श्रीनगरः पौड़ी के थलीसैंण ब्लॉक की एक ग्राम पंचायत में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां गांव में मनरेगा में दो मृतकों ने पहले मजदूरी की और उन्हें उसका पारिश्रमिक भी मिला है. मामले का खुलासा हुआ तो प्रशासन के अधिकारी भी दंग रह गए. दरअसल थलीसैंण ब्लॉक के ग्राम पंचायत बांजकोट के वार्ड सदस्य एवं आरटीआई कार्यकर्ता शशिकांत ममगाईं ने सीडीओ पौड़ी को एक शिकायती पत्र सौंपा हैं. पत्र में ममगाईं ने बताया कि बांजकोट में विकास कार्यों में बृहद स्तर पर वित्तीय अनियमितताएं की गई है.
आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना में बताया गया है कि ग्रामीण भोपाल लाल ने वर्ष 2022 में मनरेगा के तहत एक भूमि विकास के कार्य में 9 दिन मजदूरी की और उन्हें उसकी मजदूरी के एवज में 1917 रुपए प्रदान किए गए. जबकि वास्तविकता यह है कि भोपाल लाल की मौत 4 मार्च 2021 को हो चुकी है. बताया कि ग्रामीण वामदेव ने वर्ष 2022 में ही मनरेगा में 12 दिन मजदूरी करके 2556 रुपए मजदूरी पाई है. जबकि उनका वर्ष 2021 में निधन हो चुका है. वर्ष 2019 से 2024 तक पंचायत में राज्य वित्त, केंद्र वित्त के तहत विभिन्न विकास कार्यों में 21 लाख 85 हजार 155 रुपए की धनराशि का भुगतान दर्शाया गया है. लेकिन माप पुस्तिका में धनराशि का कुल विवरण 14 लाख 9 हजार 279 रुपए दर्ज है. भुगतान और माप पुस्तिका में धनराशि के विवरण में 7 लाख 75 हजार 876 रुपए का भारी अंतर सामने आया है.
शिकायतकर्ता ममगाईं ने कहा कि विकास कार्यों में हुई भारी अनियमितता को लेकर उन्होंने प्रशासन से जांच करने की गुहार लगाई है. मामले में जांच के बाद प्रशासन से उम्मीद है कि वे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाएंगे.
वहीं इस पूरे मामले में जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) पौड़ी मनविंदर कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में 3 सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी गई है. जांच में जो कोई दोषी पाए जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बख्सा नहीं जाएगा.
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