नई दिल्ली: अप्रैल 2007 में मनमोहन सरकार के दौरान सीबीआई ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में जगदीश टाइटलर को क्लीनचिट दे दी थी. सीबीआई ने कहा था कि दंगे के समय टाइटलर पुल बंगश गुरुद्वारा इलाके में नहीं थे. वे इंदिरा गांधी के तीन मूर्ति आवास पर थे. लेकिन, बाद में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को नकारते हुए कोर्ट ने इस मामले को फिर से शुरू किया. अब इस मामले में करीब 40 साल के लंबे समय के बाद टाइटलर पर आरोप तय किए गए हैं.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने टाइटलर पर आठ धाराओं में आरोप तय किए हैं, जिनमें प्रमुख धारा हत्या की धारा 302 शामिल है. अब टाइटलर पर इन धाराओं में आगे मुकदमा चलेगा और इन सभी धाराओं में अगर जुर्म साबित हो जाता है तो उन्हें सजा सुनाई जाएगी. इन धाराओं में कितनी सजा का प्रावधान है इसको लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता अंकित मेहता ने बताया कि जगदीश टाइटलर पर लगाई गई सभी धाराओं में अलग-अलग सजा का प्रावधान है. इनमें सबसे मुख्य धारा 302 है, जो हत्या की धारा है, जिसमें आजीवन कारावास से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है.
फांसी तक की हो सकती है सजाः अंकित मेहता ने बताया कि इसके अलावा अन्य जो धाराएं हैं. उनमें 1 साल, 3 साल और 2 साल तक की सजा का प्रावधान है. अगर इन सभी धाराओं में जगदीश टाइटलर पर मामला साबित हो जाता है तो उन्हें धारा 302 के तहत अधिकतम आजीवन कारावास और फांसी की सजा तक हो सकती है. बाकी अन्य धाराओं की सजा भी 302 की सजा के साथ ही चलेगी. उन्होंने यह भी बताया कि क्योंकि यह मामला स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चल रहा है. इसलिए इसमें अब फास्ट ट्रैक स्पीड से ट्रायल चलेगा. क्योंकि मामला 40 साल पुराना है. इसलिए गवाह और सबूतों को पेश करने में समय लग सकता है. फिर भी इस मुकदमे में तीन से चार साल में फैसला आने की संभावना है.
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#WATCH | Jammu: On Delhi court order directing to frame charges against Congress leader Jagdish Tytler in a 1984 anti sikh riots case, BJP leader RP Singh says, " the court has today framed charges against the anti-sikh riots accused tytler...this is a fight of 40 years… pic.twitter.com/hDheWPLsWy
— ANI (@ANI) August 30, 2024
उम्र का मिल सकता है लाभः एडवोकेट अंकित मेहता ने बताया कि पहले इस मामले में सीबीआई ने गवाहों और सबूतों के अभाव में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. लेकिन, बाद में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को नकारते हुए कोर्ट ने इस मामले को फिर से शुरू किया था. अब इस मामले में करीब 40 साल के लंबे समय के बाद आरोप तय किए गए हैं. अब इस मामले में सजा चार्जशीट पर भी निर्भर करेगी कि उसमें कितने गवाह हैं और चार्जशीट कितनी हेवी है. संगीन धाराओं की वजह से टाइटलर को उम्रदराज होने का भी लाभ नहीं मिलेगा. एडवोकेट अंकित मेहता ने बताया कि इस मामले में सेशन कोर्ट से पहले ही जगदीश टाइटलर को अंतरिम जमानत मिल चुकी है.
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Finally, the wheels of Justice are moving. I wholeheartedly welcome Rouse Avenue Court framing charges against Congress senior leader Jagdish Tytler in connection with the 1984 Delhi massacre.
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) August 30, 2024
For 40 years, CBI alleged Tytler was cocooned by the Congress high command denying… pic.twitter.com/U8s5Tc2AEW
सिख नेता मनजिंदर सिरसा ने जताई खुशी: जगदीश टाइटलर पर आरोप तय होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सिख नेता एवं भाजपा प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा टाइटलर पर सिखों के कत्लेआम के लिए आज आरोप तय किए गए हैं. अब 13 सितंबर को कोर्ट ने उन्हें समन किया है. जल्दी ही सज्जन कुमार की तरह ही जगदीश टाइटलर भी जेल में सड़ेंगे. देर से ही सही लेकिन हमें इस मामले में अब न्याय मिल रहा है. कांग्रेस की सरकार ने जिस मामले में टाइटलर को क्लीन चिट दी थी और इस मामले में इन्हें सजा हो रही है. यह न्याय की जीत है.