कुल्लू: जिले के ट्रैक रूटों में अब वन विभाग चेक पोस्टें स्थापित करने की तैयारी में है जिससे पहाड़ों पर अब ट्रैकर्स लापता ना हो सकें. कुल्लू प्रशासन और वन विभाग ने जिला कुल्लू के तीन ट्रैक रूटों को चिन्हित किया है. जल्द ही यहां चेक पोस्ट स्थापित कर ली जाएंगी.
जिला कुल्लू के ट्रैकिंग रूटों में लगातार लापता हो रहे टैकर्स के मामलों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. जानकारी के मुताबिक इस बार सितम्बर महीने तक ट्रैक रूटों पर यह चेक पोस्ट स्थापित की जाएंगी. इससे ट्रैकिंग रूटों में लापता होने या रास्ता भटकने वाले ट्रैकर्स को समय पर रेस्क्यू किया जा सकता है. इसके साथ ही इन रूटों पर जाने वाले ट्रैकर्स का रिकॉर्ड भी तैयार हो पायेगा. जिला कुल्लू में एडवेंचर टूरिज्म को रेगुलेट करने के लिए बनाई गई एडवेंचर टूरिज्म कमेटी इस पर काम कर रही है. अब जल्द ही ट्रैकिंग रूट पर चेकपोस्ट स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
3 ट्रैक रूटों पर स्थापित होंगे चेकपोस्ट
हालांकि जिले में दर्जनों ट्रैक रूट मौजूद हैं लेकिन फिलहाल एडवेंचर टूरिज्म कमेटी ने जिले के तीन ट्रैक रूटों हमटा पास, खीरगंगा और व्यास कुण्ड ट्रैक पर चेक पोस्टें लगाने का फैसला लिया है. जिले के ट्रैक रूटों में लगने वाली चेक पोस्ट पर हालांकि एडवेंचर टूरिज्म कमेटी की अहम भूमिका रहेगी. इसके अलावा ट्रैक रूटों को रेगुलेट करने से लेकर तमाम व्यवस्था में प्रशासन के साथ पर्यटन विभाग, पुलिस और वन विभाग की भी भूमिका रहेगी. इसके अलावा अब स्थानीय पंचायती राज के प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी ताकि अगर कोई ट्रैकर जंगल में खो जाए तो स्थानीय लोग भी रेस्क्यू करने में प्रशासन की मदद कर सके.
कुल्लू जिला में इन तीन ट्रैकिंग रूटों के अलावा पिन वैली, कसोल से मलाणा, मलाणा से चंद्रखणी, चंद्रखणी से नग्गर, कसोल से रशोल, कसोल से बरौनी-खीरगंगा, मानतलाई, बुनकुनी ट्रैक, कसोल से कालगा, चुनचुनी, खीरगंगा से वापस बरौनी, बठाहड़-बागा सराहन सहित दर्जनों ट्रैक रूट हैं जिनको रेगुलेट करने के लिए आने वाले समय में इस तरह की व्यवस्था करने की भी योजना है.
113 पर्यटक हो चुके हैं लापता
बीते 32 सालों में कुल्लू जिले के ट्रैक रूटों में 113 पर्यटक लापता हुए हैं जिनमें से 93 लापता लोगों को पुलिस ने खोज लिया लेकिन 20 लापता सैलानियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. साल 1992 से लेकर अब तक कुल्लू जिले में लापता हुए पर्यटकों में से 20 का अभी तक पता नहीं चल पाया है. इनमें ऑस्ट्रेलिया के चार, इजराइल के तीन, अमेरिका के तीन, स्विट्जरलैंड के दो, नीदरलैंड के दो और आयरलैंड, इंग्लैंड, इटली, रूस, कनाडा व युगोस्लाविया का एक-एक पर्यटक शामिल हैं.
जिला कुल्लू के चंद्रखणी दर्रे में 11 मार्च 2016 को करीब 70 घंटे से लापता संत लोंगोवाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संगरूर के आठ छात्रों को हेलीकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू किया गया था. समुद्रतल से करीब 12 हजार फीट ऊंचे चंद्रखणी जोत पर फंसे इंजीनियरिंग छात्रों को मौत को मात देकर निकाला गया था.
इसके अलावा 17 अप्रैल 2015 को बशलेऊ जोत में भी ट्रैकर फंसे थे जिन्हें भी सुरक्षित निकाला गया था. साल 2022 में अली रत्नी टिब्बा में कोलकाता के चार ट्रैकर लापता हो गए थे जिन्हें बाद में खोज लिया गया था. साल 2022 में भी मणिकर्ण की पहाड़ियों पर दिल्ली के दो पर्यटक लापता हो गए थे जिन्हें स्थानीय पुलिस व रेस्क्यू टीम ने तलाश कर लिया था.
मणिकर्ण घाटी में पार्वती वैली ट्रैकिंग एसोसिएशन के संचालक ढाले राम ने बताया कि चेक पोस्ट लगने से इस बात का पता चल पाएगा कि कितने सैलानी ट्रैकिंग रूट पर निकले हैं उनकी एंट्री से यह पता चल पाएगा कि वो वापस आए हैं या नहीं क्योंकि कई बार सैलानी बिना गाइड के पहाड़ों पर चढ़ने लग जाते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं.
लापता होने वाले ट्रैकरों को पहाड़ों में तलाश करने के लिए भी काफी दिक्कतें पेश आती हैं. ऐसे में कोई भी सैलानी बिना गाइड के ट्रैकिंग रूट पर ना जाए. जिला कुल्लू में कई और भी ट्रेकिंग रूट हैं और वहां पर भी सरकार को इस तरह की व्यवस्था करनी चाहिए. इसके अलावा प्रदेश के अन्य ट्रैकिंग रूट पर भी इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए.
डीएफओ कुल्लू एंजेल चौहान ने बताया "ट्रैक रूटों पर जाने वाले ट्रैकरों के पंजीकरण के लिए चेक पोस्ट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है अभी तीन ट्रैक रूटों का चयन किया गया है जिसमें सितंबर महीने तक चेक पोस्टें स्थापित कर दी जाएंगी. चेक पोस्ट स्थापित होने से ट्रैकरों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. एडवेंचर टूरिज्म कमेटी ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके स्थापित होने से ट्रैक रूटों में जाने वाले ट्रैकरों का डेटा भी तैयार होगा."
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