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ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को मान सकती है सरकार, 15 जुलाई को हुई बैठक से कर्मचारियों की बढ़ी उम्मीद - central government may accept ops

central government may accept ops : केंद्र सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर जल्द कोई बड़ा फैसला ले सकती है. ये कहना है ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव शिवगोपाल मिश्रा का. उनका कहना है कि हाल ही में 15 जुलाई को सरकार की कमेटी के साथ इस मुद्दे पर बैठक हुई है जिसमें ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर विस्तार से बात हुई है. इस सकारात्म क बात से ओल्ड पेंशन स्कीम पर जल्द फैसले के कयास लगाए जा रहे हैं.

ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को मान सकती है सरकार
ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को मान सकती है सरकार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 21, 2024, 1:21 PM IST

नई दिल्ली : ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी और उनके परिजनों का सालों से संघर्ष जारी है. बीते 15 जुलाई को सरकार की कमेटी की संगठनों के साथ बैठक हुई है. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव शिवगोपाल मिश्रा के मुताबिक इस बार बैठक में सरकार का रुख नरम है. लग रहा है कि अब सरकार हमारी मांगें को मांग लेगी. जिससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है.

15 जुलाई को हुई थी बैठक :

ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव स्वरूप गोपाल मिश्रा ने बताया की बीते 15 जुलाई को हमारी कमेटी की बैठक सरकार की कमेटी के साथ हुई थी. पहले की तरह इस बार भी हम लोगों ने ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग की, जिसमें वेतन का 50% पेंशन के रूप में देने और इसके ऊपर जो सुविधा पहले मिलती थी वो दिए जाने की मांग की है. यह सब मांगे पूरी होने पर ही कर्मचारी संतुष्ट होंगे. कमेटी ने आश्वासन दिया है कि वह हमारी बातों को सरकार के समक्ष रखेंगे. आशा है कि इस पर जल्द ही सकारात्मक निर्णय आएगा.

इस बार पेंशन के मुद्दे को लेकर गंभीर है सरकार:

शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि इस बार की बैठक काफी सकारात्मक रही है और इससे उम्मीद बढ़ी है कि हमारी मांगे मान ली जाएंगी. सरकार भी इस मसले को लेकर गंभीर है. सरकार को सरकारी कर्मचारी और शिक्षकों की पीड़ा का ज्ञान है. मुझे उम्मीद है कि इस बार कुछ ना कुछ निर्णय जरूर लिया जाएगा, जिससे 1 जनवरी 2004 के बाद जो भी कर्मचारी भर्ती हुए हैं उनको रिटायरमेंट के बाद सड़क पर नहीं भटकना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें : दिल्ली: रेलवे कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग की, 15 जुलाई को केंद्र सरकार के साथ बैठक -

मांगें नहीं मानी तो फिर करेंगे संघर्ष:
यदि सरकार हम लोगों की मांग मान लेती है तो इसके लिए सरकार का और सरकार के मुखिया का आभार व्यक्त करेंगे. यदि हमारी मांगे नहीं मानी जाती है तो जॉइंट फोरम ऑफ रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम की बैठक बुलाई जाएगी. इस बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर संघर्ष की पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी. शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि जो भी कर्मचारियों के नुमाइंदे ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, उन सभी को मैं बधाई देता हूं. मैं ये भी अपील करता हूं कि यदि हम लोग संयुक्त रूप से एक मंच पर आकर इस लड़ाई को लड़े तो यह अच्छी बात है.

ये भी पढ़ें : पुरानी पेंशन व्यवस्था को वापस लाने की चल रही तैयारी, जानें क्या हैं फायदे -

नई दिल्ली : ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी और उनके परिजनों का सालों से संघर्ष जारी है. बीते 15 जुलाई को सरकार की कमेटी की संगठनों के साथ बैठक हुई है. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव शिवगोपाल मिश्रा के मुताबिक इस बार बैठक में सरकार का रुख नरम है. लग रहा है कि अब सरकार हमारी मांगें को मांग लेगी. जिससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है.

15 जुलाई को हुई थी बैठक :

ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव स्वरूप गोपाल मिश्रा ने बताया की बीते 15 जुलाई को हमारी कमेटी की बैठक सरकार की कमेटी के साथ हुई थी. पहले की तरह इस बार भी हम लोगों ने ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग की, जिसमें वेतन का 50% पेंशन के रूप में देने और इसके ऊपर जो सुविधा पहले मिलती थी वो दिए जाने की मांग की है. यह सब मांगे पूरी होने पर ही कर्मचारी संतुष्ट होंगे. कमेटी ने आश्वासन दिया है कि वह हमारी बातों को सरकार के समक्ष रखेंगे. आशा है कि इस पर जल्द ही सकारात्मक निर्णय आएगा.

इस बार पेंशन के मुद्दे को लेकर गंभीर है सरकार:

शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि इस बार की बैठक काफी सकारात्मक रही है और इससे उम्मीद बढ़ी है कि हमारी मांगे मान ली जाएंगी. सरकार भी इस मसले को लेकर गंभीर है. सरकार को सरकारी कर्मचारी और शिक्षकों की पीड़ा का ज्ञान है. मुझे उम्मीद है कि इस बार कुछ ना कुछ निर्णय जरूर लिया जाएगा, जिससे 1 जनवरी 2004 के बाद जो भी कर्मचारी भर्ती हुए हैं उनको रिटायरमेंट के बाद सड़क पर नहीं भटकना पड़ेगा.

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मांगें नहीं मानी तो फिर करेंगे संघर्ष:
यदि सरकार हम लोगों की मांग मान लेती है तो इसके लिए सरकार का और सरकार के मुखिया का आभार व्यक्त करेंगे. यदि हमारी मांगे नहीं मानी जाती है तो जॉइंट फोरम ऑफ रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम की बैठक बुलाई जाएगी. इस बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर संघर्ष की पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी. शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि जो भी कर्मचारियों के नुमाइंदे ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, उन सभी को मैं बधाई देता हूं. मैं ये भी अपील करता हूं कि यदि हम लोग संयुक्त रूप से एक मंच पर आकर इस लड़ाई को लड़े तो यह अच्छी बात है.

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