भरतपुर : महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय की तिजोरी से 24.74 लाख रुपए पार होने के मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के बाद अब विश्वविद्यालय ने अपने स्तर पर भी जांच शुरू कर दी है. वहीं, कैशियर बिजेंद्र सिंह ने भी तिजोरी से पैसे का गबन करना लिखित में स्वीकार कर लिया है. आशंका जताई जा रही है कि कैशियर ने यह पैसा दहेज हत्या के मामले में फंसे बेटे को बचाने के लिए लिया है.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्र ने बताया कि गबन के मामले की जांच विश्वविद्यालय स्तर पर शुरू कर दी गई है, जल्द ही इसकी रिपोर्ट भी सामने आ जाएगी. इस पूरे मामले में कैशियर के अलावा विश्वविद्यालय के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भी लापरवाही रही है. जांच में जिस किसी की लापरवाही पाई जाएगी, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि कैशियर बिजेंद्र के पास ही तिजोरी की सभी चाबियां थीं. यह घोर लापरवाही है कि तत्कालीन एफसी ने तिजोरी की चाबी एक सेवानिवृत कर्मचारियों को सौंप दी थी और बाद में जिम्मेदारों ने भी इसका ध्यान नहीं रखा. इस पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है. आरोपी ने लिखित में गबन करना स्वीकार कर लिया है. चर्चा है कि कैशियर बिजेंद्र सिंह का एक बेटा दहेज हत्या के मामले में जेल गया था, संभवतः जिसकी वजह से बिजेंद्र ने यह कदम उठाया.
यह है मामला : गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुल सचिव डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय ने 23 जुलाई को कुम्हेर थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसमें बताया कि विश्वविद्यालय की नकद शाखा में 12 जुलाई 2024 को भौतिक सत्यापन किया गया. कैशबुक में नकद बैलेंस 24,75,065 रुपए था, जबकि तिजोरी में सिर्फ 290 रुपए रखे हुए मिले. यानी तिजोरी से 24,74,775 रुपए गायब थे. रिपोर्ट में आरोप है कि इस राशि का गबन विश्वविद्यालय में 2 सितंबर 2022 से कैशियर के पद पर कार्यरत राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त बिजेंद्र सिंह ने किया है.