Chhath Puja 2024 Arghya : आस्था के महापर्व छठ में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है. छठ का व्रत महिलाएं घर की सुख-समृद्धि और अपने संतान की लंबी उम्र के लिए रखा करती हैं. 5 नवंबर को नहाए-खाए से इसकी शुरुआत हो चुकी है और 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ इस महापर्व का समापन होगा. छठ पूजा का तीसरा दिन काफी ज्यादा अहम होता है क्योंकि इस दिन शाम के वक्त डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
संध्या के वक्त अर्घ्य : छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के वक्त सूर्य देवता को प्रसन्न करने के लिए अर्घ्य देना होता है क्योंकि ऐसा करके व्रती महिलाएं जहां सूर्य देव के प्रति आभार जताती हैं तो वहीं परिवार के कल्याण और संतान के सुख की कामना भी करती हैं. हर महिला चाहती हैं कि सूर्य देव उनकी मनचाही मुराद पूरी कर दें. ऐसे में महिलाएं छठ के तीसरे दिन संध्या के वक्त घाट पर परिवार के साथ जाकर सूर्य को अर्घ्य देती हैं. ऐसे में जानिए कि आप पूरे विधि-विधान के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य कैसे दे सकती हैं और आपको कौन-कौन सी सामग्री को अपने साथ जरूर रखना चाहिए.
सूर्य देव को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त : छठ पूजा के तीसरे दिन अगर अर्घ्य देने के शुभ मुहूर्त की बात करें तो सूर्यास्त के समय शहरों में सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाएगा. अगर बिहार की राजधानी पटना की बात करें तो यहां पर शाम 5.05 मिनट पर अर्घ्य दिया जाएगा, जबकि देश की राजधानी दिल्ली में शाम 5.33 मिनट पर अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं चंडीगढ़ में शाम 5.31 मिनट पर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा.
शहर | अर्घ्य देने का वक्त |
पटना | शाम 5.05 बजे |
दिल्ली | शाम 5.33 बजे |
चंडीगढ़ | शाम 5.31 बजे |
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सामग्री : भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए आपको कुछ सामग्री अपने पास जरूर रख लेना चाहिए. इनमें दूध, दही, शहद, गन्ना, फल, फूल, ठेकुआ, नारियल, तांबे का लोटा, गंगाजल, अगरबत्ती, चंदन, दीपक, घी, रोली, बांस की बनी टोकरी होनी चाहिए.
सूर्य देव को कैसे दें अर्घ्य : छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती महिला को सुबह जल्दी किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. अगर नदी ना हो तो आप घर में ही स्नान करें. इसके बाद स्वच्छ होकर स्थल को साफ करके वहां पर एक चौकी रखें. चौकी पर भगवान सूर्य की तस्वीर या प्रतिमा रखें. इसके बाद वहां पर शुद्ध घी का दीपक जलाएं. फिर फल, फूल, ठेकुआ, गन्ना समेत बाकी प्रसाद सामग्री सूर्य देव को अर्पित करना चाहिए. फिर प्रसाद की थाली हाथ में लेकर डूबते हुए सूर्य की ओर मुख करते हुए खड़े हो जाएं. इसके बाद “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ श्री सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. अर्घ्य देने के बाद सूर्य देव को प्रणाम करें और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के साथ मनचाही मुराद मांग लें.
छठ में सूर्य की पूजा का महत्व : आस्था के महापर्व छठ के दौरान भगवान सूर्य के साथ छठी मैया की पूजा भी की जाती है. इस दौरान लोग अपने परिवार की खुशहाली और संतान के लंबी उम्र की कामना करते हैं. भगवान सूर्य को धरती पर जीवन, ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. माना जाता है कि सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
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