रांची: अगर नेताजी त्योहार की आड़ में प्रचार करते पाए गए तो उन्हें लेने के देने पड़ जाएंगे. चुनाव आयोग के निर्देशानुसार नेताजी छठ जैसे पर्व के मौके पर भी सूप-दउरा नहीं बांट पाएंगे और न ही पूजा समितियों के कार्यक्रम में शामिल होकर प्रचार कर पाएंगे.
दरअसल विधानसभा चुनाव के चलते लागू आचार संहिता ने नेताजी पर सार्वजनिक रूप से पर्व मनाने पर रोक लगा दी है. इसके तहत न तो वे कोई उपहार बांटेंगे और न ही ऐसा कोई काम करेंगे जो चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में आएगा.
मुख्य चुनाव पदाधिकारी के रवि कुमार ने इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा है कि इसमें सभी बातें स्पष्ट रूप से अंकित हैं. पूजा-अर्चना पर कोई रोक नहीं है. इसके जरिए राजनीतिक संदेश नहीं दिया जाना चाहिए और न ही इसे प्रचार का माध्यम बनाया जाना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. त्योहार के दौरान किसी भी तरह का सामान या उपहार बांटा गया तो इसे भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा.
आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर रखेंगी 350 टीमें
चुनाव आयोग ने त्योहार के दौरान नेताजी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. चुनाव आयोग को आशंका है कि दीपावली और छठ के मौके पर लोगों के बीच बड़े पैमाने पर उपहार बांटे जाएंगे. इसे ध्यान में रखते हुए आयोग ने राज्य भर में गठित 350 टीमों के साथ ही धावा दल को भी अलर्ट कर दिया है. विभिन्न विभागों द्वारा गठित अधिकारियों की एक बड़ी टीम इस दौरान आचार संहिता के उल्लंघन पर गंभीरता से नजर रखेगी.
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