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किन वजहों से हादसे की शिकार हुई चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस, रेल संरक्षा आयुक्त कल से करेंगे जांच - Chandigarh Dibrugarh Train Accident

गोंडा गोरखपुर रेलवे लाइन पर चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे की शिकार हो गई थी. रेल संरक्षा आयुक्त कल से हादसे की जांच करेंगे. हादसे के कारणों का पता लगाएंगे.

चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे की कल से शुरू होगी जांच.
चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे की कल से शुरू होगी जांच. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 11:51 AM IST

लखनऊ : पिछले दिनों गोंडा-गोरखपुर रेलवे लाइन पर मोतीगंज व झिलाही स्टेशन के बीच चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की शिकार हो गई थी. तीन यात्रियों की मौत हो गई थी. 36 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस घटना की जांच रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना रविवार से शुरू करेंगे. रेल संरक्षा आयुक्त घटनास्थल के निरीक्षण के बाद अशोक मार्ग स्थित डीआरएम कार्यालय में हादसे के विभिन्न पहलुओं को बारीकी से जांच करेंगे. इसके अलावा वह रेलवे की बनाई संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अफसरों और कर्मचारियों के बयान दर्ज करेंगे. अभी तक इस मामले में पटरी के बकलिंग होने की जानकारी सामने आई है.

ज्यादा गर्मी के चलते पटरियों के फैलने की क्रिया को बकलिंग कहते हैं. दावा किया जा रहा है कि चार दिन पहले की मैन स्नेह ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर और सहायक अभियंता को पटिरयों में बकलिंग की सूचना दे दी थी. इसके साक्ष्य भी कीमैन के पास मौजूद हैं. इसके बावजूद पटरी के ज्वाइंट को खोलकर उसे डिस्ट्रेस नहीं किया गया. डिस्ट्रेस करने के लिए पटरी को खोलकर बढ़े हुए हिस्से को काटने के बाद उसे कुछ देर के लिए छोड़ दिया जाता है. ज्यादा तापमान में पटरी के बढ़ने के बाद उसे फिर से जोड़ा जाता है. अब रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच में इस कीमैन का बयान काफी महत्वपूर्ण होगा.

एक दिन पहले शुक्रवार को रेलवे ने 22:20 घंटे बाद 450 मीटर नई लाइन बिछाते हुए शुक्रवार को गोरखपुर से लखनऊ के बीच अप लाइन को फिट कर दिया. इस सेक्शन पर सबसे पहले मालगाड़ी को काशन लगाकर गोरखधाम एक्सप्रेस को लखनऊ की ओर रवाना किया. रेलवे ने गोरखपुर से लखनऊ की ओर आ रही ट्रेनों का डायवर्जन निरस्त कर दिया है. रेलवे के सीनियर अफसरों के अनुसार गोंडा-गोरखपुर सेक्शन की डाउन लाइन भी फिट कर दी गई है. शनिवार सुबह से डाउन लाइन पर भी ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें : गोंडा ट्रेन हादसा: लोगों को बदहवास देखकर ड्राइवर ने फूट फूट कर रोते हुए लगाई मदद की गुहार, ऑडियो आया सामने

लखनऊ : पिछले दिनों गोंडा-गोरखपुर रेलवे लाइन पर मोतीगंज व झिलाही स्टेशन के बीच चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की शिकार हो गई थी. तीन यात्रियों की मौत हो गई थी. 36 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस घटना की जांच रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना रविवार से शुरू करेंगे. रेल संरक्षा आयुक्त घटनास्थल के निरीक्षण के बाद अशोक मार्ग स्थित डीआरएम कार्यालय में हादसे के विभिन्न पहलुओं को बारीकी से जांच करेंगे. इसके अलावा वह रेलवे की बनाई संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अफसरों और कर्मचारियों के बयान दर्ज करेंगे. अभी तक इस मामले में पटरी के बकलिंग होने की जानकारी सामने आई है.

ज्यादा गर्मी के चलते पटरियों के फैलने की क्रिया को बकलिंग कहते हैं. दावा किया जा रहा है कि चार दिन पहले की मैन स्नेह ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर और सहायक अभियंता को पटिरयों में बकलिंग की सूचना दे दी थी. इसके साक्ष्य भी कीमैन के पास मौजूद हैं. इसके बावजूद पटरी के ज्वाइंट को खोलकर उसे डिस्ट्रेस नहीं किया गया. डिस्ट्रेस करने के लिए पटरी को खोलकर बढ़े हुए हिस्से को काटने के बाद उसे कुछ देर के लिए छोड़ दिया जाता है. ज्यादा तापमान में पटरी के बढ़ने के बाद उसे फिर से जोड़ा जाता है. अब रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच में इस कीमैन का बयान काफी महत्वपूर्ण होगा.

एक दिन पहले शुक्रवार को रेलवे ने 22:20 घंटे बाद 450 मीटर नई लाइन बिछाते हुए शुक्रवार को गोरखपुर से लखनऊ के बीच अप लाइन को फिट कर दिया. इस सेक्शन पर सबसे पहले मालगाड़ी को काशन लगाकर गोरखधाम एक्सप्रेस को लखनऊ की ओर रवाना किया. रेलवे ने गोरखपुर से लखनऊ की ओर आ रही ट्रेनों का डायवर्जन निरस्त कर दिया है. रेलवे के सीनियर अफसरों के अनुसार गोंडा-गोरखपुर सेक्शन की डाउन लाइन भी फिट कर दी गई है. शनिवार सुबह से डाउन लाइन पर भी ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया है.

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