रांची: राज्य सरकार के लिए सिरदर्द बन चुकी जेएसएससी की स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा यानी सीजीएल एक बार फिर आयोजित हो रही है. कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के लिए प्रशासन के कड़े इंतजाम पहले दिन से ही देखने को मिले. परीक्षा के दौरान पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बंद बंद कर दी गई. परीक्षा देने के बाद परीक्षा केंद्र से बाहर निकलने के बाद अभ्यर्थियों ने अपने अनुभव साझा किए.
दरअसल, सीजीएल परीक्षा के पहले दिन सामान्य अध्ययन और हिंदी विषय के सवालों ने अभ्यर्थियों को खूब परेशान किया. पहली पाली सुबह 8.30 से 10.30 बजे तक आयोजित हुई, जिसमें सामान्य अध्ययन के सवाल पूछे गए. दूसरी पाली सुबह 11.30 से 1.30 बजे तक आयोजित हुई जिसमें भाषा विषय शामिल थे. तीसरी पाली दोपहर 3 बजे से होगी जो क्षेत्रीय भाषा की होगी जिसमें अभ्यर्थियों को सिर्फ क्वालीफाई करना होगा.
अभ्यर्थियों ने साझा किए अपने अनुभव
पहले दिन दो पालियों की परीक्षा देकर बाहर निकले छात्रों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपने अनुभव साझा किए. परीक्षा केंद्र पर की गई प्रशासनिक व्यवस्था से अभ्यर्थी संतुष्ट दिखे, वहीं परीक्षा के दौरान हिंदी के छायावाद और व्याकरण के सवालों ने जरूर उन्हें उलझाया.
यूपी से आए अभ्यर्थी आशुतोष द्विवेदी का कहना है कि जीके के प्रश्न 150 नंबर के थे जिसमें कुछ सवाल काफी कठिन थे, वहीं हिंदी के प्रश्नों को भी व्याकरण शामिल करके कठिन बनाया गया था. बिहार के पटना से आए चंदन का कहना है कि वह पहले भी यह परीक्षा देने आए थे लेकिन कैंसिल होने की वजह से उन्हें एक बार फिर आना पड़ा. सवाल ट्रिकी थे लेकिन समय देकर उन्हें हल करने में कोई खास दिक्कत नहीं हुई. पटना से आए एक अन्य छात्र नीतीश का कहना है कि हिंदी में कई कठिन सवाल थे जिनका जवाब देना मुश्किल था, पीजी लेवल के सवाल पूछे गए थे.
इन पदों पर 2015 से हो रही है नियुक्ति परीक्षा
पद | संख्या |
सहायक प्रशाखा पदाधिकारी | 863 |
कनीय सचिवालय सहायक | 335 |
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी | 182 |
प्लानिंग असिस्टेंट | 05 |
प्रखंड कल्याण पदाधिकारी | 195 |
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी | 252 |
अंचल निरीक्षक | 185 |
बैकलॉग पद | संख्या |
कनीय सचिवालय सहायक | 08 |
2015 से अब तक कई बार JSSC CGL परीक्षा आयोजित की जा चुकी है. लेकिन 2015 में जारी यह भर्ती कई कारणों से आज तक सफलतापूर्वक पूरी नहीं हो पाई है. इस दौरान सरकार ने परीक्षा को आयोजित करने के लिए विज्ञापन भी जारी किए गए. इस साल 28 जनवरी और 4 फरवरी को परीक्षा भी आयोजित की गई, लेकिन परीक्षा के पहले ही दिन प्रश्नपत्र लीक होने से विवाद बढ़ गया, जिसके कारण आयोग के अध्यक्ष को इस्तीफा भी देना पड़ा. आखिरकार एक बार फिर JSSC ने इस परीक्षा को आयोजित करने का फैसला किया, जिसमें 6.50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. आयोग ने शांतिपूर्ण और कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजित करने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए हैं.
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