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दंतेवाड़ा में मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेन्टर तक सड़क घोटाला, 4 अधिकारी सस्पेंड ठेकेदार के खिलाफ वसूली जांच - CHHATTISGARH ASSEMBLY SESSION

Chhattisgarh Assembly Winter Session छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र में आज दंतेवाड़ा में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हुई.

CHHATTISGARH ASSEMBLY SESSION
छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

रायपुर: कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में दंतेवाड़ा अंतर्गत डीएमएफ मद से स्वीकृत सड़क का सवाल पूछा. चंद्राकर ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री सड़क योजना मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेन्टर और हिरोली हेल्थ सेन्टर से हिरोली कैम्प डोकापारा तक सड़क की कुल लागत क्या थी. खर्च कितना हुआ, कितना भुगतान हुआ.

दंतेवाड़ा में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का मुद्दा: इसका जवाब गृहमंत्री विजय शर्मा ने दिया. उन्होंने कहा कि पीटी सड़क निर्माण मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेन्टर तक साढ़े 3 किलोमीटर और हिरोली कैंप से टेकापार तक साढ़े 3 किलोमीटर तक सड़क बनाई जा रही है. 2 करोड़ 18 लाख की पहली सड़क और 2 करोड़ 18 लाख 71 हजार की दूसरी सड़क बनाई गई. काम पूरा हो चुका है. इनका भुगतान पहले कार्य में 1 करोड़ 81 लाख 94 हजार और दूसरे काम में 1 करोड़ 73 लाख 88 हजार का भुगतान किया गया.

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र (ETV Bharat Chhattisgarh)

चंद्राकर ने आगे सवाल किया कि कार्य कितना हुआ. कितने कार्य का भुगतान हुआ. भुगतान ज्यादा हुआ या कम हुआ. इसपर गृहमंत्री ने जवाब दिया कि जो एसटीमेशन था उससे कम का है लेकिन ये मूल लागत के 10 प्रतिशत ज्यादा का टेंडर था. इस पर चंद्राकर ने कहा कि टेंडर के बारे में सवाल नहीं पूछा. मेरा सवाल है कि काम कितने का है और भुगतान कितना हुआ.

शर्मा ने कहा कि कुल भुगतान कम हुआ है. आगे चंद्राकर ने सवाल किया कि इस सड़क में क्या क्या गलती हुई. क्या शिकायत मिली, किसने जांच की, क्या कार्रवाई हुई.

सदन में सड़क पर हंगामा: विजय शर्मा ने जवाब दिया कि इस सड़क का निर्माण जिला निर्माण समिति की तरफ से माध्यम से बनाया गया. इसका विभाग से कोई लेनदेन नहीं था. जिला निर्माण समिति अपने हिसाब से जिला स्तर पर विभाग का चयन कर लेती है. जिला निर्माण समिति ने पीएमजेएसवाई का चयन किया. इसमें शिकायत मिली जिसके बाद जांच की गई. जांच में एसडीएम औऱ पांच लोगों की टीम बनाई गई. जिसके बाद निर्णय लिया गया कि ठेकेदार पर कार्रवाई होनी चाहिए. इसके अलावा इससे जुड़े जो अधिकारी थे उन पर भी जांच होनी चाहिए.

गृहमंत्री ने सड़क भ्रष्टाचार में 5 अधिकारियों को किया सस्पेंड: अजय चंद्राकर ने फिर अपना सवाल दोहराया. इस पर गृहमंत्री ने अपना जवाब दोहराया. जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ कि 2 करोड़ 1 लाख रुपये ठेकेदार से वसूली के लिए 3 जून 2024 को कहा गया. चंद्राकर ने बीच में टोका औऱ कहा कि भुगतान जब ज्यादा नहीं हुआ तो जांच समिति किस बात का पैसा वसूल रही है. चंद्राकर ने गृहमंत्री पर भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया. इसके बाद काफी देर तक सदन में हंगामा हुआ.

शर्मा ने कहा कि तत्कालीन समय में एक्ज्यूकिटिव इंजीनियर अनिल राठौर थे जो रिटायर हो चुके हैं, उनके खिलाफ जांच की जाएगी. दामोदार सिंह सिदार तत्कालीन कार्यपालन अभियंता थे उन्हें निलंबित किया जाएगा. विभागीय जांच भी की जाएगी. तारकेश्वर दीवान एसडीओ को निलंबित कर विभागीय जांच की जाएगी. आरवी पटेल सहायक अभियंता को निलंबित कर विभागीय जांच की जाएगी. एक उपअभियंता का निधन हो गया. रविकांत सारथी उप अभियंता को निलंबित किया जा चुका है. ठेकेदार के खिलाफ वसूली जांच और एफआईआर का आदेश किया गया. ब्लैक लिस्ट किया गया है. जिलास्तर पर काम को खत्म किया जा चुका है.

