चंडीगढ़: नए मेयर नियुक्त होने के साथ ही चंडीगढ़ नगर निगम का बजट पेश करने की तैयारी चल रही थी. नगर निगम द्वारा तारीख भी जारी कर दी गई थी. लेकिन, पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब नए मेयर की पहली सदन की बैठक पर अगले फैसले तक रोक लगा दी गयी है. ऐसे में नगर निगम के सभी कर्मियों को दी जाने वाली तनख्वाह और अन्य खर्चों के लिए बजट है या नहीं.
नगर निगम के पास अप्रैल तक का बजट: चंडीगढ़ नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक विवाद का कोई असर नहीं पड़ने वाला है. बजट को लेकर किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. क्योंकि, चंडीगढ़ नगर निगम के पास अप्रैल तक का बजट है. आने वाले एक हफ्ते में आचार संहिता लगने वाली है. ऐसे में निगम के 10 हजार कर्मचारियों की सैलरी के लिए उनके पास बजट है.
नगर निगम करीब 10 हजार कर्मचारी: जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ नगर निगम में 10,000 के करीब कर्मचारी काम करते हैं. जिनकी कुल तनख्वाह 26 से 28 करोड़ के बीच में रखी जाती है. इस समय नगर निगम के पास अप्रैल तक का बजट है. इस बजट से सभी कर्मचारियों की सैलरी और अन्य खर्च निकाल सकते हैं. नगर निगम के लोक संपर्क अधिकारी संजीव ने बताया कि फिलहाल नगर निगम के पास शहर से जो रेवेन्यू लिया जाता है. वे नगर निगम के काम आता है. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा ग्रांट भी जारी की जाती है. उन्हें समय-समय पर मिलती रहती है.
चंडीगढ़ नगर निगम में दो तरह के बजट प्लान: नगर निगम के लोक संपर्क अधिकारी ने बताया कि हाल ही में 100 करोड़ से अधिक की ग्रांट जारी हुई है. इसके अलावा नगर निगम की खुद की एफडी भी है. चंडीगढ़ नगर निगम में दो तरह के बजट प्लान आते हैं, जिसमें एक प्लान बजट और एक नॉन प्लान बजट होता है. प्लान बजट में शहर के सभी प्रोजेक्ट्स जिन पर काम किया जाना है, उससे संबंधित बजट जारी होता है. वहीं, नॉन प्लान बजट में सभी कर्मचारियों की तनख्वाह, इमरजेंसी फंड जिसमें जरूरी तोड़फोड़ वह मरम्मत का काम शामिल होता है. उसे नगर निगम को आने वाले खर्चे से पूरा कर लेता है.
क्या कहते हैं चंडीगढ़ के नए मेयर?: चंडीगढ़ के नए मेयर मनोज सोनकर ने कहा कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा सदन की बैठक को लेकर स्टे लगा दी गई है. ऐसे में जब तक सुप्रीम कोर्ट से अगले आदेश जारी नहीं होते, तब तक हम इंतजार करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शहर का मेयर होने के चलते में कोशिश रहेगी कि शहर में सफाई और जरूरत की सभी सुविधा लोगों तक पहुंचती रहे.
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