रायपुर: कांग्रेस ने दीप्ति दुबे को रायपुर नगर निगम के लिए महापौर उम्मीदवार बनाया है. वे पूर्व महापौर और पूर्व सभापति रायपुर नगर निगम प्रमोद दुबे की पत्नी है. टिकट मिलने के बाद दीप्ति दुबे ने अपनी जीत का दावा किया है.प्रमोद दुबे ने भी उनकी इस बात को दोहराया है. उनका कहना है कि लोग डबल इंजन की बात करते हैं लेकिन हम दोनों डबल इंजन है ओर रायपुर नगर निगम की सरकार चलाएंगे. जनता की मांग के अनुरूप काम करेंगे.
दीप्ति दुबे ने कहा कि उनकी अपनी एक अलग छवि है. वह जनता के बीच काम करती आई हैं. उन्हें विश्वास है कि वह जनता की भावनाओं को भी समझ सकती हैं. प्रमोद दुबे ने दावा किया कि रायपुर नगर निगम में जिस काम की कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी, वह काम कांग्रेस के महापौर ने किया है. यही वजह है कि उन्हें उम्मीद है कि एक बार फिर रायपुर की जनता जीत दिलाएगी. दीप्ति दुबे और प्रमोद दुबे ने ETV भारत से खास बातचीत के दौरान ये बातें कहीं. इस दौरान दुबे दंपति ने और भी कई मुद्दों पर बात की.
सवाल : अब तक प्रमोद दुबे महापौर थे, नगर निगम अध्यक्ष थे, लेकिन इस बार कांग्रेस ने आपको महापौर का उम्मीदवार बनाया है, ऐसे में यह चुनाव आपके लिए कितनी बड़ी चुनौती है?
जवाब : प्रमोद दुबे की एक अलग छवि रायपुर में रही है. उनके काम को जनता ने देखा है. वह वार्ड पार्षद, महापौर और सभापति बने हैं. उनके कार्यकाल को जनता ने अच्छे से देखा है. कैसे उन्होंने रायपुर शहर को सुरक्षित सुंदर बनाया है. लगातार जनता के संपर्क में रहे हैं और उन्हें जनता भली भांति जानती है. वही मेरी बात की जाए तो मेरी एक अलग पहचान है. मैं समाज सेविका के साथ एक साइकोलॉजिस्ट भी हूं. पहली बार ऐसा हुआ कि रायपुर प्रत्याशी साइकोलॉजिस्ट रहेगी और साइकोलॉजिस्ट जो बोलते हैं उसे करते हैं. हम हवाई बातें नहीं करते हैं. हम जनता को झूठे वादे नहीं करेंगे. मैं जो भी वादा करुंगी उसे जरूर पूरा करुंगी.
स्वामी विवेकानंद उत्कृष्ट परिषद के माध्यम से पिछले 14 सालों से जागरूकता कार्यक्रम करती आई हूं. शिक्षा की बात हो आत्मनिर्भर की बात हो यह सभी चीज लोगों ने देखा है. प्रमोद दुबे की पत्नी के अलावा मेरा खुद का अपना बहुत बड़ा वजूद है. इसे हमारे कार्यकर्ता सहित रायपुर की जनता देख रही है. रायपुर की जनता, जनता नहीं बल्कि मेरा परिवार है.
रायपुर शहर को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करना मेरी प्राथमिकता होगी. खासकर राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना, मेरी पहली प्राथमिकता होगी. इसके लिए लोगों को जागरूक करेंगे. जिससे वह स्वयं इसके लिए आगे आए और शहर की यातायात व्यवस्था सुगम और सुरक्षित बनाएं. खासकर इसके लिए युवाओं को जागरूक करने की जरूरत है, उस और में काम करुंगी.
इसके अलावा महिलाओं का अधिकार दिलाने के लिए भी काम करुंगी. आज भी कई ऐसी महिलाएं जो घरों में कुछ कह नहीं पाती है, हम उन्हें मजबूत बनाएंगे , मैं जहां एक ओर साइकोलॉजिस्ट के रूप में उनकी काउंसलिंग करुंगी. उनकी भावनाओं और समस्याओं के अनुरूप उसका समाधान भी दूंगी.
सवाल : रायपुर में लंबे समय तक कांग्रेस के महापौर कांग्रेस रहे, चाहे एजाज ढेबर, प्रमोद दुबे या फिर किरणमयी नायक रही हो. ऐसे में कौन सी ऐसी मूलभूत योजना रहेगी, जो जनता को नहीं मिल पाई, आप नया क्या करने वाली हैं?
