ETV Bharat / state

CBSE Board इस साल लागू नहीं करेगा नई शिक्षा नीति 2020, ग्रेडिंग सिस्टम अगले साल से होगा लागू

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 26, 2024, 7:09 AM IST

CBSE Board Exam 2024 New Update: - सीबीएसई डिस्टिंक्शन लिस्ट नहीं होगी जारी, केस बेस्ड स्टडी की कर लें तैयारी - अगले साल से होगी ग्रेडिंग, मिलेंगे नंबर, ग्रेजुएशन तय करेगा बेस्ट ऑफ फाइव

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ: सेंट्रल बोर्ड सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से पिछले साल एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. उसमें कहा गया था कि 2024 में होने वाली बोर्ड परीक्षा में ग्रेडिंग प्रक्रिया लागू की जाएगी. छात्रों की मेरिट जारी नहीं की जाएगी. लेकिन, बोर्ड की ओर से भेजे गए नए अपडेट के अनुसार इस साल की बोर्ड परीक्षा पिछले साल की तरह ही होगी और छात्रों का रिजल्ट मेरिट के आधार पर जारी होगा. ग्रेडिंग प्रक्रिया को बोर्ड ने 2025 तक के लिए टाल दिया है.

नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत ग्रेडिंग सिस्टम को लागू करने की प्रक्रिया की बात कहकर बोर्ड ने छात्रों के बीच में काफी हलचल मचा दी थी. राजधानी लखनऊ के सीबीएसई बोर्ड के सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ. जावेद आलम ने बताया कि ग्रेडिंग को लेकर तैयारी चल रही है. लेकिन, ग्रेडिंग के संबंध में कोई नोटिफिकेशन अभी तक बोर्ड की तरफ से नहीं जारी किया गया है.

फरवरी में प्रस्तावित बोर्ड परीक्षा पुराने पैटर्न पर ही आयोजित की जा रही है. ऐसे में इस वर्ष बोर्ड परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स को ग्रेडिंग नहीं मिलेगी. वहीं, बोर्ड परीक्षार्थियों की डिस्टिंक्शन लिस्ट भी जारी नहीं करेगा. ऐसे में इस साल भी 12वीं की परीक्षा दे रहे सभी छात्र-छात्राएं अपने हिसाब से बेस्ट ऑफ फाइव सब्जेक्ट के आधार पर स्कूल का टॉपर चुन सकेंगे.

डॉ. जावेद आलम खान ने बताया कि अगले साल से बोर्ड ग्रेडिंग के नियम को लागू करेगा. लेकिन, उसमें छात्रों को ग्रेडिंग की जगह नंबर दिए जाएंगे, बस मेरिट नहीं जारी होगी. जो गाइडलाइन तैयार की जा रही है, उसके मुताबिक स्कूल लेवल पर मेन लाइम स्ट्रीम के विषयों के साथ बेस्ट ऑफ फाइव चुना जा सकेगा. लेकिन, ग्रेजुएशन में अप्लाई करने पर कॉलेज विषय के मुताबिक बेस्ट ऑफ फाइव विषय चुनेगा. उसी आधार पर मेरिट तय होगी. स्टूडेंट्स अपने बेस्ट ऑफ फाइव विषय चुन मेरिट के लिए दावा नहीं कर सकेगा. ग्रेडिंग नहीं होने तक सीबीएसई का यह बदलाव स्टूडेंट्स के लिए काफी चुनौती भरा होगा.

साल 2017 में बोर्ड ने वापस लिया था ग्रेडिंग सिस्टम: ज्ञात हो कि इससे पहले सरकार की तरफ से एक बार पहले भी हाई स्कूल व इंटरमीडिएट में ग्रेडिंग सिस्टम को लागू किया गया था. करीब 3 साल चले इस एक्सपेरिमेंट के बाद साल 2017 में बोर्ड ने इसे वापस ले लिया था. विशेषज्ञों का कहना था कि सीबीएसई बोर्ड में ग्रेडिंग लागू होने के बाद से देश के टॉप प्रतियोगी परीक्षाओं में जो बच्चे शामिल हो रहे थे, उन्हें प्रवेश के लिए मेरिट बनाने में काफी दिक्कत हो रही थी.

