पटनाः बिहार में जातीय गणना को लेकर सियासत शुरू है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल यात्री गांधी ने बिहार में जातीय गणना को लेकर जिस प्रकार से बयान दिया है, उन पर लगातार निशाना साधा जा रहा है. हालांकि जातीय गणना को लेकर क्रेडिट लेने की कोशिश सभी दलों की ओर से हो रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास पिछड़ा विरोधी रहा है.
सुशील मोदी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना: बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी को भारत-रत्न कर्पूरी ठाकुर की भूमि बिहार में अपनी यात्रा के दौरान कोई अनर्गल दावा करने के बजाय कांग्रेस के राजनीतिक अपराधों के लिए पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज से माफी मांगनी चाहिए. राहुल गांधी बतायें कि कांग्रेस ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को दस साल तक क्यों दबाये रखा था? उनकी पार्टी ने पिछड़ा समाज के सीताराम केसरी को बुरी तरह अपमानित कर अध्यक्ष पद से हटाया था.
"जिनके पिता राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू करने का विरोध संसद में खड़े होकर किया था, वे आज किस मुंह से बिहार में जातीय सर्वे कराने का श्रेय लेने की बात कह रहे हैं? राहुल गांधी को कोई गंभीरता से नहीं लेता. बिहार में जातीय सर्वे कराने का निर्णय एनडीए सरकार का था और भाजपा ने हर स्तर पर इसका समर्थन किया, जबकि राजद और कांग्रेस के लोग इसका श्रेय हड़प लेना चाहते हैं"- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद
'कांग्रेस अपने स्टेट में क्यों नहीं कराती सर्वे': सांसद सुशील मोदी ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने 2015 में जो जातीय सर्वे कराया था, उसकी रिपोर्ट 8 साल से सार्वजनिक क्यों नहीं हो पाई? हिमाचल प्रदेश में एक साल से कांग्रेस की सरकार है, लेकिन वहां जातीय सर्वेक्षण कराने का निर्णय क्यों नहीं हुआ? तेलंगाना में पार्टी सत्ता में आने के बाद जातीय सर्वे पर क्यों चुप्पी साधी गई? इसका जवाब राहुल गांधी को देना चाहिए.
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