नई दिल्ली: हिंदू नववर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा तिथि यानी चैत्र नवरात्रि से प्रारंभ हो जाता है. चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. इसे हिंदूओं की पहली नवरात्रि मानी गई है. चैत्र नवरात्रि के 9 दिन पूरी तरह से मां दुर्गा के नौ रूप के लिए अर्पित होते हैं. दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत के अनुसार इस साल यानी 2024 में 9 अप्रैल दिन मंगलवार से प्रारंभ हो रही है.
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त: महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कहा कि पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी साल की 8 अप्रैल 2024 की रात के 11 बजकर 50 मिनट पर मुहूर्त शुरू हो रही है. अगले दिन 9 अप्रैल 2024 की रात 08 बजकर 30 मिनट पर मुहूर्त का समापन होगा. घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 7:57 से लेकर सुबह 9:53 के बीच है.
बता दें, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन भक्त घटस्थापना करके मां दुर्गा का आह्वान करते हैं. 9 दिन भक्त व्रत का संकल्प करते हैं. माता की पूरे मन से पूजा करते हैं. महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा और आंध्र प्रदेश-कर्नाटक में उगादी के पर्व के तौर पर इस पहले दिन को मनाया जाता है.
कालकाजी मंदिर में पूजा की विशेष तैयारी: सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि पूरे नवरात्र के दौरान मां कालका की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. माता की मंत्र उच्चारण के साथ विधिवत पूजा अर्चना होती है और साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जाता है. महंत ने बताया कि नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से किसी भी तरह के अनिष्ट का नाश हो जाता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है. मंदिर में माता की पूजा करने के भक्तों के लिए विशेष तैयारियां अभी से की जा रही है.
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