मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : भरतपुर का चांग माता मंदिर अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है. चांग माता का मंदिर भरतपुर के भगवानपुर गांव में स्थित है. ये मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है.यहां शारदीय नवरात्र पर्व के दौरान हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस दौरान माता रानी की पूजा-अर्चना करते हैं. भक्तों का मानना है कि यहां आने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
नवरात्रि का आयोजन और धार्मिक अनुष्ठान : नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में 205 घी और 103 तेल के कलश स्थापित किए गए हैं, जिनमें ज्योति कलश की स्थापना कर माता की आराधना की जा रही है. सुबह-शाम विशेष पूजा, अर्चना और मंगल आरती का आयोजन हो रहा है. नवमी के दिन कन्या भोज का भी आयोजन किया जाता है.
प्राचीन इतिहास और आस्था की गाथा : माता चांग का ये मंदिर करीब डेढ़ सौ साल पुराना माना जाता है.कहा जाता है कि पहले मां की मूर्ति एक पेड़ के नीचे रखी गई थी, जिसे बैगा पूजते थे. समय के साथ इस स्थान ने आस्था का केंद्र बनकर कई भक्तों को आकर्षित किया.आज यह स्थान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों से आने वाले भक्तों के लिए धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन गया है.
20 वर्षों से हर नवरात्रि में यहां आते हैं. मंदिर में माता की कृपा से उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.परिवार की सुख-समृद्धि के लिए आया हूं. चांग माता का यह स्थान अत्यंत पवित्र है- कमलेश कुमार सेन,श्रद्धालु
वहीं मंदिर पहुंचे भक्त विष्णु तिवारी ने बताया कि यहां मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य कई राज्यों से देवी मां के भक्त पहुंचते हैं. नवमी के दिन यहां भंडारे का भी आयोजन होता है. जहां दूरदराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर के सेवादार श्यामलाल ने बताया कि यहां घी और तेल के दीपक प्रज्जवलित किए गए हैं.
मंदिर में 205 घी के दीपक भक्तों के सहयोग से जलाए जा रहे हैं. निरंतर आरती, सिंगार, और हवन होता है. अष्टमी के दिन विशेष भंडारे का आयोजन किया जाता है. जहां दूर-दराज से भक्त माता के आशीर्वाद लेने आते हैं- श्यामलाल, सेवादार
स्थानीय लोगों की माने तो चांग माता बालंग राजा की कुलदेवी हैं.इसलिए नवरात्रि के अवसर पर माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. मां दुर्गा अपने नौ रूपों में आती हैं .भक्त 9 दिन तक माता रानी के उपासना में लीन होकर पूजा अर्चना करते हैं. नवरात्र में मंदिर के पास भव्य मेले का आयोजन होता है.