बोकारोः कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने झारखंड सरकार को 1 लाख 36 करोड़ रुपये का बकाया नहीं देने के मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम का उद्देश्य राज्य सरकार के विकास की गति को बाधित करना है.
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर झारखंड जैसे विकासशील राज्य की जरूरतों को अनदेखा कर रही है. राजेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए आगे कहा कि यह केंद्र सरकार की विकास विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की बकाया राशि केंद्र के पास है और इस पर राज्य सरकार का हक है. इसलिये केंद्र सरकार को बकाया राशि का भुगतान तुरंत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी झारखंड के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेगी और केंद्र सरकार के खिलाफ उचित संघर्ष करने के लिए तैयार है.
उन्होंने राज्य के सभी दलों के सांसद को इसके लिए आवाज उठाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए सदन से लेकर सड़क तक उतरेगी और आवश्यकता पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटायेगी.
बताते चलें कि झारखंड सरकार केंद्र से कोयला रॉयल्टी का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपए लंबे समय से मांग रही है. मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक ने केंद्र से राशि भुगतान के लिए पत्र लिखा था.
सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव के ठीक पूर्व 24 सितंबर को भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था लेकिन केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने संसद में दिए अपने लिखित जवाब में कहा कि यह सही नहीं है. कोयले से प्राप्त 1.40 लाख करोड़ रुपए के राजस्व के रूप में अर्जित कर में झारखंड सरकार का कोई हिस्सा केंद्र सरकार के पास लंबित नहीं है.
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