कानपुर: श्रम विभाग से संबद्ध उप्र भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में हुए करीब 1.10 करोड़ रुपये घोटाले के मामले में शहर की क्राइम ब्रांच को 105 खातों में फ्रॉड के साक्ष्य मिले हैं. कई खाते ऐसे हैं, जिनमें आईडी दूसरे व्यक्तियों की है. इसी तरह इन खातों में जो पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उनमें से करीब 64 लाख रुपये की राशि को क्राइम ब्रांच ने फ्रीज कर दिया है.
एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर अपनी टीम के साथ लगातार इस मामले की जांच कर रहे हैं. वहीं, अब श्रम मंत्री तक मामले की जानकारी पहुंच गई है. वह भी लगातार इस मामले पर अपनी नजर रखे हुए हैं. लखनऊ और कानपुर में विभागीय अफसरों की टीमें भी मामले की जांच कर रही हैं. अभी तक क्राइम ब्रांच को जो साक्ष्य मिल हैं, उनके मुताबिक 110 खातों में 1.10 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाने की जानकारी सामने आई है. एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे.
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क्राइम ब्रांच टीम के अफसरों ने कुछ दिनों पहले लखनऊ जाकर बोर्ड के कार्यालय से सारा डाटा अपने पास ट्रांसफर करा लिया था. अब सभी खातों का सत्यापन कराया जा रहा है. वहीं, जो खाते संदिग्ध लग रहे हैं, उन्हें फ्रीज कर दिया गया है. क्राइम ब्रांच अफसरों का कहना है कि अगर विभागीय अफसर खातों का सत्यापन गंभीरता से कर लेते तो इतनी दिक्कतें सामने नहीं आतीं.
एक दिन में अपात्रों को दो बार भेजे गए पैसे: श्रम विभाग के आला अफसर आरके पटेल ने बताया कि कन्या विवाह सहायता योजना के तहत पात्रों को 55 हजार रुपये की मदद देने का नियम है. हालांकि, बोर्ड के पोर्टल पर जो फ्रॉड हुआ, उससे सामने आया कि 29 जनवरी को अपात्रों के खातों में दो-दो बार 55-55 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की गई. अब इस पूरे मामले में एक बड़ी बात यह भी है कि श्रम विभाग के कई आला अफसर क्राइम ब्रांच के राडार पर हैं. इससे विभाग में हड़कंप की स्थिति भी बनी है.
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