कन्नौज: यूपी की एंटी करप्शन विजिलेंस यूनिट कैसे निर्दोष सरकारी कर्मचारी को षड्यंत्र रचकर फंसाती है और गुडवर्क दिखाकर अपनी पीठ थपथपाती है इसकी एक तस्वीर कन्नौज जिले के बेसिक शिक्षा विभाग से सामने आई है. तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है.
दरअसल एंटी करप्शन विजिलेंस यूनिट ने तीन दिन पहले बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात बाबू विमल पांडेय को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरोप था कि बाबू विमल पांडेय एरियर निकलवाने के नाम पर एक शिक्षक से रिश्वत ले रहे थे, तभी टीम ने उनको रंगे हांथ पकड़ लिया.
तीन दिन बाद जब घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी वीडियो को देखा गया तो तस्वीर बेहद हैरान करने वाली सामने आई. तस्वीर में साफ-साफ दिख रहा कि बाबू को जबरन फाइल के अंदर पैसा रखकर दो लोगों द्वारा दिया जा रहा है. बाबू जब रिश्वत लेने से मना करता है तो उसको जबरन फाइल पकड़ाकर खूब पीटा जाता है.
कुछ लोग बाहर से आकर बाबू को पीटते हैं और फिर कुर्सी से खींचकर बाहर ले जाते हैं. CCTV कैमरे से फर्जी रिश्वत कांड में गिरफ्तारी का खेल उजागर होने के बाद एंटी करप्शन विजिलेंस की टीम पर कई तरह के सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं.
एंटी करप्शन की टीम की फर्जी कार्रवाई को लेकर प्रदेश के शिक्षक लामबंद होने लगे हैं और में जिले में एक बड़े विरोध की तैयारी भी शुरू हो गई है. सोशल मीडिया में अभी से एंटी करप्शन विजिलेंस की टीम के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल दिया है.
हैरान करने वाली बात तो यह है कि एंटी करप्शन विजिलेंस की टीम बाबू विमल पांडेय को जिस आरोप में गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा रही है, असल में बाबू विमल पांडेय उस एरियर पटल पर काम ही नहीं करते है.
दूसरी बड़ी और अहम बात सहायक शिक्षक अनुराग सिंह यादव जिसकी शिकायत पर एंटी करप्शन विजिलेंस यूनिट आई थी उसका अभी तक वेरीफिकेसन तक नहीं हुआ है. मानकों की मानें तो बिना वेरिफिकेशन के एरियर नहीं मिलता है.
बताया जा रहा है कि सीसीटीवी वीडियो में बाबू के पास दो लोग जो खड़े हैं वो शिक्षक हैं. इसमें सबसे पहले बाबू को पीटने वाला उन्नाव में तैनात शिक्षक प्रवीन है. जो यूटा संगठन का जिलाध्यक्ष बताया जा रहा है. दूसरा शिक्षक अनुराग सिंह यादव है, जो कन्नौज में तैनात है.
इन दोनों शिक्षकों ने जबरन पैसा देने की कोशिश की और फिर बाबू को पीटने लगे. उसके बाद एंटी करप्शन विजिलेंस की टीम ने आकर बाबू को पकड़ा और बिना जांच पड़ताल किए उसको आरोपी बना दिया. फिलहाल मामले पर जिले का कोई भी बड़ा अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.
प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने सीसीटीवी वीडियो को संज्ञान में लेकर कहा कि वीडियो को देखने के बाद एंटी करप्शन के अधिकारी कार्रवाई करेंगे. वीडियो में कुछ भी ऐसा नहीं दिख रहा है जो एंटी करप्शन विजिलेंस टीम ने दर्शाया है. भ्रस्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.
लेकिन, फिर भी कानूनी प्रक्रिया में सुचिता बरकार रखनी चाहिए है. मुझे विश्वास है कि एंटी करप्शन विजिलेंस के बड़े अधिकारी मामले को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करेंगे.
घटना के बाद बाबू विमल पांडेय ने बताया की उसने कोई रिश्वत नहीं ली थी. उसको जबरन फंसाया गया है. वह एरियर का पटल भी नहीं देखता है. शिकायतकर्ता को वह नहीं जानता. उस वक्त उसकी एक न सुनी गई लेकिन जब सीसीटीवी वीडियो सामने आया तो बाबू विमल पांडेय सच बोल रहे थे.
बेसिक शिक्षा विभाग के बाबू प्रदीप सक्सेना ने बताया कि एंटी करप्शन विजिलेंस टीम के सदस्य बेसिक शिक्षा अधिकारी के कक्ष में जाकर सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर भी अपने साथ ले गए थे. कार्यालय में दो डीवीआर लगे थे जिस कैमरे में वीडियो कैद हुआ उसका डीवीआर एंटी करप्शन की टीम नहीं ले जा सकी. अगर टीम इस डीवीआर को ले जाती तो सच्चाई कभी सामने नहीं आती.
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