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दिल्ली: कोचिंग-लाइब्रेरी बंद होने से UPSC मेंस परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों की बढ़ी परेशानियां - UPSC MAINS ASPIRANTS PROBLEMS

Delhi coaching centre deaths: यूपीएससी मेंस परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को Problems due to library being closed हो रही है. छात्रों का कहना है कि मेंस की तैयारी के लिए 10 से 11 घंटे का समय चाहिए होता है तो इतनी पढ़ाई रूम पर नहीं हो पाती है.

UPSC अभ्यर्थियों की कोचिंग और लाइब्रेरी बंद होने से बढ़ी परेशानियां
UPSC अभ्यर्थियों की कोचिंग और लाइब्रेरी बंद होने से बढ़ी परेशानियां (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 3, 2024, 4:17 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राऊ आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से हुई तीन छात्रों की मौत के बाद एक सप्ताह का समय बीत चुका है. लेकिन, अभी तक सारे कोचिंग सेंटर बंद हैं. साथ ही एमसीडी की तरफ से बेसमेंट में बहुत सारी लाइब्रेरीद को भी सील कर दिया गया है. इससे छात्रों की तैयारी पर बुरा असर पड़ रहा है. अधिकतर छात्रों को सेल्फ स्टडी करनी पड़ रही है.

वहीं, इनमें सबसे ज्यादा परेशानी उन अभ्यर्थियों को करना पड़ रहा है जो अगले महीने से होने वाले मेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं. उनको 20 सितंबर से शुरू होने वाली यूपीएससी की मेंस परीक्षा देनी है. करोल बाग में रहकर मेंस की तैयारी कर रहे छात्र एके योगी ने बताया कि कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी बंद होने से प्रॉपर तरीके से तैयारी नहीं हो पा रही है. अब अधिकतर रूम में रहकर ही तैयारी कर रहे हैं. जब लाइब्रेरी खुली थी तो लाइब्रेरी में बैठकर तैयारी करने से यहां पूरा माहौल मिलता है और दूसरे भी तैयारी करने वाले लोग होते हैं तो उनके साथ मिलकर पढ़ने में अच्छी तैयारी होती है.

जब कोचिंग चल रही थी तो एक्स्ट्रा क्लास भी लेते थे. साथ ही हमारे पास जो नोट्स होते हैं उन नोट्स का भी रिवीजन करते थे. लेकिन अब कोचिंग और लाइब्रेरी बंद होने से ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है. लाइब्रेरी में ही पढ़ाई करने का एक अच्छा माहौल मिलता है. इसलिए तैयारी करने में अब दिक्कतें आ रही हैं. मेंस के लिए समय भी कम होता है. इसलिए अब कमरे पर ही अधिकतर समय पढ़ाई कर रहे हैं.

मेंस की तैयारी के लिए 10 से 11 घंटे का समय चाहिए होता है तो इतनी पढ़ाई रूम पर नहीं हो पाती है. लाइब्रेरी में आराम से 10 से 11 घंटे पढ़ाई हो जाती है. एके योगी ने बताया कि वह करीब ढाई साल से दिल्ली में रहकर तैयारी कर रहे हैं. वह जयपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि कोचिंग सेंटर की ओर से भी अभी तक कोई मैसेज या सूचना नहीं है कि कब से कोचिंग सेंटर खुलेंगे. कब से उनकी क्लास या तैयारी शुरू हो पाएगी.

