शिमला: हिमाचल कैडर के दो आईएएस अब दिल्ली में अपनी सेवाएं देंगे. कैबिनेट अपॉइंटमेंट कमेटी (ACC) ने 2 सीनियर आईएएस की नियुक्ति को लेकर मंजूरी दी है. ऐसे में अब मंजूरी मिलने के बाद हिमाचल के वर्ष 1996 बैच के आईएएस मनीष गर्ग और वर्ष 1999 बैच के अमनदीप गर्ग अब केंद्र में अपनी सेवाएं देंगे. दोनों ही ऑफिसर प्रिंसिपल सेक्रेटरी रेंक पर लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वर्तमान में मनीष गर्ग हिमाचल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद पर तैनात हैं. जिनकी तैनाती केंद्र में सेंट्रल इलेक्शन कमिशन में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर के पद पर हुई है. केंद्र में उन्हें वेतन एडिशनल सेक्रेटरी रेंक दिया जाएगा. इसी तरह से सीनियर आईएएस अमनदीप गर्ग अभी प्रदेश में वन, कार्मिक और लोक निर्माण विभाग का जिम्मा देख रहे हैं. अब केंद्र में इनको केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर नियुक्ति दी गई है.
हिमाचल में रह जाएंगे अब 109 आईएएस
सीनियर आईएएस मनीष गर्ग और अमनदीप गर्ग को केंद्र में नियुक्ति मिलने की मंजूरी के बाद हिमाचल में आईएएस की संख्या घटकर अब 109 रह जाएगी. प्रदेश में आईएएस की कुल संख्या 153 है. जिसमें अभी 111 आईएएस की हिमाचल में सेवाएं दे रहे हैं. इसमें भी अब दो आईएएस कैबिनेट अपॉइंटमेंट कमेटी की मंजूरी मिलने के बाद केंद्र में अपनी सेवाएं देंगे. इसके बाद दो आईएएस की कम होने के बाद प्रदेश में सेवाएं देने वाले आईएएस की संख्या 109 रह जाएगी. इस तरह से आईएएस की संख्या कम होने से कामकाज पर इसका असर देखने को मिल सकता है. जिससे सरकार की भी मुश्किलें बढ़ सकती है. बता दें कि प्रदेश में सेवाएं के स्थान पर आईएएस दिल्ली जा रहे हैं. अभी 5 आईएएस प्रियतु मंडल, रोहन चंद ठाकुर, अरिंदम चौधरी, मानसी सहाय और शैनोमोल ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने को लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी है. हिमाचल में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद से 7 आईएएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं.
हिमाचल में अब प्रशासनिक फेरबदल संभव
लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के परिणाम सामने आने के बाद से हिमाचल में बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद सुक्खू सरकार में बड़े स्तर पर कोई नया प्रशासनिक फेर बदल नहीं हुआ है. ऐसे में अब दो सीनियर आईएएस के केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने से कई पद खाली हो जाएंगे. जिसको देखते हुए अब आने वाले समय में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल संभव है.