद्रीय नेतृत्व में कभी भी सरोज पाण्डेय को नजरअंदाज नहीं किया है. एक बार फिर केंद्रीय नेतृत्व ने सरोज पाण्डेय को लोकसभा टिकट देकर अपना भरोसा जताया है.

कौन हैं सरोज पाण्डेय :साल 2018 में सरोज पांडेय को राज्यसभा सांसद चुना गया था. सरोज पांडे ने कांग्रेस के प्रत्याशी लेखराम साहू को हराकर जीत दर्ज की थी. सरोज पांडेय 22 जून 1968 को छत्तीसगढ़ के भिलाई में पैदा हुईं. पहली बार साल 2000 और 2005 में दूसरी बार भिलाई निगम की मेयर बनीं. साल 2008 में पहली बार वैशाली नगर से विधायक चुनी गईं. इसके बाद बीजेपी ने साल 2009 के लोकसभा चुनाव में दुर्ग संसदीय सीट से जीत हासिल की. 2013 में सरोज पाण्डेय को बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया.

2014 में लड़ा लोकसभा चुनाव : इसके बाद सरोज पाण्डेय ने साल 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा. लेकिन कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने सरोज पाण्डेय को चुनाव हरा दिया.इस हार के बाद भी सरोज पाण्डेय की लोकप्रियता जरा भी कम नहीं हुईं. बीजेपी ने सरोज पाण्डेय को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया.इसके बाद साल 2018 में सरोज पाण्डेय को राज्यसभा के लिए चुना गया.इसी साल सरोज पाण्डेय का कार्यकाल पूरा हुआ.जिसके बाद उन्हें कोरबा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.

हाई प्रोफाइल सीट है कोरबा: हाई प्रोफाइल सीट कोरबा पर इस बार भाजपा ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे का नाम फाइनल कर दिया है. कोरबा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कोरबा के ही सांसद रह चुके डॉ चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत सांसद हैं. चुनाव करीब आते ही वह लगातार क्षेत्र का दौरा कर रही हैं. कयास लगाये जा रहे हैं कि ज्योत्सना को कांग्रेस मैदान में उतर सकती है. यदि ऐसा हुआ तो कोरबा लोकसभा में दो महिला नेत्रियों के बीच सीधी टक्कर होगी. सरोज का टिकट फाइनल होने के बाद भाजपा में भीतरघात की भी संभावना है. कोरबा लोकसभा के आठ विधानसभा सीटों को दरकिनार कर सीधे एक पैराशूट प्रत्याशी को मैदान में उतर गया है. कोरबा लोकसभा से बीजेपी के पूर्व सांसद स्व बंशीलाल महतो के पुत्र विकास महतो लगातार क्षेत्र में सक्रिय थे, वह टिकट की मांग कर रहे थे. ऐसे ही और भी कई दावेदार थे जिन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें कोरबा से प्रत्याशी बन सकती है.

बाहरी प्रत्याशी को सूट करता है कोरबा: दरअसल कोरबा की यह तासीर रही है कि यहां बाहरी प्रत्याशी ही चुनाव जीतते रहे हैं. कांग्रेस की ज्योत्सना महंत भी बाहरी प्रत्याशी ही रही हैं. जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से अलग होकर वर्ष 2009 में कोरबा लोकसभा की सीट अस्तित्व में आयी. जिसके बाद कोरबा लोकसभा के पहले चुनाव में डॉ चरणदास महंत ने जीत दर्ज की. 2014 में यहां परिवर्तन हुआ और भाजपा के डॉ बंशीलाल महतो चुनाव जीत गए. इसके बाद 2019 के चुनाव में एक बार फिर बदलाव हुआ और कांग्रेस की ज्योत्सना महंत ने यहां से जीत दर्ज की. यदि स्व. बंशी लाल महतो को छोड़ दें, तो 10 साल यहां का प्रतिनिधित्व महंत दंपति ने किया है. इन पर भी बाहरी होने का ठप्पा लगा हुआ था. अब एक बार फिर भाजपा ने यहां सरोज पांडे को मैदान में उतारा है. जिसके बाद कांग्रेस से यहां उम्मीदवार कौन होंगे, इस बात की चर्चा शुरू हो गई है.

पार्टी ने सभी 11 सीटों पर उम्मीदवारों घोषित कर दिए हैं. पार्टी ने जिन उम्मीदवारों का चयन किया है वो सभी मेहनती और जिताऊ उम्मीदवार हैं. हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और 11 की 11 सीट जीतेंगे. सरोज पांडे राज्यसभा सदस्य थी. उनकी सक्रियता लगातार कोरबा में बनी हुई थी. वह इस क्षेत्र की पालक सांसद हैं. लगातार इस क्षेत्र से उनका जुड़ाव रहा है. भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता उनके पक्ष में काम करेगा और कोरबा में एक बार फिर कमल खिलेगा. - अरुण साव, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़

कोरबा लोकसभा के लिए पार्टी ने एक मजबूत प्रत्याशी दिया है. सरोज पांडे हमारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, और एक मजबूत नेत्री हैं. उनकी छवि एक कद्दावर जनप्रतिनिधि की है. सरोज जी की छवि महिलाओं के बीच रोल माडल की तरह है. कोरबा लोकसभा से उनका नाम तय होने के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह है. निश्चित तौर पर हम बड़े अंतर से कोरबा लोकसभा की सीट पर जीत दर्ज करेंगे.- डॉ राजीव सिंह, बीजेपी जिला अध्यक्ष, कोरबा


सरोज पांडेय ने कोरबा के विकास के लिए जारी किए 12 करोड़: राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय ने बीते एक हफ्ते में ही कोरबा संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए करीब साढ़े 12 करोड़ जारी किए थे. सरोज पांडेय का राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल 2 अप्रैल को ही समाप्त होगा. सरोज पांडेय ने सांसद निधि की बकाया राशि कोरबा लोकसभा क्षेत्र के लिए जारी कर दी है. कोरबा विधानसभा के अलावा रामपुर, पाली तानाखार, कटघोरा, मरवाही, बैकुठपुर, मनेन्द्रगढ़ और भरतपुर-सोनहत विधानसभा सीट कोरबा लोकसभा क्षेत्र में शामिल है. सरोज पांडे की सक्रियता और फंड जारी करने के बाद से ही कहीं ना कहीं इस बात की चर्चा थी, कि भाजपा ने उन्हें कोरबा लोकसभा से चुनाव लड़ने का मैसेज दे दिया है.

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Last Updated : Mar 2, 2024, 9:26 PM IST
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