चंडीगढ़: आखिरकार पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम मेयर चुनाव कराने को लेकर निर्देश जारी कर दिया है. पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की डबल बेंच ने चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर के चुनाव को लेकर 30 जनवरी की तारीख तय कर दी है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव 30 जनवरी को सुबह 10:00 बजे करवाए जाएंगे. वहीं, पुलिस प्रशासन को भी इस बार मुस्तैद रहने के लिए कहा गया है. कोर्ट के फैसले पर राजनीतिक गलियारे में वार-पलटवार का दौर जारी है.
कांग्रेस की बीजेपी को नसीहत: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लक्की ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है. एच एस लक्की ने कहा कि मेयर चुनाव में अनावश्यक देरी की जा रही है और कोर्ट ने सही ही चुनाव की तारीख बदली है. एच एस लक्की ने चंडीगढ़ प्रशासन से बिना किसी पूर्वाग्रह और दबाव के स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने की अपील की क्योंकि पूरा शहर उनकी ओर देख रहा है. उन्होंने बीजेपी नेतृत्व को सलाह दी कि वे चुनाव होने दें और चुनाव प्रक्रिया में देरी या बाधा न डालें क्योंकि चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है. जीत और हार चुनाव का हिस्सा है और उन्हें चीजों को सकारात्मक तरीके से लेना चाहिए.
लोकतंत्र की जीत- AAP: आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी डॉ. सन्नी सिंह अहलूवालिया ने बताया कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर कोर्ट के फैसले से लोकतंत्र की जीत हुई है. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर के चुनाव करवाने के आदेशों का स्वागत करते हुए कहा कि आखिर वह दिन आ ही गया जिसका आम आदमी पार्टी को 2 वर्षों से इंतजार था. अब इंडिया गठबंधन के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
बीजेपी पर आप का तंज: सन्नी सिंह अहलूवालिया ने कहा कि उम्मीद करते हैं कि अब बीजेपी जोड़ तोड़ की राजनीति छोड़ कर आप का मेयर बनने में कोई रोड़े नहीं अटकाएगी. आज जहां बीजेपी हमारी पार्टी पर आरोप लगा रही है, वह सरासर गलत है. हमारे पार्षद पूरी तरह सुरक्षित हैं. आज अगर कोई भी मीडिया का व्यक्ति इनमें से किसी का भी इंटरव्यू लेना चाहता है. वह उनसे किसी भी समय बात कर सकता है. वहीं, हमारे पार्षद सिर्फ बीजेपी के तरफ से आया कॉल नहीं उठा रहे हैं. क्योंकि हमें पता है बीजेपी किस तरह से किसी पार्टी के व्यक्ति को धमकाने की कोशिश करती है.
बीजेपी का पलटवार: चंडीगढ़ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके अरुण सूद ने कहा कि कोर्ट के ऑर्डर से बीजेपी का कुछ लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह दोनों पार्टियों अपने पार्षदों को छुपा कर रख रही हैं उससे साबित होता है कि वह अपने पार्षदों पर यकीन नहीं करते हैं. जिसके चलते आज उनके सभी फोन को बंद रखा गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वकील होने के नाते कानूनी तौर पर प्रशासन द्वारा नोटिफिकेशन जारी होने के बाद कोर्ट इस तरह के मामले में दखलंदाजी नहीं कर सकता. यदि प्रशासन को हाई कोर्ट के आदेश पर आपत्ति हो तो वह कानूनी अधिकार लेते हुए इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर सकता है.
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