झज्जर: हरियाणा के झज्जर के फरमाण गांव की पशुपालक रेणु सांगवान को राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. ये अवॉर्ड नीति आयोग और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) पूसा के सहयोग से 26 नवंबर को नई दिल्ली में दिया जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्री लल्लन यादव और गृह मंत्री अमित शाह रेणु सांगवान को इस अवॉर्ड से सम्मानित करेंगे. रेनू सांगवान का चयन मिलेनियम फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड के लिए भी हुआ है.
रेणु सांगवान को बड़ा सम्मान: झज्जर जिले के खरमाण गांव में किसान परिवार में जन्मी रेनू सांगवान आज हरियाणा की बड़ी पशुपालक बन गई हैं. रेणु सांगवान के पति कृष्ण पहलवान का साल 2018 में निधन हो गया था. कृष्ण सांगवान हरियाणा के बड़े पशुपालक बनना चाहते थे. इसलिए रेणु सांगवान ने अपने पति का सपना पूरा करने की ठानी. इसके लिए उन्होंने वेटरनरी का कोर्स किया और 9 देसी गायों के साथ गोकुल फार्म श्री कृष्ण गोधाम नाम से संस्था बनाकर गोपालन शुरू किया.
पशुपालन के क्षेत्र में हासिल किया मुकाम: आज रेणु सांगवान के पास 280 गोवंश हैं. जिनसे हर दिन करीब 800 लीटर दूध का उत्पादन होता है. ये दूध दिल्ली में 120 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है. रेणु ने बताया कि उनकी गायों का घी भी 12 देशों को भेजा जाता है. दूध से बनने वाले घी को रेणु सांगवान ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी, अमेरिका और फिलिपींस जैसे 12 देश में निर्यात भी करती हैं.
विभिन्न नस्लों की गाय पाल रही रेणु: किसान परिवार से संबंध रखने वाली रेणू सांगवान बचपन से ही किसान परिवार से संबंध रखती हैं. 2016-17 में उन्होंने अपने पति कृष्ण पहलवान के साथ मिलकर 9 देसी गायों से गोपालन की शुरुआत की थी. पति की मौत के बाद उन्होंने इसे और विस्तार दिया. आज उनके पास 280 गोवंश है. रेणु के पास गिर, थार पारकर, राठी, साहीवाल और देसी समेत विभिन्न तरह की उम्दा नस्लों की गाय हैं.
120 रुपये प्रति लीटर बिकता है दूध: रेणु सांगवान के बेटे डॉक्टर विनय सांगवान ने बताया कि अब उनके पास सर्वोत्तम नस्ल की 280 गाय हैं. जो प्रतिदिन करीब 800 लीटर से ज्यादा दूध का उत्पादन करती हैं. इस दूध को वो दिल्ली स्थित अपने प्लांट में बोतलों में भरकर राजधानी दिल्ली और गुरुग्राम में सप्लाई करते हैं. इतना ही नहीं वैदिक बिलोना विधि से तैयार गाय के शुद्ध घी का भी उत्पादन किया जाता है.
विदेश में भी है घी की डिमांड: इस घी को वो ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी, अमेरिका और फिलिपींस जैसे 12 देश में निर्यात करते हैं. जहां करीब 35सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से उनका घी बिकता है. डॉक्टर विनय का कहना है कि उनके माता-पिता ने छोटे स्तर से गाय पालकर दूध का उत्पादन शुरू किया था. अब उनकी मेहनत और लगन के सहारे वो गोपालन के क्षेत्र में खूब नाम कमा रहे हैं.
पशुपालक रेणू सांगवान का महिलाओं को संदेश: रेणू सांगवान आज गोपालन करके खूब नाम कमा रही हैं. प्रदेश स्तर की कई प्रदर्शनियों में उनके गोवंश भी कई इनाम हासिल कर चुके हैं. उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनने का भी संदेश दिया है. रेणु सांगवान का कहना है कि महिलाओं को कभी भी हौसला नहीं हारना चाहिए. नेक नीयत, अच्छी सोच और हौंसले के दम पर ही महिलाएं अच्छे मुकाम हासिल कर सकती हैं.