रुद्रप्रयाग: जिला कार्यालय को सुरक्षित रखने को लेकर उद्यान विभाग ने एक सराहनीय पहल की है. जिसके तहत भूस्खलन वाले स्थान पर कारपेट घास को लगाया गया है. इस घास को लगाने के बाद जिला कार्यालय सुरक्षित नजर आ रहा है. वहीं. आने वाले दिनों में यहां फूल लगाए जाएंगे. साथ ही अन्य कार्य भी किए जाएंगे. जिससे यह क्षेत्र लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी रहेगा. डीएम सौरभ गहरवार जिले का कार्यभार संभालने के बाद से नए-नए प्रयोग कर रहे हैं.
उद्यान विभाग को 7 लाख की दी गई धनराशि: डीएम कार्यालय के लिए जाने वाले मार्ग के निचले हिस्से में लंबे समय से भू धंसाव होने के कारण कलेक्ट्रेट को खतरा पैदा हो गया था. साथ ही कलक्ट्रेट के अलग-अलग स्थानों पर भी भूधंसाव हो रहा था. ऐसे में डीएम सौरभ गहरवार ने उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी को कलेक्ट्रेट परिसर की सुरक्षा को लेकर कारपेट ग्रास लगाने के निर्देश दिए.
इस कार्य के लिए उद्यान विभाग को 7 लाख की धनराशि भी दी गई. उद्यान विभाग की मानें तो कम लागत में बेहतर से बेहतर कार्य किया गया है. कलक्ट्रेट मार्ग के बचाव को लेकर लगाई गई कारपेट घास के साथ ही फूलों की सुरक्षा को लेकर घेरबाड़ किया जाएगा, जिससे कोई इस स्थान को नुकसान ना पहुंचा सके. यह कार्य 2669 वर्ग मीटर में किया गया है, जो बेहद ही सुंदर लग रहा है.
डीएम सौरभ गहरवार की लोग कर रहे प्रशंसा: भूगोल के शोध छात्र प्रवीन रावत ने कहा कि डीएम कार्यालय को सुरक्षित रखने को लेकर डीएम सौरभ गहरवार की यह पहल सराहनीय है. साल 2013 की आपदा के दौरान यह मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था. साथ ही अन्य अलग-अलग स्थानों पर भू धंसाव जारी रहा. ऐसे में इस स्थान के बचाव को लेकर कारपेट घास सबसे बेहतरीन उपाय है.
जिन-जिन स्थानों पर भूधंसाव की समस्या है, वहां पर इस प्रकार के प्रयास किए जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कारपेट घास सबसे लोकप्रिय घनी घासों में से एक है, जिसे ऊपरी मिट्टी की कमी को रोकने के लिए कटाव-प्रवण मिट्टी या पहाड़ी यार्डों पर लगाया जाता है. कारपेट ग्रास घनी घास है, जो तेजी से फैलती है और कम अंतराल भरती है.
कड़ी चुनौतियों को पार करने के बाद मिली सफलता: जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि कड़ी चुनौतियों को पार करने के बाद उद्यान विभाग इस कार्य को करने में सफल रहा है. ढाल वाले स्थान पर कारपेट घास को बिछाना आसान नहीं था. इसके लिए नोएडा से घास मंगाने के साथ ही मजदूर भी पिथौरागढ़ से मंगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि डेढ़ महीने के भीतर कारपेट घास बिछाने का कार्य पूरा हुआ है. जबकि, अब फूलों को लगाने काम शुरू किया जाएगा.
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