जवाब : जल्द ही कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होगा. जिसमें योजना की जानकारी दी जाएगी. ऐसी बहुत सी चीज है जो हम जनता तक पहुंचाने का काम करेंगे. आजकल में घोषणा पत्र आ सकता है, उसे लेकर हम जनता के बीच जाएंगे. मन में भी हमने कई योजनाएं सोच रखी है. उसे भी जनता के बीच तक पहुंचाएंगे. जब हमारी सरकार बनेगी सबके साथ मिलजुलकर योजनाओं का क्रियान्वयन करुंगी. आज सड़क हादसे सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. इसकी अधिकतर वजह गौ माता है. गौ माता की हम पूजा करते हैं लेकिन उन्हें लोग सड़क पर छोड़ देते हैं. ऐसे में उनके रखने की उचित व्यवस्था की जाएगी.
सवाल : भाजपा उम्मीदवार मीनल चौबे नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष, पूर्व पार्षद रह चुकी है, उन्हें नगर निगम के कार्य की बेहतर जानकारी है और वह राजनीति से जुड़ी हुई है, ऐसे में उनके सामने आप किस तरह चुनाव लड़ेंगी.
जवाब : मैं राजनीति से लंबे समय से जुड़ी हुई हूं. मेरा फ्रीडम फाइटर का परिवार रहा है. शादी के बाद में रायपुर में प्रमोद दुबे के यहां आई. उनका राजनीतिक जीवन देखा है. जब मेरा बेटा 2 साल और बेटी 4 साल की थी तब से मैं उनके साथ पार्षद चुनाव में साथ में जाती थी. लोगों के बीच जाती थी. मुझे पता है कि वे लोगों की मदद कर रहे हैं. उससे बढ़कर कोई चीज नहीं होती है. उसे मैं बखूबी समझती हूं. राजनीति को मैं एक सेवा के रूप में देखती हूं, न की कुर्सी पर बैठ जाओ और अपना शासन चलाओ. मैं जनता की सेवा करती आ रही हूं और आगे भी करती रहूंगी.
सवाल : भाजपा का कहना है कि प्रमोद दुबे की पत्नी होने के नाते आपको कांग्रेस से टिकट मिला है?
जवाब: ऐसी बात नहीं है, कांग्रेस पार्टी बहुत बड़ी पार्टी है. ऐसे ही वह किसी को टिकट नहीं देती है. मेरी योग्यता समझ और मैं कर सकती हूं उसे ध्यान में रखकर पार्टी ने मुझे टिकट दिया है. यह जरूर है कि मेरे पति बहुत सक्षम है, उनके साथ मैं भी हूं, हम दोनों मिलकर साथ चलेंगे तो रायपुर की जनता को ओर अच्छी सुविधा दे सकेंगे. एक शहर को अच्छा वातावरण दूंगी. घर के बाहर वो अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगे, ओर जो लोग इस तरह की बातें कह रहे हैं, उन्होंने शायद मेरे बारे में ज्यादा जानकारी नहीं ली है. उन्हें यह जानने की जरूरत है कि दीप्ति दुबे कौन है.
ETV भारत ने दीप्ति दुबे के पति और पूर्व मेयर और निर्वतमान सभापति प्रमोद दुबे से भी बात की.
सवाल : अब तक आप स्वयं चुनाव लड़ते थे लेकिन इस बार आपकी पत्नी दीप्ति दुबे चुनाव लड़ रही है तो ऐसे में यह चुनाव कितना चुनौतीपूर्ण होगा?
जवाब : चुनाव चुनौती पूर्ण रहता ही है. लेकिन जितना सक्षम मैं हूं उतनी सक्षम दीप्ति दुबे भी है. सामाजिक क्षेत्र में उनका दायरा काफी बड़ा है. वे स्वामी विवेकानंद को मानती है और उन्हें आत्मसात करती है. ऐसे में रायपुर वालों को दो महापौर मिलने वाले हैं. प्रमोद दुबे के रूप में पूर्व महापौर और दीप्ति दुबे के रूप में वर्तमान महापौर.
लोग बार-बार डबल इंजन की बात करते हैं, लेकिन वास्तव में हम ही डबल इंजन है. हमने बहुत ईमानदारी से काम किया है. 82 मीटर के सबसे ऊंचा झंडा लगाया. जहां लोग कल्पना नहीं कर पाते थे. वहां से हमने काम की शुरुआत की. 70 वार्डो की बात की जाए तो कुछ वार्डो में कुछ-कुछ कमियां हो सकती है. लेकिन रायपुर के स्मार्ट सिटी मेरे समय बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई. लोग रोज सुबह याद करते हैं, गाड़ी वाला है घर से कचरा निकालकर ले जाएगा. आज रायपुर कितना व्यवस्थित हो चुका है. विसर्जन कुंड की कल्पना किसी ने नहीं की थी, वह तैयार किया गया. आज रायपुर मंदिर तालाबों का शहर रहा है, इस बीच मंदिर तो जागृत है, लेकिन तालाबों के साथ काफी कुठाराघात किया गया.उसे जीवंत करने का काम हमने किया. जिस विजन को लेकर मैं चलता था. दीप्ति दुबे उससे ज्यादा विजन को लेकर आगे बढ़ेंगी. वह साइकोलॉजिस्ट है इसलिए लोगों की मनोदशा को बखूबी भी समझेगी.
