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पटना में पारंपरिक गीतों के साथ छठव्रतियों ने बनाया कद्दू और चावल का प्रसाद, नहाए खाए के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान प्रारंभ - Chaithi Chhath Puja In Patna

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 12, 2024, 3:47 PM IST

Chaithi Chhath Puja In Patna: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज नहाए खाए के साथ शुरू हो गया है. ऐसे में पटना के ग्रामीण इलाकों में चैती छठ को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखते बन रहा है. पारंपरिक गीतों के साथ सभी छठवर्ति कद्दू का प्रसाद और चावल और चने का दाल बनाने में लगी है.

Chhath Puja In Patna
छठव्रतियों ने बनाया कद्दू और चावल का प्रसाद

पटना: जब खेतों में नई फसल कट कर खलिहानों में आ जाती है तो नई फसल की उत्साह और भगवान को अर्पण करने के लिए चैत महीने का चैती छठ किसानों मजदूरों के लिए यह बहुत ही खास पर्व माना गया है. ऐसे में चैती छठ ग्रामीण परिवेश में काफी उत्साह वाला पर्व माना जाता है.

साल में दो बार मनाया जाता छठ: दरअसल, साल में दो बार छठ पर्व मनाया जाता है. एक कार्तिक महीने में दूसरे चैत महीने में. लेकिन चैत महीने में जो छठ पर्व होते हैं, वह किसानों और मजदूरों के लिए काफी उत्साह से भरा पर्व होता है. बहरहाल लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय अनुष्ठान नहाए खाए के साथ प्रारंभ हो गया है.

पारंपरिक गीतों के साथ पूजा शुरू: मसौढ़ी के मन्नत पूरा करने वाले मणीचक सूर्य मंदिर धाम पर छठवर्तियों ने सुबह-सुबह उठकर पारंपरिक गीतों के साथ शुद्ध मन से कद्दू और चावल का प्रसाद, चने का दाल का प्रसाद बनाकर उसे आज ग्रहण करेंगे. उसके बाद कल से अपने भगवान श्री हरि विष्णु और सूर्य की उपासना के लिए तैयार हो जाएंगे.

पूजा में नहीं पंडित पुजारी की आवश्यकता: छठ को लेकर श्री राम जानकी ठाकुरवाडी मंदिर के मुख्य पुजारी गोपाल पांडे ने कहा कि भगवान सूर्य का उपासना वाला पर्व छठ पर्व काफी शुद्धता का प्रतीक होता है. इसमें सभी बर्तन प्रकृति प्रदत होते हैं जैसे सूप, टोकरी, चूल्हा, सब नेचुरल होते हैं. इसके अलावा इसमें कोई पंडित पुजारी की आवश्यकता नहीं होती है. यह धार्मिक अनुष्ठान का बहुत महानतम पर्व है. संतान सुख की प्राप्ति के लिए भगवान सूर्य से मनोकामना मांगते हैं. जो भक्त सच्चे दिल से सूर्य उपासना का पर्व करते हैं, उनकी मुराद मां जरूर पूरा करती हैं.

"घर में सुख शांति समृद्धि और संतान का प्राप्ति के लिए हम लोग छठ कर रहे हैं. आज नहाए खाए के दिन कद्दू चावल और चने का दाल का प्रसाद भोग लगाकर ग्रहण करेंगे." - सपना कुमारी, मणिचक, मसौढ़ी

"छठ पर्व हम लोग सभी अंतर्मन से करते हैं. घर और समाज में सुख समृद्धि आए, बच्चों और परिवार के बीच सुख शांति रहे, यही हमारी कामना है. इसी को लेकर हमलोग पूजा करते हैं और पूरे निष्ठा के साथ छठ मनाते हैं." - शांति देवी, मणिचक, मसौढ़ी

इसे भी पढ़े- नहाय खाय के साथ आज से चैती छठ की शुरुआत, जानें अर्घ्य का शुभ मुहूर्त - Chaiti Chhath Puja In Patna

पटना: जब खेतों में नई फसल कट कर खलिहानों में आ जाती है तो नई फसल की उत्साह और भगवान को अर्पण करने के लिए चैत महीने का चैती छठ किसानों मजदूरों के लिए यह बहुत ही खास पर्व माना गया है. ऐसे में चैती छठ ग्रामीण परिवेश में काफी उत्साह वाला पर्व माना जाता है.

साल में दो बार मनाया जाता छठ: दरअसल, साल में दो बार छठ पर्व मनाया जाता है. एक कार्तिक महीने में दूसरे चैत महीने में. लेकिन चैत महीने में जो छठ पर्व होते हैं, वह किसानों और मजदूरों के लिए काफी उत्साह से भरा पर्व होता है. बहरहाल लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय अनुष्ठान नहाए खाए के साथ प्रारंभ हो गया है.

पारंपरिक गीतों के साथ पूजा शुरू: मसौढ़ी के मन्नत पूरा करने वाले मणीचक सूर्य मंदिर धाम पर छठवर्तियों ने सुबह-सुबह उठकर पारंपरिक गीतों के साथ शुद्ध मन से कद्दू और चावल का प्रसाद, चने का दाल का प्रसाद बनाकर उसे आज ग्रहण करेंगे. उसके बाद कल से अपने भगवान श्री हरि विष्णु और सूर्य की उपासना के लिए तैयार हो जाएंगे.

पूजा में नहीं पंडित पुजारी की आवश्यकता: छठ को लेकर श्री राम जानकी ठाकुरवाडी मंदिर के मुख्य पुजारी गोपाल पांडे ने कहा कि भगवान सूर्य का उपासना वाला पर्व छठ पर्व काफी शुद्धता का प्रतीक होता है. इसमें सभी बर्तन प्रकृति प्रदत होते हैं जैसे सूप, टोकरी, चूल्हा, सब नेचुरल होते हैं. इसके अलावा इसमें कोई पंडित पुजारी की आवश्यकता नहीं होती है. यह धार्मिक अनुष्ठान का बहुत महानतम पर्व है. संतान सुख की प्राप्ति के लिए भगवान सूर्य से मनोकामना मांगते हैं. जो भक्त सच्चे दिल से सूर्य उपासना का पर्व करते हैं, उनकी मुराद मां जरूर पूरा करती हैं.

"घर में सुख शांति समृद्धि और संतान का प्राप्ति के लिए हम लोग छठ कर रहे हैं. आज नहाए खाए के दिन कद्दू चावल और चने का दाल का प्रसाद भोग लगाकर ग्रहण करेंगे." - सपना कुमारी, मणिचक, मसौढ़ी

"छठ पर्व हम लोग सभी अंतर्मन से करते हैं. घर और समाज में सुख समृद्धि आए, बच्चों और परिवार के बीच सुख शांति रहे, यही हमारी कामना है. इसी को लेकर हमलोग पूजा करते हैं और पूरे निष्ठा के साथ छठ मनाते हैं." - शांति देवी, मणिचक, मसौढ़ी

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