रांची: पलामू लोकसभा सीट पर कभी राजद का डंका बजता था. एक बार झामुमो भी सेंध लगाने में सफल रहा. लेकिन 2014 में मोदी लहर के बाद यहां का पूरा राजनीतिक समीकरण बदल गया. इस सीट पर 2014 से भाजपा का कब्जा है. झारखंड के पूर्व डीजीपी वीडी राम यहां के सांसद हैं. इसके बावजूद मुकाबले में हमेशा राजद रहा है.
इस बार लालू यादव ने घूरन राम की जगह ममता भुइयां को प्रत्याशी बनाया है. उन्हें इंडिया गठबंधन का सपोर्ट है. जबकि भाजपा की सहयोगी आजसू की यहां कोई पकड़ नहीं है. लिहाजा, भाजपा को अपने बूते जंग लड़ना है. वैसे पीएम मोदी की इस सीट पर हमेशा से नजर रही है. 4 मई को पीएम मोदी पलामू की धरती से हुंकार भर चुके हैं.
पलामू के विधानसभा सीटों पर किसका है दबदबा
अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व झारखंड के इस इकलौते लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा (डाल्टनगंज, विश्रामपुर, छत्तरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर) सीटें हैं. वर्तमान में इन छह विधानसभा सीटों में से चार सीटों (डाल्टनगंज, विश्रामपुर, छत्तरपुर और भवनाथपुर) पर भाजपा, एक सीट (हुसैनाबाद) पर एनसीपी और एक सीट (गढ़वा) पर झामुमो का कब्जा है. इस समीकरण की वजह से भाजपा को मजबूती मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
ममता भुइयां को मिला है लालू यादव का आशीर्वाद
ममता भुइयां मूल रुप से पलामू की रहने वाली हैं. उनकी शादी जमशेदपुर में हुई है. उनके पति के बड़े भाई दुलाल भुइयां पूर्व में विधायक और मंत्री रह चुके हैं. चूंकि घूरन राम समय के साथ पाला बदलते रहे, इसलिए इस बार लालू यादव ने पलामू में एक्सपेरिमेंट करने का फैसला लिया.
ममता के साथ प्लस प्वांट है कि वह जिस समाज से आती हैं, उसकी आबादी पलामू में करीब साढ़े चार लाख है. लेकिन उनके पास किसी तरह का राजनीतिक अनुभव नहीं है. एक फैक्टर यह भी है कि उनके भाई छत्तरपुर से झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. ममता भुइयां फिलहाल मझधार में दिख रही हैं. देखना है कि लालू यादव और तेजस्वी उनके लिए पसीना बहाते हैं या उन्हें उनके भाग्य पर छोड़ देते हैं.
भाजपा प्रत्याशी वीडी राम की है अलग पहचान
दरअसल, 2019 के चुनाव में सबका साथ, सबका विकास के नारे के साथ भाजपा चुनाव मैदान में उतरी थी. पार्टी ने दोबारा वीडी राम को प्रत्याशी बनाया था. पूर्व डीजीपी रहे वीडी राम ने अपने पहले पांच वर्षों के कार्यकाल में अपनी छवि पर दाग लगने नहीं दिया. वह जनता के बीच रहे. राजनीतिक बयानबाजी से दूरी बनाए रखा. इसका उन्हें फायदा भी मिला. पुलिस सेवा के शीर्ष पद पर रहने की वजह से जनता से जुड़ी समस्याओं को निपटाने में आसानी होती है. पुलिस का बड़ा अफसर रहने की वजह से अनुसूचित जाति के लोग उन्हें विशेष सम्मान देते हैं.
2019 में विधानसभावार वोटों का गणित
अब सवाल है कि 2019 के चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों में कहां-कहां किसको बढ़त मिली थी. खास बात है कि 2019 के चुनाव में सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के वीडी राम ने बढ़त हासिल की थी. उन्हें डाल्टनगंज में 1,45,935 वोट मिले थे. जबकि राजद के घूरन राम को 46,842 वोट से संतोष करना पड़ा था.
विश्रामपुर में भाजपा को 1,18,583 वोट और राजद को सिर्फ 39,379 वोट, छत्तरपुर में भाजपा को 1,00,026 वोट और राजद को 39,565 वोट, हुसैनाबाद में भाजपा को 94,858 वोट तो राजद को 39,410 वोट, गढ़वा में भाजपा को 1,37,947 वोट तो राजद के खाते में सिर्फ 60,694 वोट जबकि भवनाथपुर में भाजपा को 1,55,791 वोट और राजद को 51,077 वोट मिले थे.
पोस्टल बैलेट के 2,419 वोट भाजपा को और राजद को 1,086 वोट से संतोष करना पड़ा था. इस लिहाज से भाजपा प्रत्याशी वीडी राम की एकतरफा जीत हुई थी. उन्होंने राजद प्रत्याशी घूरन राम को 4,77,509 वोट के अंतर से एकतरफा शिकस्त दी. भाजपा को कुल 7,55,559 वोट और राजद को सिर्फ 2,78,053 वोट मिले थे.
2014 में पलामू का विधानसभावार समीकरण
गौर करने वाली बात है कि 2014 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ था, तब पलामू संसदीय क्षेत्र में आने वाली छह विधानसभा सीटों में से सिर्फ तीन सीटें (विश्रामपुर, छत्तरपुर और गढ़वा) भाजपा के पाले में थी. जबकि डाल्टनगंज सीट पर जेवीएम, हुसैनाबाद सीट पर बसपा और भवनाथपुर में निर्दलीय का कब्जा था. इसके बावजूद भाजपा के वीडी राम ने एकतरफा जीत हासिल की. इनकी जीत का असर लोकसभा चुनाव के कुछ माह बाद हुए 2019 के विधानसभा चुनाव पर दिखा. तब इस संसदीय क्षेत्र की एक और विधानसभा सीट भाजपा के खाते में आ गई.
2014 में किसके-किसके बीच हुआ था मुकाबला
मोदी लहर में भाजपा के वीडी राम के सामने राजद ने मनोज कुमार को उतारा था. वहीं बाबूलाल मरांडी ने घूरन राम को जेवीएम का प्रत्याशी बनाया था. त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद थी. लेकिन पलामू की जनता ने भाजपा प्रत्याशी को एकतरफा जीत दिलायी. उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी वीडी राम को कुल 4,27,801 वोट मिले थे. जबकि दूसरे स्थान पर रहे राजद के मनोज कुमार को 2,12,571 वोट ही मिल पाए. तीसरे स्थान पर रहे जेवीएम के घूरन राम ने सिर्फ विश्रामपुर में राजद प्रत्याशी से कुछ सौ वोट ज्यादा हासिल किए.
खास बात है कि 2009 के चुनाव में कामेश्वर बैठा ने झामुमो के टिकट पर चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया था. तब उनका मुकाबला राजद के घूरन राम से हुआ था. वहीं भाजपा की जगह जदयू के प्रत्याशी रहे राधाकृष्ण किशोर तीसरे स्थान पर रहे थे. झारखंड राज्य बनने के बाद पलामू सीट पर सिर्फ एक बार राजद का कब्जा रहा है. मनोज भुइयां के निलंबन के बाद घूरन राम चुनाव जीते थे. तब से इस सीट पर राजद का संघर्ष जारी है. लेकिन इस बार पार्टी ने ऐसे प्रत्याशी को उतार दिया है जिसे राजनीति का कोई अनुभव नहीं है.