जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की न्यू सांगानेर रोड की चौड़ाई 200 फीट करने के दौरान याचिकाकर्ताओं के निर्माण तोड़ने पर पाबंदी लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में जेडीए के सचिव, प्रवर्तन अधिकारी, पीआरएन साउथ-प्रथम व डिप्टी कमिश्नर को जवाब देने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 5 जुलाई को तय की है. जस्टिस अशोक कुमार जैन की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश रोहित कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एमएस राघव ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 30 जुलाई, 2021 को एक जनहित याचिका में आदेश जारी करते हुए मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से रीको कांटा तक स्थित सड़क की चौड़ाई बढ़ाने को कहा था. खंडपीठ ने सड़क की चौड़ाई के बीच आने वाले अतिक्रमणों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. याचिका में कहा गया कि खंडपीठ के इस आदेश की पालना में जेडीए सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहा है. इस दौरान जेडीए ने याचिकाकर्ताओं को 19 जून, 2024 को धारा 72 का नोटिस दिया.
जेडीए की इस कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि केवल सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामले में ही धारा 72 के तहत नोटिस दिया जा सकता है. जबकि याचिकाकर्ताओं की जमीन निजी खातेदारी की है. इसके अलावा उनके पास निजी सोसायटी के पट्टे हैं. ऐसे में उन्हें धारा 72 के तहत नोटिस नहीं दिए जा सकते. वहीं खंडपीठ ने अतिक्रमियों पर कार्रवाई करने को कहा था, जबकि याचिकाकर्ता अतिक्रमियों की परिभाषा में नहीं आते हैं. ऐसे में उनके निर्माणों को नहीं तोड़ा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने जेडीए को याचिकाकर्ताओं के निर्माण तोड़ने पर रोक लगाते हुए जेडीए को जवाब पेश करने को कहा है.