नई दिल्ली: दिल्ली का चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. दिल्ली के क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले 7 संसदीय क्षेत्रों में से एक चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र सबसे खास है. चांदनी चौक पुरानी दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है. इस लोकसभा सीट पर 2024 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 8,66,127 और महिला वोटर्स की संख्या 7,43,443 है. भारतीय निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में कुल 16,09,730 मतदाता हैं.
चांदनी चौक लोकसभा सीट का इतिहास: चांदनी चौक लोकसभा सीट 1956 अस्तित्व में आई. यहां पर सबसे पहला चुनाव साल 1957 में हुआ था, तब कांग्रेस के राधा रमण ने जीत दर्ज की थी. 1957 से 2019 तक लोकसभा चुनाव में नौ बार कांग्रेस ने जीती दर्ज की है. इस लोकसभा सीट पर पिछले दो लोकसभा चुनाव से भाजपा का कब्जा रहा है. 2014 और 2019 भाजपा के डॉ हर्षवर्धन ने बाजी मारी. चांदनी चौक लोकसभा के अंतर्गत सबसे अधिक वैश्य, अनुसूचित जाति और मुस्लिम मतदाता हैं.
भाजपा ने प्रवीण खंडेलवाल को बनाया उम्मीदवार: चांदनी चौक लोकसभा सीट के अंतर्गत लाल किला है, जिसके प्राचीर से प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करते हैं. वर्ष 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार सिकंदर बख्त इस लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे. अभी तक इस सीट से वह इकलौते मुस्लिम सांसद हैं. पिछले दो लोकसभा चुनावों में भाजपा से पीएम मोदी की लहर में डॉ. हर्षवर्धन को जनता ने सांसद चुना था. इस बार भाजपा ने डॉ. हर्षवर्धन का टिकट काट दिया है. व्यापारियों को साधने के लिए भाजपा ने इस बार कारोबारी प्रवीण खंडेलवाल को टिकट दिया है.
व्यापारी मतदाताओं को साधने का प्रयास: प्रवीण खंडेलवाल दिल्ली के एक प्रमुख व्यवसायी हैं. वह कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स नामक संस्था के संस्थापक व राष्ट्रीय महासचिव हैं. 2017 में खंडेलवाल को जीएसटी पैनल का हिस्सा बनाने के लिए नामांकित किया गया था. जुलाई 2021 में खंडेलवाल को केंद्र सरकार के पैनल के सलाहकार के रूप में ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स का सदस्य भी बनाया गया. चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल को उतारकर भाजपा ने व्यापारी मतदाताओं को साधने का पूरा प्रयास किया है. क्योंकि मुस्लिम वोट भाजपा को बहुत कम मिलते हैं.
AAP और कांग्रेस में गठबंधन: दिल्ली में इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी चार और कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. चांदनी चौक लोकसभा सीट कांग्रेस के हिस्से में है. अभी तक कांग्रेस ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. बता दें कि ज्यादातर मुस्लिम मतदाता इंडिया के पक्ष में रहेंगे. इस बार कांग्रेस की व्यापारी वोटरों को साधने वाले व्यक्ति को ही अपना उम्मीदवार बना सकती है.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के भाजपा से ज्यादा वोट मिले थे. लेकिन 2019 में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ गया. 2014 में कांग्रेस ने कपिल सिब्बल को उतारा था तो आम आदमी पार्टी से भी कम वोट मिले थे. 2019 में वैश्य समाज से जय प्रकाश अग्रवाल को उतारा था. इसके बाद कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ गया था. इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर भाजपा को टक्कर देगी.
इस लोकसभा क्षेत्र के सभी 10 विधानसभा में आप के विधायकः चांदनी चौक लोकसभा सीट के अंतर्गत उत्तर-पश्चिम, सेंट्रल और नार्थ दिल्ली जिले आते हैं. वहीं, 10 विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें आदर्श नगर, शालीमार बाग, शकूर बस्ती, त्रिनगर, वजीरपुर, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक, मटिया महल और बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र हैं. इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. इसका भी फायदा इंडिया गठबंधन को जरूर मिलेगा.