मंडी: जिला मंडी में किरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण के चलते चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है. हालत यह है कि फोरलेन निर्माण के बाद इस नेशनल हाईवे की दशा सुधारने की ओर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नेशनल हाईवे की दुर्दशा के चलते स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है.
हणोगी माता मंदिर के लिए बंद हुआ रास्ता
बता दें कि हणोगी पुल से लेकर द्ववाड़ा और उससे आगे तक पुराना चंडीगढ़-मनाली हाईवे बीती भारी बरसात के चलते बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. आलम यह है यहां पैदल चलने के लिए भी अब रास्ता नहीं बचा है. हणोगी माता मंदिर के लिए भी यही रास्ता जाता है और इसके क्षतिग्रस्त होने के बाद अब कोई भी इस तरफ नहीं आ पा रहा है.
'हाईवे की नहीं ली जा रही सुध'
हणोगी माता मंदिर न्यास के पूर्व सदस्य बलवीर ठाकुर ने बताया कि ग्रामीणों ने कई बार सरकार, प्रशासन और एनएचएआई से इस हाईवे की दशा सुधारने की गुहार लगाई, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अब ग्रामीणों को यही समझ नहीं आ रहा है कि इस हाईवे की दशा सुधारेगा कौन, क्योंकि इसे एक तरह से लावारिस हालत में छोड़ दिया गया है. बलवीर ठाकुर ने इस हाईवे की दशा को जल्द से जल्द सुधारने की गुहार लगाई है.
स्थानीय ग्रामीणों में भारी रोष
वहीं, ग्रामीणों में भी इस बात को लेकर भारी रोष देखने को मिल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जो फोरलेन बना है वहां पर स्थानीय ग्रामीणों के लिए बस ठहराव और उनके उतरने-चढ़ने के लिए स्टॉपेज का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है. यहां तक कि फोरलेन से पुराने हाईवे या फिर लिंक रोड़ की तरफ जाने के लिए भी कोई रास्ता नहीं छोड़ा गया है. लोगों को कई किलोमीटर दूर जाकर टर्न लेकर वापिस आना पड़ रहा है. खासकर एम्बुलेंस आदि को लाने की स्थिति में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. लोगों ने मांग उठाई है कि सरकार इन सभी व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द सुचारू करवाए.
"क्षतिग्रस्त चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे की मुरम्मत का एस्टीमेट बना लिया गया है और उसे मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है. मंजूरी मिलते ही मुरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. लिंक रोड़ या रास्ते के प्रावधान को लेकर ग्रामीणों की जो समस्या है, उसपर विचार करके उचित कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी." - वरुण चारी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई
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