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चंडीगढ़ में अब टैक्स डिफॉल्टर्स की खैर नहीं, मेयर बोले - वसूला जाएगा प्रॉपर्टी और वॉटर टैक्स

चंडीगढ़ में टैक्स डिफॉल्टर्स की अब खैर नहीं है. नगर निगम के मेयर कुलदीप कुमार ने कहा है कि डिफॉल्टर्स से कर वसूल किया जाएगा.

Chandigarh Municipal Corporation Mayor Kuldeep Kumar
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर कुलदीप कुमार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 6, 2024, 10:56 PM IST

चंडीगढ़: नगर निगम को वित्तीय संकट से बचाने के लिए रेवेन्यू जनरेट करने जैसे मुद्दे पर मेयर और कमिश्नर की नगर निगम के अलग-अलग विंग के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक हो चुकी है. अब सभी विभाग अपने काम में लग गए हैं. ऐसे में मेयर की ओर से एक हफ्ते तक सभी विभाग के अधिकारियों से अपडेट लिया जायेगा. इस बीच मेयर ने डिफॉल्टरों से राशि वसूलने, नए मीटर लगाने और बकाया राशि पर अपने विचार रखें.

जल्द राशि वसूली जाएगी : बता दें कि इस मीटिंग में निगम कमिश्नर अमित कुमार और नगर निगम के सीनियर ऑफिसर शामिल हुए थे. मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मेयर कुलदीप कुमार ने विभागों से इनकम सोर्स तलाशने और डिफॉल्टिंग के दायरे में आने वालों से राशि को जल्द से जल्द वसूल करने की प्रक्रिया पर जोर देने का निर्देश दिया है.

चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर कुलदीप कुमार (ETV Bharat)

खराब वॉटर मीटरों को हटाया जाएगा : मेयर कुलदीप कुमार ने बताया कि मैंने अधिकारियों को वाटर बिलों को एकत्रित करने, डिफाल्टर से वसूल करने और नियमों के अनुसार डिफॉल्टर्स को दंडित करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि इस प्रक्रिया के दौरान खराब वॉटर मीटरों को भी हटाया जाएगा. उनकी जगह पर नए वॉटर मीटर लगाए जाएंगे. ऐसे में एवरेज वॉटर बिलों वाले कंज्यूमर को भी मीटर लगाए जाएंगे, जिसके चलते म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का रेवेन्यू में इजाफा होगा.

प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाना होगा : मेयर ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स और वॉटर बिलों की डिफॉल्टिंग अमाउंट को रिकवर किया जाएगा. इस बीच लोगों को भी प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाना होगा. प्रॉपर्टी टैक्स की डिफॉल्टिंग राशि काफी बड़ी है. जिसे पिछले नेताओं ने अनदेखा किया है. अब निगम के अधिकारी उसे भी रिकवर करेंगे. उन्होंने कहा कि डिफॉल्टिंग के लिए वसूल नोटिस जारी किए गए हैं.

8 साल में इन्होंने बकाया की भरपाई नहीं की : भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा का काम राजनीति करना है. इससे पहले 8 साल से उनकी सरकार चल रही थी, लेकिन किसी की ओर से भी इसकी भरपाई नहीं की गई.

PU & PGI की बकाया पर ये कहा : पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआई से मिलने वाले बकाया राशि पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस संबंध में दोनों संस्थाओं के अधिकारियों के साथ बातचीत की गई है. इंस्टॉलमेंट के तौर पर बकाया वापस करने के संबंध में वे जल्द ही नगर निगम को अपना जवाब देंगे.

इसे भी पढ़ें : चंडीगढ़ में आज बड़ी बैठक, प्रॉपर्टी टैक्स पर होगा मंथन

चंडीगढ़: नगर निगम को वित्तीय संकट से बचाने के लिए रेवेन्यू जनरेट करने जैसे मुद्दे पर मेयर और कमिश्नर की नगर निगम के अलग-अलग विंग के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक हो चुकी है. अब सभी विभाग अपने काम में लग गए हैं. ऐसे में मेयर की ओर से एक हफ्ते तक सभी विभाग के अधिकारियों से अपडेट लिया जायेगा. इस बीच मेयर ने डिफॉल्टरों से राशि वसूलने, नए मीटर लगाने और बकाया राशि पर अपने विचार रखें.

जल्द राशि वसूली जाएगी : बता दें कि इस मीटिंग में निगम कमिश्नर अमित कुमार और नगर निगम के सीनियर ऑफिसर शामिल हुए थे. मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मेयर कुलदीप कुमार ने विभागों से इनकम सोर्स तलाशने और डिफॉल्टिंग के दायरे में आने वालों से राशि को जल्द से जल्द वसूल करने की प्रक्रिया पर जोर देने का निर्देश दिया है.

चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर कुलदीप कुमार (ETV Bharat)

खराब वॉटर मीटरों को हटाया जाएगा : मेयर कुलदीप कुमार ने बताया कि मैंने अधिकारियों को वाटर बिलों को एकत्रित करने, डिफाल्टर से वसूल करने और नियमों के अनुसार डिफॉल्टर्स को दंडित करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि इस प्रक्रिया के दौरान खराब वॉटर मीटरों को भी हटाया जाएगा. उनकी जगह पर नए वॉटर मीटर लगाए जाएंगे. ऐसे में एवरेज वॉटर बिलों वाले कंज्यूमर को भी मीटर लगाए जाएंगे, जिसके चलते म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का रेवेन्यू में इजाफा होगा.

प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाना होगा : मेयर ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स और वॉटर बिलों की डिफॉल्टिंग अमाउंट को रिकवर किया जाएगा. इस बीच लोगों को भी प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाना होगा. प्रॉपर्टी टैक्स की डिफॉल्टिंग राशि काफी बड़ी है. जिसे पिछले नेताओं ने अनदेखा किया है. अब निगम के अधिकारी उसे भी रिकवर करेंगे. उन्होंने कहा कि डिफॉल्टिंग के लिए वसूल नोटिस जारी किए गए हैं.

8 साल में इन्होंने बकाया की भरपाई नहीं की : भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा का काम राजनीति करना है. इससे पहले 8 साल से उनकी सरकार चल रही थी, लेकिन किसी की ओर से भी इसकी भरपाई नहीं की गई.

PU & PGI की बकाया पर ये कहा : पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआई से मिलने वाले बकाया राशि पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस संबंध में दोनों संस्थाओं के अधिकारियों के साथ बातचीत की गई है. इंस्टॉलमेंट के तौर पर बकाया वापस करने के संबंध में वे जल्द ही नगर निगम को अपना जवाब देंगे.

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