बता दें, ओल्ड राजेंद्र नगर, करोल बाग और पटेल नगर में रहकर हजारों छात्र-छात्राएं अलग-अलग कोचिंग सेंटर से यूपीएससी की तैयारी करते हैं. वहीं, जिन छात्रों की कोचिंग पूरी हो जाती है वह फिर लाइब्रेरी और सेल्फ स्टडी से पढ़ाई करते हैं और यहीं रहकर प्री और मेंस की परीक्षा देते हैं. कोचिंग पूरी होने के बाद स्टूडेंट को तैयारी करने का एक प्रॉपर रास्ता मिल जाता है, किस तरह से तैयारी करनी है. किस सब्जेक्ट पर ज्यादा ध्यान देना है. इसलिए कोचिंग खत्म होने के बाद भी वह कई साल तक यहां रहकर लाइब्रेरी में बैठकर और सेल्फ स्टडी से तैयारी करके प्री और मेंस का एग्जाम देते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राऊ आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से हुई तीन छात्रों की मौत के बाद एक सप्ताह का समय बीत चुका है. लेकिन, अभी तक सारे कोचिंग सेंटर बंद हैं. साथ ही एमसीडी की तरफ से बेसमेंट में बहुत सारी लाइब्रेरीद को भी सील कर दिया गया है. इससे छात्रों की तैयारी पर बुरा असर पड़ रहा है. अधिकतर छात्रों को सेल्फ स्टडी करनी पड़ रही है.

वहीं, इनमें सबसे ज्यादा परेशानी उन अभ्यर्थियों को करना पड़ रहा है जो अगले महीने से होने वाले मेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं. उनको 20 सितंबर से शुरू होने वाली यूपीएससी की मेंस परीक्षा देनी है. करोल बाग में रहकर मेंस की तैयारी कर रहे छात्र एके योगी ने बताया कि कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी बंद होने से प्रॉपर तरीके से तैयारी नहीं हो पा रही है. अब अधिकतर रूम में रहकर ही तैयारी कर रहे हैं. जब लाइब्रेरी खुली थी तो लाइब्रेरी में बैठकर तैयारी करने से यहां पूरा माहौल मिलता है और दूसरे भी तैयारी करने वाले लोग होते हैं तो उनके साथ मिलकर पढ़ने में अच्छी तैयारी होती है.

जब कोचिंग चल रही थी तो एक्स्ट्रा क्लास भी लेते थे. साथ ही हमारे पास जो नोट्स होते हैं उन नोट्स का भी रिवीजन करते थे. लेकिन अब कोचिंग और लाइब्रेरी बंद होने से ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है. लाइब्रेरी में ही पढ़ाई करने का एक अच्छा माहौल मिलता है. इसलिए तैयारी करने में अब दिक्कतें आ रही हैं. मेंस के लिए समय भी कम होता है. इसलिए अब कमरे पर ही अधिकतर समय पढ़ाई कर रहे हैं.

मेंस की तैयारी के लिए 10 से 11 घंटे का समय चाहिए होता है तो इतनी पढ़ाई रूम पर नहीं हो पाती है. लाइब्रेरी में आराम से 10 से 11 घंटे पढ़ाई हो जाती है. एके योगी ने बताया कि वह करीब ढाई साल से दिल्ली में रहकर तैयारी कर रहे हैं. वह जयपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि कोचिंग सेंटर की ओर से भी अभी तक कोई मैसेज या सूचना नहीं है कि कब से कोचिंग सेंटर खुलेंगे. कब से उनकी क्लास या तैयारी शुरू हो पाएगी.

बता दें, ओल्ड राजेंद्र नगर, करोल बाग और पटेल नगर में रहकर हजारों छात्र-छात्राएं अलग-अलग कोचिंग सेंटर से यूपीएससी की तैयारी करते हैं. वहीं, जिन छात्रों की कोचिंग पूरी हो जाती है वह फिर लाइब्रेरी और सेल्फ स्टडी से पढ़ाई करते हैं और यहीं रहकर प्री और मेंस की परीक्षा देते हैं. कोचिंग पूरी होने के बाद स्टूडेंट को तैयारी करने का एक प्रॉपर रास्ता मिल जाता है, किस तरह से तैयारी करनी है. किस सब्जेक्ट पर ज्यादा ध्यान देना है. इसलिए कोचिंग खत्म होने के बाद भी वह कई साल तक यहां रहकर लाइब्रेरी में बैठकर और सेल्फ स्टडी से तैयारी करके प्री और मेंस का एग्जाम देते हैं.

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