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नाबालिग से दुष्कर्म का मामला, कोर्ट ने दोषी को सुनाई 20 साल की सजा, 25 हजार का जुर्माना भी लगाया

चंपावत विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो अनुज कुमार संगल की कोर्ट ने रेपिस्ट को 20 साल की सजा सुनाई है.

champawat
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 12, 2024, 7:28 PM IST

चंपावत: विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो अनुज कुमार संगल की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 25 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है.

शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक चंपावत जिले के टनकपुर क्षेत्र निवासी महिला ने 18 जुलाई 2022 को थाने में अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किए जाने का मामला दर्ज कराया. महिला ने पुलिस में तहरीर में कहा गया था कि आरोपी हरिओम प्रजापति निवासी थाना अमानपुर जिला कासगंज यूपी ने उसकी बेटी से 15 जुलाई 2022 को दुष्कर्म किया.

दोषी के खिलाफ थाने में 5/6 पॉक्सो, 363, 366 और 376 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. इसके बाद पुलिस ने 26 अगस्त को दोषी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस की रिपोर्ट, साक्ष्यों व दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो अनुज कुमार संगल की अदालत ने हरिओम प्रजापति को दोषी पाते हुए 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

इसके अलावा दोषी पर 25 हजार का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया है. अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी विद्याधर जोशी और विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो केएस राणा ने पैरवी की.

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चंपावत: विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो अनुज कुमार संगल की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 25 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है.

शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक चंपावत जिले के टनकपुर क्षेत्र निवासी महिला ने 18 जुलाई 2022 को थाने में अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किए जाने का मामला दर्ज कराया. महिला ने पुलिस में तहरीर में कहा गया था कि आरोपी हरिओम प्रजापति निवासी थाना अमानपुर जिला कासगंज यूपी ने उसकी बेटी से 15 जुलाई 2022 को दुष्कर्म किया.

दोषी के खिलाफ थाने में 5/6 पॉक्सो, 363, 366 और 376 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. इसके बाद पुलिस ने 26 अगस्त को दोषी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस की रिपोर्ट, साक्ष्यों व दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो अनुज कुमार संगल की अदालत ने हरिओम प्रजापति को दोषी पाते हुए 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

इसके अलावा दोषी पर 25 हजार का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया है. अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी विद्याधर जोशी और विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो केएस राणा ने पैरवी की.

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