ये भी पढ़ेंः दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में श्रेणी, विशेष योग्यता नहीं देगा सीबीएसई

लखनऊ: सेंट्रल बोर्ड सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से पिछले साल एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. उसमें कहा गया था कि 2024 में होने वाली बोर्ड परीक्षा में ग्रेडिंग प्रक्रिया लागू की जाएगी. छात्रों की मेरिट जारी नहीं की जाएगी. लेकिन, बोर्ड की ओर से भेजे गए नए अपडेट के अनुसार इस साल की बोर्ड परीक्षा पिछले साल की तरह ही होगी और छात्रों का रिजल्ट मेरिट के आधार पर जारी होगा. ग्रेडिंग प्रक्रिया को बोर्ड ने 2025 तक के लिए टाल दिया है.

नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत ग्रेडिंग सिस्टम को लागू करने की प्रक्रिया की बात कहकर बोर्ड ने छात्रों के बीच में काफी हलचल मचा दी थी. राजधानी लखनऊ के सीबीएसई बोर्ड के सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ. जावेद आलम ने बताया कि ग्रेडिंग को लेकर तैयारी चल रही है. लेकिन, ग्रेडिंग के संबंध में कोई नोटिफिकेशन अभी तक बोर्ड की तरफ से नहीं जारी किया गया है.

फरवरी में प्रस्तावित बोर्ड परीक्षा पुराने पैटर्न पर ही आयोजित की जा रही है. ऐसे में इस वर्ष बोर्ड परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स को ग्रेडिंग नहीं मिलेगी. वहीं, बोर्ड परीक्षार्थियों की डिस्टिंक्शन लिस्ट भी जारी नहीं करेगा. ऐसे में इस साल भी 12वीं की परीक्षा दे रहे सभी छात्र-छात्राएं अपने हिसाब से बेस्ट ऑफ फाइव सब्जेक्ट के आधार पर स्कूल का टॉपर चुन सकेंगे.

डॉ. जावेद आलम खान ने बताया कि अगले साल से बोर्ड ग्रेडिंग के नियम को लागू करेगा. लेकिन, उसमें छात्रों को ग्रेडिंग की जगह नंबर दिए जाएंगे, बस मेरिट नहीं जारी होगी. जो गाइडलाइन तैयार की जा रही है, उसके मुताबिक स्कूल लेवल पर मेन लाइम स्ट्रीम के विषयों के साथ बेस्ट ऑफ फाइव चुना जा सकेगा. लेकिन, ग्रेजुएशन में अप्लाई करने पर कॉलेज विषय के मुताबिक बेस्ट ऑफ फाइव विषय चुनेगा. उसी आधार पर मेरिट तय होगी. स्टूडेंट्स अपने बेस्ट ऑफ फाइव विषय चुन मेरिट के लिए दावा नहीं कर सकेगा. ग्रेडिंग नहीं होने तक सीबीएसई का यह बदलाव स्टूडेंट्स के लिए काफी चुनौती भरा होगा.

साल 2017 में बोर्ड ने वापस लिया था ग्रेडिंग सिस्टम: ज्ञात हो कि इससे पहले सरकार की तरफ से एक बार पहले भी हाई स्कूल व इंटरमीडिएट में ग्रेडिंग सिस्टम को लागू किया गया था. करीब 3 साल चले इस एक्सपेरिमेंट के बाद साल 2017 में बोर्ड ने इसे वापस ले लिया था. विशेषज्ञों का कहना था कि सीबीएसई बोर्ड में ग्रेडिंग लागू होने के बाद से देश के टॉप प्रतियोगी परीक्षाओं में जो बच्चे शामिल हो रहे थे, उन्हें प्रवेश के लिए मेरिट बनाने में काफी दिक्कत हो रही थी.

ये भी पढ़ेंः दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में श्रेणी, विशेष योग्यता नहीं देगा सीबीएसई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.