सवाल : 15 साल तक कांग्रेस के महापौर लगातार रहे हैं ,ऐसे में कौन सी चीज हैं जो आपको लगता है रायपुर होनी चाहिए ?
जवाब: विकास ऐसी चीज जो रोज करनी पड़ती है. पहले रायपुर 160 वर्ग किलोमीटर में था, आज 235 वर्ग किलोमीटर में फैल गया है. यदि एरिया बढ़ेगा तो आपको काम भी अच्छा करना पड़ेगा. एक काम खत्म होता है दूसरा काम शुरू हो जाता है. यह काम कभी खत्म होने वाला नहीं है. बिजली पानी सड़क के अलावा भी ऐसी कई मूलभूत सुविधाएं हैं जो हमने दी थी.
सवाल : आप दोनों लगातार स्वामी विवेकानंद की बात कर रहे हैं, लेकिन आज जहां स्वामी विवेकानंद रहे है, उस डे भवन का जीणोद्धार नहीं हो सका है.
जवाब : उस पर भी काम किया जाएगा. इसकी घोषणा की गई है. उसमें कुछ कमी रह गई है तो वर्तमान सरकार को उसे पूरा करना चाहिए. क्या नई सरकार की यह जिम्मेदारी नहीं होती कि वे विवेकानंद की यादों को संजोए. बहुत सारी ऐसी घोषणा थी जो भाजपा की भी पूरी नहीं हुई. 1100 करोड़ के अंडर ग्राउंड ड्रेनेज की बात थी. आज तक पूरा नहीं हो सका. जो रायपुर शहर एक समय 106 नंबर की सूची में था हमारे सरकार में 6 नंबर पर पहुंच गया है और कल दीप्ति दुबे महापौर बनकर आएंगी, तो उससे पहले नंबर पर पहुचाएंगी.
सवाल : भाजपा का कहना है कि आपने अपनी पत्नी को टिकट दिलाई है?
जवाब :रायपुर में यह बात कर रहे हैं, लेकिन अंबिकापुर से लेकर चार जगह पर उन्होंने खुद टिकट दिया है. जिनके खुद से घर शीशे के होते है, वो दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते. दीप्ति दुबे को टिकटों उनकी योग्यता के आधार पर मिला है. वे एक अच्छी महिला, मां, धर्मपत्नी और अच्छे पिता की बहुत अच्छी बेटी भी रही है.
सवाल : मीनल चौबे पहले से राजनीति में रही है ,राजनीतिक अनुभव रहा है, दीप्ति दुबे को सामाजिक अनुभव है?
जवाब: मैंने पहले कहा कि डबल इंजन है. उनका अपना मजबूत इंजन है और मेरे इंजन का सपोर्ट मिलेगा. क्योंकि जब मालगाड़ी में 35 से ज्यादा डबल इंजन लगाने की जरूरत पड़ती है और हम दोनों मिलकर डबल इंजन के साथ काम करेंगे. हम लोग मध्यम परिवार के है, हममें ईमानदारी की पराकाष्ठा है. 5 साल में मेरी आप कमी गिना सकते हैं लेकिन एक दाग नहीं गिना सकते. हम फ्रीडम फाइटर परिवार से आते हैं. हम ब्राह्मण पारा में पैदा हुए हैं. जहां हर दूसरा घर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का परिवार रहा है. इसी तरह मेरी पत्नी को भी वैसा ही परिवार मिला, तो स्वाभाविक है कि वे भी उन चीजों को जानती हैं.
सवाल : घर में किसकी सरकार चलती है.
जवाब: घर में मिलजुल कर सरकार चलाते हैं, सब अपनी बातों को रखते हैं, विचार करते हैं, उसके बाद कोई निर्णय लिया जाता है. ऐसा नहीं है कि मेरी चलेगी या उनकी चलेगी. हम एक फ्रेंड की तरह रहते हैं, मैंने प्रमोद दुबे से ही सीखा है, इनके अंदर इंटर्नशिप में काम किया है. इस दौरान दीप्ति दुबे ने रायपुर नगर निगम की जनता से अपने लिए समर्थन की अपील भी की.