पंचकूला: चंडीगढ़ में करीब 4 साल बाद प्रशासन द्वारा कलेक्टर रेट बढ़ाने के मामले में लोग विरोध जता रहे है. चंडीगढ़ व्यापार मंडल, रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारी सहित आम लोगों ने कलेक्टर रेट बढ़ाने के फैसले का विरोध किया है. चंडीगढ़ में रिवाइज्ड कलेक्टर रेट 1 अप्रैल से लागू होंगे. कलेक्टर रेट के बढ़ने से इसका सीधा असर शहर के बड़े प्रोजेक्ट पर भी पड़ेगा. इससे लोगों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना-बेचना मुश्किल हो जाएगा.
चंडीगढ़ में पहले ही अधिक है कलेक्टर रेट: प्रॉपर्टी फेडरेशन चंडीगढ़ के अध्यक्ष कमलजीत सिंह पंछी ने चंडीगढ़ प्रशासन के कलेक्टर रेट बढ़ाने के फैसले का विरोध किया है है. रेट बढ़ाने को उन्होंने गलत कहा है. उन्होंने कहा कि, "चंडीगढ़ में पहले ही कलेक्टर रेट ज्यादा है. सेक्टर 7, 26, 17 और सेक्टर 34 में कलेक्टर रेट अधिक हैं. चंडीगढ़ में शेयर वाइज रजिस्ट्री बंद होने के बाद से लोग अधिक परेशान हैं. अब कलेक्टर रेट बढ़ने से जो कोई पूरी प्रॉपर्टी खरीदना चाहता होगा, वह भी नहीं खरीद सकेगा. कलेक्टर रेट बढ़ने से प्रशासन की ऑक्शन पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि रेट अधिक होने से निवेशक दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे. इससे पहले मैंने प्रशासन को पत्र लिखकर उनके किसी सदस्य को कमेटी में शामिल किए जाने की अपील की गई थी, ताकि वे प्रशासन के समक्ष अपना पक्ष रख सकें."
चंडीगढ़ व्यापार मंडल के पूर्व प्रधान ने जताई आपत्ति: चंडीगढ़ व्यापार मंडल के पूर्व प्रधान और मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 44/डी के प्रधान अनिल वोहरा ने भी चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से कलेक्टर रेट बढ़ने का विरोध किया है. चंडीगढ़ में पहले ही कलेक्टर रेट अधिक है. भले ही रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी हो या फिर कमर्शियल, दोनों तरफ से उन्हें मार झेलनी पड़ती है, क्योंकि चंडीगढ़ में कारोबार होने के साथ ही मैं यहां का निवासी हूं. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन को पहले पूर्व में बढ़ाए गए कलेक्टर रेट रिव्यू करने चाहिए. यदि रेट सही होंगे तो प्रॉपर्टी बिकेगी भी और ट्रांसफर भी होगी. उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से व्यापार मंडल के प्रधान सरदार चरणजीत सिंह की ओर से भी कलेक्टर रेट नहीं बढ़ाने की अपील की, यहां तक कि पूर्व में बढ़ाए गए रेट भी काम करने को कहा."
मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ेगा ज्यादा असर: रियल एस्टेट कारोबारी मुकेश गोयल ने कहा, "प्रशासन द्वारा कलेक्टर रेट रिवाइज किए जाने पर सबसे अधिक बोझ मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ेगा. यूटी प्रशासन केवल रेवेन्यू जेनरेट करने की सोचता है, जबकि आम लोगों की सुविधा बारे भी सोचना चाहिए. शहर में फ्लोर वाइज रजिस्ट्री बंद होने के बाद से चंडीगढ़ के लोग पहले ही ट्राई सिटी में बंट गए हैं. चंडीगढ़ के कलेक्टर रेट को ट्राईसिटी में पहले ही दोगुना बताया."
स्टांप ड्यूटी 1% बढ़ाने का सुझाव: रियल एस्टेट कारोबारी मुकेश गोयल ने कलेक्टर रेट रिवाइज करने का विरोध करते हुए कहा, "यदि यूटी प्रशासन ऐसा कुछ करना चाहता भी है तो चंडीगढ़ में स्टांप ड्यूटी 5% है, जिसे बढ़ाकर 6% कर सकता है. इससे लगभग वही औसत आ जाती है. इससे लोगों पर अधिक बोझ नहीं पड़ेगा और रेवेन्यू भी जनरेट हो जाएगा."
