नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में हवा की हालत लगातार खराब होती जा रही है. फिलहाल एनसीआर के किसी भी इलाके की हवा सांस लेने लायक नहीं बची है. दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक निशान को पार कर चुका है. एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर सीएक्यूएम की तरफ से बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई.
बैठक के दौरान सीएक्यूएम ने सभी ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) उपायों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है, विशेष रूप से उन प्रदूषण हॉटस्पॉट्स पर. अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि किसी भी प्रकार की ढिलाई के परिणामस्वरूप सीएक्यूएम अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है. अधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है. ताकि वे लंबित नागरिक शिकायतों का समाधान करें और सोशल मीडिया पर इन मुद्दों का समाधान करते समय सीएक्यूएम को टैग करें. इसके अलावा, कमीशन ने स्टेज-III ग्रेप के कार्यान्वयन के लिए दैनिक रिपोर्टिंग की आवश्यकता भी व्यक्त की है.
फिलहाल, दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर के चलते लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. प्रदूषण की रोकथाम को लेकर तमाम दावे और वादे तो किया जा रहे हैं लेकिन धरातल पर एयर क्वालिटी इंडेक्स में जरा भी सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा है. दिल्ली की जहरीली हवा विशेष कर बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है.
सीएक्यूएम बैठक में मुख्य मुद्दों पर चर्चा की गई
- निर्माण और विध्वंस स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का पालन न होना
- मोबाइल रिस्पांस सपोर्ट मेकेनिज़म (MRSMs) को बढ़ाने की आवश्यकता
- पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) प्रमाणपत्र और समाप्त जीवन वाले वाहनों के नियमन का अपर्याप्त पालन
- सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर नागरिक शिकायतों का धीमा समाधान
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