मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :एमसीबी जिले के पैनारी गांव में ठेकेदार ने पुल बनाने के लिए अवैध स्टोन क्रेशर लगा लिया.ताकि पुल निर्माण के लिए गिट्टी की जरुरत को पूरा किया जा सके. ये स्टोन क्रेशर सरकारी अनुमति के बिना लगाया गया है.इसके लिए जरूरी ग्राम पंचायत प्रस्ताव भी नहीं लाया गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक क्रेशर लगाने वाली जगह को 'छोटे बड़े झाड़ के जंगल' के नाम से जाना जाता है. पर्यावरण नियमों, लीज एरिया और ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के बिना स्टोन क्रेशर लगाना पर्यावरणीय नुकसान और नियमों की सीधी अवहेलना है.
बीजेपी पर कांग्रेस ने साधा निशाना : पैनारी के सरपंच समेत किसी भी राजस्व अधिकारी को इस अवैध क्रेशर की जानकारी नहीं है. कांग्रेस जिला अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने इसके लिए बीजेपी पर निशाना साधा है.जहां तक मुझे पता है कि बिना किसी टेंडर और लीज के ही क्रेशर का संचालन हो रहा है.जिस जमीन पर क्रेशर लगाया गया है वो भी किसी और के नाम पर आबंटित है.ऐसे में पत्थर निकालने को लेकर विवाद की स्थिति पैदा होगी.हम तो विपक्ष में रहकर अपना काम कर रहे हैं.हम सिर्फ प्रशासन से शिकायत कर सकते हैं.लेकिन जो अभी सत्ता में हैं उनको असल में गलत कामों को रोकना चाहिए.
जब से बीजेपी की सरकार आई है, तब से हर काम सेटिंग में हो रहा है.ठेकेदार बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए क्रेशर लगा रहे हैं. ये प्रशासन की विफलता को दर्शाता है- अशोक श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष कांग्रेस
वहीं जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मामले की जानकारी मिलने की पुष्टि की है. एसडीएम खड़गवां बृजेंद्र सिंह सारथी और तहसीलदार शशि शेखर मिश्रा ने जांच का आश्वासन दिया है.
पैनारी के पास अवैध क्रेशर लगाने की शिकायत प्राप्त हुई है.हम पहले जांच करवाएंगे.यदि अवैध होगा तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी- शशिशेखर मिश्रा, तहसीलदार
माइनिंग टीम और रेवन्यू टीम को मौके पर भेजा जाएगा.यदि अवैध पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी- बृजेंद्र सिंह सारथी,एसडीएम
अवैध स्टोन क्रेशर की शिकायत के बाद राजस्व विभाग ने जांच का दिलासा दिया है.अब देखना होगा कि प्रशासन इस अवैध क्रेशर के खिलाफ क्या कदम उठाता है. इस घटना ने प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं.