रायपुर : छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समान नागरिक संहिता को लागू करने पर उत्तराखंड के लोगों को बधाई दी. विजय शर्मा ने भारत के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने के बाद भी किसी विशेष धार्मिक समूह को "विशेष प्रावधान" देने को लेकर सवाल उठाया.
डिप्टी सीएम ने उत्तराखंड को दी बधाई : छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि संविधान भारत के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने की बात करता है. संविधान में लिखा है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हैं. इसलिए जब धर्मनिरपेक्षता है तो किसी विशेष धर्म के लिए विशेष प्रावधान कैसे हो सकते हैं. इसलिए यूसीसी होना अच्छा है. मैं सभी को बधाई देता हूं कि इसे उत्तराखंड में लागू किया गया है.
यूसीसी लागू करने वाला बना पहला राज्य : उत्तराखंड 27 जनवरी 2025 को "समान नागरिक संहिता" लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को यूसीसी अधिसूचना का अनावरण किया. उन्होंने यूसीसी पोर्टल का उद्घाटन किया और यूसीसी नियम पुस्तिका भी जारी की.
27 जनवरी को मनाया जाएगा "यूसीसी दिवस": कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को पहला यूसीसी विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र सौंपा. इस तरह नए लॉन्च किए गए यूसीसी पोर्टल पर अपनी शादी को पंजीकृत करने वाले वे पहले व्यक्ति बन गए. इस दौरान सीएम धामी ने यूसीसी अधिनियम के तहत पंजीकृत पहले पांच आवेदकों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया है. सीएम धामी ने यह भी घोषणा किया कि 27 जनवरी को "यूसीसी दिवस" के रूप में मनाया जाएगा.
यह मेरे लिए गर्व और खुशी का क्षण है. समान नागरिक संहिता के लागू होने से सभी धर्मों की महिलाओं सहित सभी नागरिकों के लिए समान संवैधानिक और नागरिक अधिकार सुनिश्चित हुए हैं : पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
यूसीसी लागू होने पर क्या हुआ बदलाव : यूसीसी के तहत विवाह केवल उन्हीं पक्षों के बीच हो सकता है, जिनमें से किसी का कोई जीवित जीवनसाथी न हो. इसके साथ ही दोनों ही कानूनी अनुमति देने के लिए मानसिक रूप से सक्षम हों. पुरुष की आयु कम से कम 21 साल और महिला की आयु 18 साल पूरी हो गई हो और वे किसी प्रतिबंधित संबंधों के दायरे में न हों. विवाह की रस्में धार्मिक रीति-रिवाजों या कानूनी प्रावधानों के तहत निभा सकते हैं, लेकिन अधिनियम लागू होने के बाद शादी करने पर 60 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.
(सोर्स - एएनआई)