चंडीगढ़ में कमर्शियल प्रॉपर्टी का वर्तमान कलेक्टर रेट: इससे पहले चंडीगढ़ प्रशासन ने 12 अप्रैल 2021 में कलेक्टर रेट का शेड्यूल जारी किया था. इस शेड्यूल के अनुसार शहर में रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी के रेट अलग-अलग जगहों के अनुसार अलग-अलग है. शहर के इंडस्ट्रियल फेस-1 और फेस-2 में कमर्शियल प्रॉपर्टी के रेट 62,599 प्रति स्क्वायर यार्ड निर्धारित किए गए थे. जबकि कोयला डिपो, चक्की साइट, आयरन मार्केट, टिंबर मार्केट और ट्रांसपोर्ट एरिया का निर्धारण कलेक्टर रेट 92,664 प्रति स्क्वायर यार्ड है. इसी प्रकार अलग-अलग सेक्टरों में कमर्शियल प्रॉपर्टी के रेट भी अलग-अलग निर्धारित किए गए थे.
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी का वर्तमान कलेक्टर रेट: चंडीगढ़ में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी का रेट भी अलग-अलग सेक्टर में अलग-अलग निर्धारित है. सेक्टर 1 से 12 तक कलेक्टर रेट 78,250 रुपए प्रति स्क्वायर यार्ड है. सेक्टर 14 से सेक्टर 37 तक कलेक्टर रेट 74,338 रूपये प्रति स्क्वायर यार्ड, सेक्टर 38 और इससे अगले सेक्टरों में कलेक्टर रेट 70,424 प्रति स्क्वायर यार्ड निर्धारित है. इसके अलावा हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट, इंडस्ट्रियल हाउस और कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट का निर्धारित कलेक्टर रेट 70,424 प्रति स्क्वायर यार्ड (इंडिपेंडेंट) है. ग्राउंड फ्लोर पर 4500 रूपये प्रति स्क्वायर फीट, फर्स्ट फ्लोर पर 4050 रूपये प्रति स्क्वायर फीट, सेकंड फ्लोर पर 3645 रूपये और थर्ड फ्लोर पर 3280 रुपये प्रति स्क्वायर फीट निर्धारित है.
5 मार्च को ड्राफ्ट कलेक्टर रेट नोटिफाई: चंडीगढ़ के डीसी निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में बीते मंगलवार को कलेक्टर- रेट्स की रिवीजन के लिए बनाई कमेटी की मीटिंग हुई थी. इसके बाद 5 मार्च को प्रशासन ड्राफ्ट कलेक्टर रेट्स नोटिफाई करेगा. इसमें एग्रीकल्चर लैंड और कुछ नई क्षेत्रों के रेट्स में बढ़ोतरी की जा सकती है. कृषि भूमि को लेकर पिछले लंबे समय से किसान मांग कर रहे हैं. इंडस्ट्रियल एरिया, मध्य मार्ग में कमर्शियल बेल्ट, सेक्टर-17 व अन्य कैटेगरी की प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट्स में बदलाव किया जा सकता है.
हरियाणा विधानसभा बिल्डिंग के लिए अधिक कीमत:यदि चंडीगढ़ में कलेक्टर रेट बढ़ाए जाते हैं तो चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए हरियाणा को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है. साथ ही इस्टेट ऑफिस द्वारा कोई ऑक्शन की जाती है तो उस पर भी असर पड़ेगा. जमीन को कलेक्टर रेट से कम पर नहीं बेचा जा सकता. मीटिंग में तय किया गया था मार्केट वैल्यू के हिसाब से ही राइट टू फेयर कम्प्नसेशन एंड ट्रांसपेरेंसी इन लैंड एक्विजिशन, रिहैब्लिटेशन एंड रिसेटलमेंट एक्ट 2013 के प्रावधानों को तय किया जाएगा.
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