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छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ का प्रदर्शन, प्रबंधन के खिलाफ जताई नाराजगी - Protest in raipur - PROTEST IN RAIPUR

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ ने सोमवार को 32 सूत्रीय मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है. संघ ने प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. संघ ने मांगे पूरी न होने पर आने वाले समय में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

Protest in raipur
आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 30, 2024, 9:21 PM IST

रायपुर: रायपुर में सोमवार की शाम को डंगनिया स्थित सीएसपीडीसीएल के मुख्य द्वार पर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के आरक्षित वर्ग के अधिकारी कर्मचारी संघ ने विरोध प्रदर्शन किया. सभी ने अपनी 32 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों की तादाद में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

आंदोलन की दी चेतावनी: संघ का कहना था कि पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए, लेकिन प्रबंधन इस मामले में लापरवाही बरत रहा है, जिसकी वजह से उन्हें सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस प्रदर्शन के बाद भी प्रबंधन इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करता है तो आने वाले दिनों में एकदिवसीय हड़ताल करने के साथ ही लगातार आंदोलन करेंगे.

अधिकारी कर्मचारी संघ का प्रदर्शन (ETV Bharat)

सामूहिक अवकाश लेकर करेंगे हड़ताल: इस बारे में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव जीके मंडावी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल अधिकारी कर्मचारी संघ ने आज प्रदर्शन किया . प्रबंधन की कार्य शैली में जो विसंगतिया हैं, जो तानाशाही है और जो निरंकुशता है, जो हमारे संवैधानिक अधिकारों के प्रति उदासीनता है. उसके खिलाफ आज हम मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारे विभाग की ओर से हमारे संवैधानिक हितों की अवहेलना की जा रही है. विभाग की ओर से तीनों कंपनियों की प्रमोशन सूची जारी की गई है. जिसे संघ ने पूरी तरह से अवैध बताया है. संघ के द्वारा चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए मैनेजमेंट को 27 सितंबर को ज्ञापन भी सौंप दिया गया. उसके बाद भी प्रबंध हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करता है तो सामूहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय हड़ताल करेंगे.

प्रमोशन सूची जारी करने का किया विरोध: वहीं, प्रदर्शन के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष आरएल ध्रुव ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण को लागू किया जाना चाहिए. पिंगुआ कमेटी बनाई गई है तो प्रमोशन में आरक्षण जरूरी है. सरकार की ओर से जब तक कोई भी नियम नहीं बनाया जाता तब तक कोई भी प्रमोशन सूची जारी नहीं होनी चाहिए. लेकिन मैनेजमेंट अपनी मनमानी करते हुए अवैध और गलत तरीके से प्रमोशन सूची जारी कर दी है. जिसका विरोध हमारे द्वारा किया जा रहा है. इस बात को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को 3 महीने के अंदर डाटा कलेक्ट करके नियम बनाने के निर्देश भी दिए थे. उसके बाद ही कानूनी प्रावधान को इंप्लीमेंट किया जाना था, लेकिन प्रबंधन में ऐसा नहीं किया.

कर्मचारी संघ की 32 सूत्री मांग: बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ की 32 सूत्रीय मांग है. इनमें प्रमुख मांगों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश के तहत दिए गए भर्ती और पदोन्नति की चयन प्रक्रिया अनुसार छत्तीसगढ़ शासन की ओर से भर्ती की जा रही है. लेकिन पदोन्नति में लागू नहीं किया गया है. जिसकी वजह से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हजारों कर्मचारी अधिकारी पदोन्नति से वंचित है. छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी के आदेश के अनुसार जारी स्थानांतरण नीति 2016 को यथावत लागू किया जाए. अनुसूचित क्षेत्रों में सेवाकाल के दौरान 3 वर्ष की समय अवधि के लिए पद स्थापना आवश्यक है. इसके साथ ही 1 वर्ष की जगह 5 वर्ष से ज्यादा पदस्थ अधिकारियों को शीघ्र ट्रांसफर किया जाए.

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आंदोलन की दी चेतावनी: संघ का कहना था कि पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए, लेकिन प्रबंधन इस मामले में लापरवाही बरत रहा है, जिसकी वजह से उन्हें सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस प्रदर्शन के बाद भी प्रबंधन इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करता है तो आने वाले दिनों में एकदिवसीय हड़ताल करने के साथ ही लगातार आंदोलन करेंगे.

अधिकारी कर्मचारी संघ का प्रदर्शन (ETV Bharat)

सामूहिक अवकाश लेकर करेंगे हड़ताल: इस बारे में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव जीके मंडावी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल अधिकारी कर्मचारी संघ ने आज प्रदर्शन किया . प्रबंधन की कार्य शैली में जो विसंगतिया हैं, जो तानाशाही है और जो निरंकुशता है, जो हमारे संवैधानिक अधिकारों के प्रति उदासीनता है. उसके खिलाफ आज हम मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारे विभाग की ओर से हमारे संवैधानिक हितों की अवहेलना की जा रही है. विभाग की ओर से तीनों कंपनियों की प्रमोशन सूची जारी की गई है. जिसे संघ ने पूरी तरह से अवैध बताया है. संघ के द्वारा चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए मैनेजमेंट को 27 सितंबर को ज्ञापन भी सौंप दिया गया. उसके बाद भी प्रबंध हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करता है तो सामूहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय हड़ताल करेंगे.

प्रमोशन सूची जारी करने का किया विरोध: वहीं, प्रदर्शन के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष आरएल ध्रुव ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण को लागू किया जाना चाहिए. पिंगुआ कमेटी बनाई गई है तो प्रमोशन में आरक्षण जरूरी है. सरकार की ओर से जब तक कोई भी नियम नहीं बनाया जाता तब तक कोई भी प्रमोशन सूची जारी नहीं होनी चाहिए. लेकिन मैनेजमेंट अपनी मनमानी करते हुए अवैध और गलत तरीके से प्रमोशन सूची जारी कर दी है. जिसका विरोध हमारे द्वारा किया जा रहा है. इस बात को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को 3 महीने के अंदर डाटा कलेक्ट करके नियम बनाने के निर्देश भी दिए थे. उसके बाद ही कानूनी प्रावधान को इंप्लीमेंट किया जाना था, लेकिन प्रबंधन में ऐसा नहीं किया.

कर्मचारी संघ की 32 सूत्री मांग: बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ की 32 सूत्रीय मांग है. इनमें प्रमुख मांगों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश के तहत दिए गए भर्ती और पदोन्नति की चयन प्रक्रिया अनुसार छत्तीसगढ़ शासन की ओर से भर्ती की जा रही है. लेकिन पदोन्नति में लागू नहीं किया गया है. जिसकी वजह से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हजारों कर्मचारी अधिकारी पदोन्नति से वंचित है. छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी के आदेश के अनुसार जारी स्थानांतरण नीति 2016 को यथावत लागू किया जाए. अनुसूचित क्षेत्रों में सेवाकाल के दौरान 3 वर्ष की समय अवधि के लिए पद स्थापना आवश्यक है. इसके साथ ही 1 वर्ष की जगह 5 वर्ष से ज्यादा पदस्थ अधिकारियों को शीघ्र ट्रांसफर किया जाए.

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