रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र का आज 14वां दिन है. आज सदन में प्रश्नकाल के दौरान सदन में विधायक इंद्र साव ने स्वास्थ्य योजनाओं का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि बलौदाबाजार भाटापारा जिले में स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. सरकारी और मान्यता प्राप्त अस्पतालों में आयुष्मान,पीएम आरोग्य और खूब चंद बघेल योजना में गंभीर बीमारी का इलाज नहीं मिल रहा है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब में कहा कि "जिन अस्पतालों में शिकायत आएगी वहां कार्रवाई करेंगे."
देवभोग के स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त पदों पर सवाल: गरियाबंद जिले के देवभोग में संचालित सामुदायक स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त पदों का मामला भी सदन में उठा. विधायक जनकराम ध्रुव ने सुपेबेड़ा में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया और स्वास्थ्य मंत्री से जानकारी मांगी. उन्होंने पूछा कि, "देवभोग विकासखंड में कितने सामुदायक केंद्र है? विभाग के सेटअप में कितने पद रिक्त हैं. खाली पदों पर नियुक्तियां कब तक होंगी?" स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब में कहा कि "गरियाबंद जिले के देवभोग विकास खंड में सामुदायक केंद्र नहीं हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की संख्या 3 है. 22 उप स्वास्थ्य केंद्र भी संचालित हैं. 100 बिस्तर का सेटअप है. 22 फरवरी को ही 5 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है. विभाग के सेटअप में रिक्त पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया चल रही है."
डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया: विधायक जनकराम ध्रुव ने सुपेबेड़ा में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जब मंत्रियों के दौरे होते हैं, तब मुन्नाभाई एमबीबीएस की तरह अस्पताल चमकाया जाता है. स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब में कहा कि इस बजट में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने प्रस्ताव लाया गया है.
विश्वविद्यालयों के शोधपीठ पर सवाल: छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों के शोधपीठ को लेकर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल पूछा. अजय चंद्राकर ने कहा कि "जब इन्होंने उद्देश्य पूरा नहीं किया तो 3 साल में 146 करोड़ से ज्यादा की राशि अनुदान के तौर पर क्यों दी गई?" बृजमोहन अग्रवाल ने भी कहा कि "गठन के उद्देश्य पूरे नहीं हुए. जबसे शोधपीठों का गठन हुआ, तभी से ही इनमें पद रिक्त हैं. मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अनुदान मिला है, शोधपीठों को कोई अनुदान नहीं दिया गया है."
संत कबीर पर किताबों को लेकर सवाल: अजय चंद्राकर ने कहा कि संत कबीर पर एक ही साल में 3 किताबें लिखी गई. छपवाई कहां से गई? कर्मचारी-अधिकारी नहीं हैं तो छपाई कैसे हुई? ये रिकॉर्ड हुआ कि एक साल में 3 किताब छाप दी गई. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इसमें शासन का पैसा खर्च नहीं हुआ है. जिन विद्वान ने छपवाया है, उन्होंने खर्च किया होगा. पिछले 5 साल में शोधपीठों ने काम नहीं किया. आगे शोधपीठों का सुचारू संचालन होगा.
गुरु घासीदास शोधपीठ सहित कई शोधपीठ के अध्यक्ष नहीं बनाए गए. सिर्फ छत्तीसगढ़ी के नाम पर पिछली सरकार ने गुमराह किया. जिन 3 किताबों को लिखा गया है, वो मुझे भी लगता है जादू से लिखी गई है. हम इसके बारे में पता करेंगे. - बृजमोहन अग्रवाल, मंत्री, छत्तीसगढ़
किताब को लेकर सियासत: नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा, "विद्वान लेखक का नाम भी बता दीजिए. अगर किताब छपी है तो इसे सदन में बंटवा दीजिए, नहीं तो वस्तुस्थिति बताइए. किताब सिर्फ लिखी है कि छपी भी है?" बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, "मैंने जवाब दे दिया है. विभाग इन तीनों किताबों के बारे में पता करेगा. कबीर जी के नाम पर भी पिछली सरकार में गड़बड़ी हुई है. किताब मिल गई तो बंटवा देंगे."
स्कूल जतन योजना की मांगी जानकारी: विधायक अनिला भेड़िया ने स्कूल जतन योजना के तहत स्वीकृत कार्यों की जानकारी मांगी. उन्होंने पूछा कि "योजना के तहत जो काम शुरू नहीं हुए, उन कामों को शुरू करेंगे या निरस्त करेंगे?" मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब में कहा कि "योजना के तहत 724 कार्य पूर्ण है,234 कार्य अपूर्ण है. 40 कार्य शुरू ही नहीं हुए. इन 40 कामों का परीक्षण कराकर निर्णय लेंगे. कांग्रेस सरकार में योजना में अति की गई. एक कमरे के लिए 20 से 30 लाख खर्च किए." इस पर कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि "अति किया गया है कह रहे हैं, लेकिन जो काम किया वो अफसरों ने किया, इसमें जनप्रतिनिधि का क्या है. क्या इन अफसरों पर कारवाई करेंगे क्या?" मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "कार्रवाई शुरू करेंगे तो कोई नहीं बचेगा."