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चंपाई सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग - Ho language in Eighth Schedule - HO LANGUAGE IN EIGHTH SCHEDULE

Champai Soren letter to Home Minister Amit Shah. झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख कर हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. चंपाई सोरेन का कहना है कि आदिवासियों की काफी पुरानी मांग रही है और इसे पूरा किया जाना चाहिए.

HO LANGUAGE IN EIGHTH SCHEDULE
चंपाई सोरेन (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 17, 2024, 11:06 AM IST

रांची: झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है. 'हो' भाषा सबसे प्राचीन भाषाओं मे से एक है और ये ऑस्ट्रो-एशियाई पारिवारिक भाषाओं का हिस्सा है.

'हो' भाषा की वारंग क्षिती लिपी नाम की विशेष रूप से डिजाइन की गई लिपि है. इस भाषा का इस्तेमाल झारखंड के विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में किया जाता है. इसकी किताबें देवनाहरी, ओडिया, बांग्ला और वारंग क्षिती लिपी लिपी में भी प्रकाशित हुईं हैं.

झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने भी 'हो' भाषा को आठवी अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. अपने पत्र में चंपाई सोरेन ने लिखा है 'आदिवासी 'हो' समाज की वर्षों से मांग रही है की 'हो' भाषा (वारंग क्षिती लिपी) को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया जाना चाहिए. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी ही समाज युवा महासभा की ओर से 14 सितम्बर 2024 को जंतर-मंतर, पार्लियामेंट स्ट्रीट, नई दिल्ली में धरना प्रदर्शन भी किया गया है.

आदिवासी 'हो' समाज युवा महासभा की ओर से विशेष अनुरोध भी किया गया है कि इनकी उक्त मार्ग पूरी की जानी चाहिए. इसलिए मैं पूरी कामना के साथ अनुरोध करता हूं की समाजहित में आप हमारे आदिवासी 'हो' समाज की 'हो' भाषा (वारंग क्षिती लिपी) को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने के लिए उचित एवं आवश्यक कार्रवाई करना चाहेंगे, इसके लिए हमारे आदिवासी हो समाज के लोग आपके सदैव आभारी बने रहेंगे.'

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रांची: झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है. 'हो' भाषा सबसे प्राचीन भाषाओं मे से एक है और ये ऑस्ट्रो-एशियाई पारिवारिक भाषाओं का हिस्सा है.

'हो' भाषा की वारंग क्षिती लिपी नाम की विशेष रूप से डिजाइन की गई लिपि है. इस भाषा का इस्तेमाल झारखंड के विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में किया जाता है. इसकी किताबें देवनाहरी, ओडिया, बांग्ला और वारंग क्षिती लिपी लिपी में भी प्रकाशित हुईं हैं.

झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने भी 'हो' भाषा को आठवी अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. अपने पत्र में चंपाई सोरेन ने लिखा है 'आदिवासी 'हो' समाज की वर्षों से मांग रही है की 'हो' भाषा (वारंग क्षिती लिपी) को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया जाना चाहिए. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी ही समाज युवा महासभा की ओर से 14 सितम्बर 2024 को जंतर-मंतर, पार्लियामेंट स्ट्रीट, नई दिल्ली में धरना प्रदर्शन भी किया गया है.

आदिवासी 'हो' समाज युवा महासभा की ओर से विशेष अनुरोध भी किया गया है कि इनकी उक्त मार्ग पूरी की जानी चाहिए. इसलिए मैं पूरी कामना के साथ अनुरोध करता हूं की समाजहित में आप हमारे आदिवासी 'हो' समाज की 'हो' भाषा (वारंग क्षिती लिपी) को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने के लिए उचित एवं आवश्यक कार्रवाई करना चाहेंगे, इसके लिए हमारे आदिवासी हो समाज के लोग आपके सदैव आभारी बने रहेंगे.'

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