जयपुर. डेढ़ साल पहले जयपुर घूमने आए जापानी पर्यटक के साथ 31 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली गई थी. पर्यटक ने ऑनलाइन शिकायत भेजी, लेकिन विधायकपुरी थाने के हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल ने पर्यटक से ठगी करने वाले बदमाशों से मिली भगत करके 7 लाख रुपए लेकर जांच बंद कर दी. अब बदमाशों से मिली भगत करने के मामले में हेड कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह और कांस्टेबल राजकुमार को गिरफ्तार किया गया है.
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ के मुताबिक जापानी पर्यटक के साथ करीब डेढ़ साल पहले 31 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई थी. पर्यटक ने वर्ष 2023 में ऑनलाइन शिकायत भेजी थी. इस परिवाद की जांच विधायकपुरी थाने में भेजी गई. हेड कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह और कांस्टेबल राजकुमार ने आरोपियों से ही मिली भगत करके 7 लाख ले लिए और परिवाद को बंद कर दिया था.
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अप्रैल 2023 में पीड़ित जापानी पर्यटक सासों ताकेसी ने दूतावास के माध्यम से दोबारा शिकायत भेजी. ईमेल के जरिए शिकायत प्राप्त हुई. शिकायत पर पर्यटक थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए गए. मामले की जांच पड़ताल करके 29 मार्च 2024 को 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी 2022 से दिसंबर में जयपुर घूमने आए जापानी पर्यटक को बातों में उलझाकर सीकर के रामगढ़सेठान खुद के गांव ले गए थे, यहां पर रात के समय दो फर्जी पुलिसकर्मी बनकर बदमाश आए और अवैध मादक पदार्थ तस्करी के केस में फंसाने की धमकी देकर करीब डेढ़ लाख रुपए हड़प कर ले गए. उसके बाद पीड़ित को जयपुर लाकर उसके क्रेडिट कार्ड से 26.50 लाख रुपए का सोना खरीद लिया. पीड़ित के जापान जाने के बाद भी धमकी देकर 2.90 लाख रुपए ऑनलाइन ले लिए. पीड़ित ने परेशान होकर पुलिस में शिकायत की. विधायकपुरी थाने के हेड कांस्टेबल सत्येंद्र को मामले की जांच दी गई. सत्येंद्र ने 27 अगस्त को व्हाट्सएप कॉल पर आरोपी असगर को थाने पर बुलाया और पूछताछ की. हेड कांस्टेबल सत्येंद्र और कॉन्स्टेबल राजकुमार ने 2.90 लाख रुपए पीड़ित को लौटाने के लिए कहा. इसके बाद दोनों ने मिलकर आरोपी से तीन बार में 7 लाख रुपए लेकर परिवाद को ही बंद कर दिया.
हेड कांस्टेबल को कमिश्नर ने बुलाकर पूछा तो वह झूठ बोलकर बच गया. मामले के दोबारा उजागर होने पर दोनों पुलिसकर्मियों ने आरोपियों को बुलाकर कहा था कि मामला फिर से खुल गया है. हम आपके पैसे वापस कर देंगे. हमारा नाम मत लेना, लेकिन पैसे लौटाने से पहले ही पर्यटक थाना पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में आरोपी असगर, शरीफ बैक और कयूम को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हो गया. इसके बाद पुलिस ने दोनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है. मामले में फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.
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यह था पूरा मामला: जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ के मुताबिक ईमेल के जरिए जापान में बैठे विदेशी पर्यटक से शिकायत प्राप्त करके मुकदमा दर्ज किया गया था. गत 28 मार्च को पर्यटक थाने में परिवादी विदेशी पर्यटक सासों ताकेशी की ओर से ईमेल के जरिए मुकदमा दर्ज करवाया गया था कि 2 दिसंबर 2022 को वह जयपुर घूमने आया था. वह होटल में ठहरा था. वहां 3 दिसंबर 2022 को होटल के बाहर एक ऑटो चालक मिला, जिसका नाम शरीफ था. ऑटो चालक ने 600 रुपये में जयपुर घूमने की बात कही. ऑटो चालक की जापानी भाषा से प्रेरित होकर विदेशी पर्यटक उसके साथ चला गया. ऑटो चालक शरीफ ने अपने एक दोस्त कयूम को भी साथ में बुला लिया और झोटवाड़ा में असगर के घर पर लेकर चले गए. जहां एक व्यक्ति मुबारिक पहले से मौजूद था. सभी लोगों ने खाना खाया और पार्टी की. बाद में आरोपी विदेशी पर्यटक को सीकर की तरफ रामगढ़सेठान गांव लेकर चले गए, जहां 2 दिन तक रखा और कई प्रलोभन दिए गए.
जेल भेजने की धमकी देकर ठगा: 6 दिसंबर 2022 की रात को दो फर्जी पुलिसकर्मी मकान के अंदर आए और भांग का धंधा करने की बात बोलने लगे. विदेशी पर्यटक पर झूठे आरोप लगाने लगे और जेल भेजने की धमकी देने लगे. असगर ने पुलिसकर्मियों से पैसे लेकर छोड़ने की बात की. आरोपियों ने पर्यटक के पास जो नकदी थी, वह ले ली. फिर भी संतुष्ट नहीं हुए तो असगर ने कहा कि क्रेडिट कार्ड से गोल्ड लेकर दे दो, तो तुम्हें छोड़ देंगे. अगले दिन सभी लोग पर्यटक को जयपुर लेकर आ गए और जयपुर में दो बड़े शोरूम में क्रेडिट कार्ड से करीब 26.50 लाख रुपये का सोना खरीदवाकर ले लिया. सोना लेकर पर्यटक को एयरपोर्ट पर छोड़ दिया. पर्यटक जापान चला गया- जापान पहुंचने पर आरोपी असगर ने व्हाट्सएप चैटिंग करके 2.87 लाख रुपए मुबारिक के खाते में डलवा लिए,इस तरह से पीड़ित के साथ करीब 31 लाख रुपए की ठगी कर ली गई.