देहरादून: केदारनाथ मंदिर से कथित तौर पर सोना और चांदी गायब होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले में चमोली जिले में स्थित ज्योतिर्मठ के सीईओ सीपी उपाध्याय का भी बयान आया है. उन्होंने बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय पर भी कटाक्ष किया और उनसे इस पूरे मामले की जांच सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) करने की मांग की है.
ज्योतिर्मठ की तरफ से बुधवार 17 जुलाई को प्रेस नोट जारी किया गया है. प्रेस नोट के जरिए ज्योतिर्मठ के सीईओ चंद्रप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं. ये धाम आदि गुरु शंकराचार्य ने स्थापित किए थे, जो पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का मंदिर हैं.
सवाल चांदी हटाकर क्यों लगाया सोना: ज्योतिर्मठ के सीईओ सीपी उपाध्याय ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों को सोने और चांदी से मंडित किए जाने का कोई औचित्य नहीं है. पूर्व में 230 किलो चांदी साल 2017 में लगाई गई थी तो आखिर ऐसी कौन सी स्थिति बन गई कि मंदिर समिति प्रशासन को 230 किलो चांदी हटाकर 23 किलो सोना लगाना पड़ा.
केदारनाथ गर्भगृह में 230 किलो सोना लगाने की बात किसने सार्वजनिक की थी: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को 230 किलो से स्वर्ण मंडित किए जाने की बात किसके द्वारा सार्वजनिक की गई थी. यदि 230 किलो सोना नहीं लगाया गया तो फिर मंदिर समिति द्वारा इसका खंडन तुरंत क्यों नहीं किया गया?
ज्योतिर्मठ के सीईओ सीपी उपाध्याय ने बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनकी बाबा केदार में आस्था है, तो उन्हें बिना देरी किए हुए केदारनाथ धाम सोना प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए. आखिर कैसे सोना तांबे में परिवर्तित हुआ या घिसा? बेहतर होगा कि वह केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग करें.
BKTC अध्यक्ष की कार्यशैली पर उठाए सवाल: सीईओ सीपी उपाध्याय के आरोप यहीं नहीं रूके. उन्होंने कहा कि अजेंद्र अजय की अध्यक्षता वाली समिति अपने शुरुआती दौर से ही विवादों में रही है. इस समिति के 10 सदस्यों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र देकर अध्यक्ष की कार्यशैली और कार्यकाल में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत भी की थी. अब वो सरकार से जानना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री धामी ने सदस्यों की शिकायत पर क्या कार्रवाई की? यह भी भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए.
साल 2023 में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के संज्ञान में आया था ये मामला: सीईओ सीपी उपाध्याय ने बताया कि 25 अप्रैल 2023 को जब बदरीकाश्रम ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद केदारनाथ मंदिर के कपटोदद्घाटन के अवसर पर धाम गए थे, तब वहां के तीर्थ-पुरोहितों, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के संज्ञान में ये मामला लाए थे. इसके बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्थानीय लोगों, सनातन धर्मावलंबियों और मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित समाचारों का संज्ञान लेते समाज के सामने इस प्रकरण को रखा था.
गर्भगृह की फोटो वायरल क्यों और कैसे की गई?: सीईओ सीपी उपाध्याय ने सवाल किया कि मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किए जाने के बाद मंदिर के गर्भगृह की फोटो वायरल क्यों और कैसे की गई? जबकि नियमनुसार मंदिर के गर्भ गृह में किसी भी तरह की फोटोग्राफी पर प्रतिबंध है.
अध्यक्ष अजेंद्र अजय को दी चेतावनी!: वहीं, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मंगलवार को शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आरोपों पर जो जवाब दिया था, उस पर भी सीईओ सीपी उपाध्याय ने कहा कि बीकेटीसी के अध्यक्ष को संयमित भाषा का प्रयोग करें. उन्हें पता होना चाहिए कि वह सार्वजनिक रूप से बयान बाजी किसके खिलाफ कर रहे हैं.
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