कांकेर : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के छोटे बेठिया आश्रम में नाबालिग छात्रा के गर्भवती होने के मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आज राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की तीन सदस्यीय टीम बालिका छात्रवास में जांच के लिए पहुंची थी. लेकिन छात्रा के परिजनों और ग्रामीणों ने पीड़ित छात्रा से मिलने नहीं दिया.
पीड़ित छात्रा से टीम नहीं मिल पाया आयोग : इस संबंध में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम लीडर प्रीति भरद्वाज ने कहा, "जगह-जगह बालिकाओं के लिए छात्रवास बना हुआ है. बच्चियां वहां रह कर पढ़ने के लिए आती हैं. उनको एक घर जैसा महौला मिलता है. सरकार उनके लिए खर्च भी करती है. लेकिन यहां बच्चों को सुविधा क्यों नहीं मिल रही है. बगल में किचन है, धुंआ निकल रहा है. बच्चों का कमरा बगल में है. यह प्रशासन की पूरी तरिके से लापरवाही है. पूरी तरीके से लापरवाही है."
"पीड़ित छात्रा से टीम नहीं मिल पाई. परिजनों और ग्रामीणों ने मिलने नहीं दिया. छात्रवास की बच्चियां बदतर हालात में रहने को मजबूर हैं. बड़ा सवाल है कि शासन से जो रकम बच्चियों पर खर्च किया जा रहा, क्या वह उन तक पहुंच भी रही है. राशन आ रहे हैं तो कहां जा रहा और रखा भी है तो उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा. रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष को सौंपी जाएगी." - प्रीति भरद्वाज, सदस्य, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग
विधायक से शिकायत के बाद सामने आई घटना : बीते शुक्रवार को ग्रामीणों ने इस घटना की शिकायत विधायक विक्रम उसेंडी से थी. ग्रामीणों ने पूरे केस में छात्रावास अधीक्षिका की लापरवाही को लेकर उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. कलेक्टर तक बात पहुंची तो फौरन छात्रावास अधीक्षिका को वहां से हटा दिया गया. घटना सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था. इस घटना को लेकर अब तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.
आश्रम अधीक्षिका पर गंभीर आरोप : छोटे बेठिया में पिछले दो साल से कन्या आवासीय विद्यालय का संचालन हो रहा है. वर्तमान में इस स्कूल सह छात्रावास के भवन का निर्माण नहीं हो पाया है. पहले से संचालित हायर सेकेंडरी स्कूल में ही बालिकाओं को पढ़ाया जा रहा है. उसी परिसर में माध्यमिक शाला भवन को बालिकाओं के छात्रावास में बदल दिया गया है. यहीं छात्राएं रहती हैं. अप्रैल महीने में यहां की एक 16 वर्षीय छात्रा के गर्भवती होने के बात सामने आई थी. आरोप है कि अश्राम अधीक्षिका ने इसकी शिकायत करने के बजाए आरोपी को बचाने और मामले को दबाने की कोशिश की. छात्रा को तत्काल परिजनों के पास भेज दिया. परिजनों ने जिले से बाहर जाकर उसका गर्भपात कराया, लेकिन गांव में इसकी चर्चा होती रही और मामला खुल गया.