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रायपुर: कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में दंतेवाड़ा अंतर्गत डीएमएफ मद से स्वीकृत सड़क का सवाल पूछा. चंद्राकर ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री सड़क योजना मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेन्टर और हिरोली हेल्थ सेन्टर से हिरोली कैम्प डोकापारा तक सड़क की कुल लागत क्या थी. खर्च कितना हुआ, कितना भुगतान हुआ.

दंतेवाड़ा में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का मुद्दा: इसका जवाब गृहमंत्री विजय शर्मा ने दिया. उन्होंने कहा कि पीटी सड़क निर्माण मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेन्टर तक साढ़े 3 किलोमीटर और हिरोली कैंप से टेकापार तक साढ़े 3 किलोमीटर तक सड़क बनाई जा रही है. 2 करोड़ 18 लाख की पहली सड़क और 2 करोड़ 18 लाख 71 हजार की दूसरी सड़क बनाई गई. काम पूरा हो चुका है. इनका भुगतान पहले कार्य में 1 करोड़ 81 लाख 94 हजार और दूसरे काम में 1 करोड़ 73 लाख 88 हजार का भुगतान किया गया.

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चंद्राकर ने आगे सवाल किया कि कार्य कितना हुआ. कितने कार्य का भुगतान हुआ. भुगतान ज्यादा हुआ या कम हुआ. इसपर गृहमंत्री ने जवाब दिया कि जो एसटीमेशन था उससे कम का है लेकिन ये मूल लागत के 10 प्रतिशत ज्यादा का टेंडर था. इस पर चंद्राकर ने कहा कि टेंडर के बारे में सवाल नहीं पूछा. मेरा सवाल है कि काम कितने का है और भुगतान कितना हुआ.

शर्मा ने कहा कि कुल भुगतान कम हुआ है. आगे चंद्राकर ने सवाल किया कि इस सड़क में क्या क्या गलती हुई. क्या शिकायत मिली, किसने जांच की, क्या कार्रवाई हुई.

सदन में सड़क पर हंगामा: विजय शर्मा ने जवाब दिया कि इस सड़क का निर्माण जिला निर्माण समिति की तरफ से माध्यम से बनाया गया. इसका विभाग से कोई लेनदेन नहीं था. जिला निर्माण समिति अपने हिसाब से जिला स्तर पर विभाग का चयन कर लेती है. जिला निर्माण समिति ने पीएमजेएसवाई का चयन किया. इसमें शिकायत मिली जिसके बाद जांच की गई. जांच में एसडीएम औऱ पांच लोगों की टीम बनाई गई. जिसके बाद निर्णय लिया गया कि ठेकेदार पर कार्रवाई होनी चाहिए. इसके अलावा इससे जुड़े जो अधिकारी थे उन पर भी जांच होनी चाहिए.

गृहमंत्री ने सड़क भ्रष्टाचार में 5 अधिकारियों को किया सस्पेंड: अजय चंद्राकर ने फिर अपना सवाल दोहराया. इस पर गृहमंत्री ने अपना जवाब दोहराया. जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ कि 2 करोड़ 1 लाख रुपये ठेकेदार से वसूली के लिए 3 जून 2024 को कहा गया. चंद्राकर ने बीच में टोका औऱ कहा कि भुगतान जब ज्यादा नहीं हुआ तो जांच समिति किस बात का पैसा वसूल रही है. चंद्राकर ने गृहमंत्री पर भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया. इसके बाद काफी देर तक सदन में हंगामा हुआ.

शर्मा ने कहा कि तत्कालीन समय में एक्ज्यूकिटिव इंजीनियर अनिल राठौर थे जो रिटायर हो चुके हैं, उनके खिलाफ जांच की जाएगी. दामोदार सिंह सिदार तत्कालीन कार्यपालन अभियंता थे उन्हें निलंबित किया जाएगा. विभागीय जांच भी की जाएगी. तारकेश्वर दीवान एसडीओ को निलंबित कर विभागीय जांच की जाएगी. आरवी पटेल सहायक अभियंता को निलंबित कर विभागीय जांच की जाएगी. एक उपअभियंता का निधन हो गया. रविकांत सारथी उप अभियंता को निलंबित किया जा चुका है. ठेकेदार के खिलाफ वसूली जांच और एफआईआर का आदेश किया गया. ब्लैक लिस्ट किया गया है. जिलास्तर पर काम को खत्म किया जा चुका है.

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