नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 9-14 साल की लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर का मुफ्त टीका लगाने की घोषणा की. जिसके बाद यह वैक्सीन चर्चा में आ गई है. अभी तक सर्वाइकल वैक्सीन की इतनी चर्चा नहीं थी. वैक्सीन लगने के बाद महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम हो जाता है. लेकिन, अभी तक यह वैक्सीन निजी तौर पर ही लोगों को लगवानी पड़ती है. सरकारी अस्पतालों में अभी लोगों के लिए यह वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.
दिल्ली एम्स में यह वैक्सीन सिर्फ अस्पताल कर्मचारियों के लिए निशुल्क उपलब्ध है, जबकि दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पताल में यह वैक्सीन नहीं मिलती है. वहीं, निजी अस्पतालों की बात करें तो दरियागंज संजीवन अस्पताल के निदेशक डॉक्टर प्रेम अग्रवाल ने बताया कि उनके अस्पताल में वैक्सीन की कुछ डोज हैं लोगों की डिमांड पर उनको वैक्सीन लगा दी जाती है. कई बार अगर वैक्सीन नहीं होती है तो वह लोग मेडिकल से लाकर अस्पताल में वैक्सीन लगवा लेते हैं.
वहीं, इस वैक्सीन को लेकर एम्स के डॉ बीआर अंबेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ़ रोटरी कैंसर हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजा प्रमाणिक ने बताया कि एचपीवी वैक्सीन लगाने की सही उम्र 9 से 14 साल ही होती है. क्योंकि इस वैक्सीन को लगाने का पूरा फायदा तब ही मिलता है जब यह यौन डेब्यू से पहले लगवा दी जाए. अगर यौन डेब्यू के बाद या 20 या 25 साल की उम्र में यह वैक्सीन दी जाती है तो यह कम असरदार रहती है और इसकी तीन डोज लगानी पड़ती हैं.
डॉक्टर राजा ने बताया कि अभी तक यह वैक्सीन यूरोप और दूसरे देशों से खरीदनी पड़ती थी. इस वजह से यह काफी महंगी पड़ती थी. इसकी एक डोज 10 हजार की पड़ती थी. लेकिन, अब भारत की दो कंपनियों ने भी वैक्सीन बना ली है तो बाजार में यह सस्ते रेट पर भी उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस एचपीवी वैक्सीन को राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान का हिस्सा बना लेती है तो यह सभी लोगों को आसानी से और निशुल्क उपलब्ध हो जाएगी. इससे देश में बढ़ते सर्वाइकल कैंसर के मामलों पर रोक लगाई जा सकेगी.
अपोलो अस्पताल में उपलब्ध है एचपीवी वैक्सीन: अपोलो अस्पताल में गायनेकोलॉजी ओंको स्पेशलिस्ट डॉक्टर पाखी अग्रवाल ने बताया कि अपोलो अस्पताल में सर्वाइवल कैंसर की तीन वैक्सीन उपलब्ध हैं. इसमें एक इंडियन वैक्सीन है और दो विदेशी वैक्सीन है. एक वैक्सीन तीन तरह के वायरस से बचाती है. दूसरी वैक्सीन पांच तरह के वायरस से बचाती है और तीसरी वैक्सीन नौ तरह के वायरस से बचाती है. इंडियन वैक्सीन की कीमत दो हजार रुपये प्रति डोज है. दूसरी वैक्सीन की कीमत चार हजार रुपये प्रति डोज, जबकि तीसरी वैक्सीन की कीमत 10 हजार रुपये प्रति डोज है.
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डॉक्टर पाखी ने बताया कि 9 से 14 साल की उम्र की बालिकाओं को वैक्सीन की दो डोज लगाई जाती है. पहली डोज के बाद दूसरी डोज में 6 महीने का अंतर रखा जाता है. अगर कोई 9 से 14 साल की उम्र में यह वैक्सीन नहीं लग पाती है तो वह 15 से 26 की उम्र में भी अगर वैक्सीन लगवाती हैं तो भी वैक्सीन असरदार रहती है. वहीं, अगर कोई 26 साल के बाद वैक्सीन लगवाता है तो वह कम असरदार रहती है और वैक्सीन की दो की जगह फिर तीन डोज लगवानी पड़ती हैं. पहली डोज के बाद दूसरी डोज दो महीने के बाद और तीसरी डोज 3 महीने के बाद लगाई जाती है.