पटनाः बिहार में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों में निराशा है. एक तरफ सरकार 12 लाख नौकरी देने का दावा कर रही है, वही प्रदेश में कई ऐसी बहाली हैं जो 1 साल से अधिक समय से लंबित है. अभ्यर्थियों के आवेदन फार्म ले लिए गए हैं लेकिन परीक्षा की तिथि जारी नहीं हुई है. कई विभागों में महीनों से सिर्फ घोषणाएं हो रही है लेकिन वैकेंसी का नोटिफिकेशन नहीं आ रहा.
12 लाख नौकरी का दावा हवा-हवाईः बिहार में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र इससे परेशान हैं. पटना में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र लकी कुमार ने बताया कि वह आरा के रहने वाले हैं. पटना में सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं. अखबारों के माध्यम से मुख्यमंत्री का बयान पढ़ते हैं कि 12 लाख नौकरी देंगे लेकिन प्रदेश में शिक्षक की वैकेंसी के अलावा कोई वैकेंसी नहीं आ रही है.
"जो वैकेंसी आई हुई है उसकी भी परीक्षा नहीं ली जा रही है. सिविल कोर्ट और बिहार एसएससी का कब से फार्म भरा गया लेकिन परीक्षा नहीं हुई. स्वास्थ्य विभाग में के मंत्री जी कह रहे हैं की बड़ी वैकेंसी आ रही है लेकिन कब आएगी यह नहीं बता रहे हैं. परीक्षा की तैयारी करते-करते मनोबल भी टूटने लगा है." -लकी कुमार, छात्र
'आश्वासन नहीं नौकरी चाहिए': बोकारो से आकर पटना में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले पंकज कुमार ने बताया कि सरकार सिर्फ नौकरी के आश्वासन दे रही है लेकिन नौकरी नहीं दे रही है. कहा कि आश्वासन से घर नहीं चलता है. इसलिए नौकरी चाहिए ताकि घर में पैसा आए. पंकज ने कहा कि समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों के माध्यम से सुनते हैं की बंपर वैकेंसी आ रही है. लेकिन धरातल नहीं दिख रही है.
"केवल यह सुनते हैं कि इस विभाग में नौकरी आ रही है, उस विभाग में नौकरी आ रही है, लेकिन नौकरी आती नहीं है. सरकार से आग्रह करेंगे की नौकरी देने का जो वादा किया है वह पूरा करे." -पंकज कुमार, छात्र
'सिर्फ चुनाव में याद आते हैं युवा': छात्र नेता दिलीप ने कहा कि सरकार को युवा सिर्फ चुनाव में ही याद आते हैं. लोकसभा का चुनाव था तो विभिन्न बहालियों की घोषणाएं हुई. पहला चरण और दूसरे चरण में शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गयी. सरकार के अधिकारियों ने एग्जाम कैलेंडर की घोषणा की. लेकिन लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही यह सब ठंडे बस्ते में चला गया.
"चुनाव से पहले जहां परीक्षा का रिजल्ट महीना दिन के अंदर राजा रहा था वहीं अब दो से तीन महीना बीत जा रहा है लेकिन परीक्षा का रिजल्ट नहीं आ रहा. एसटीईटी परीक्षा, TRE 3, बीपीएससी 69th परीक्षा यह सब उदाहरण है, जिसका रिजल्ट अब तक नहीं आया है." -दिलीप कुमार, छात्र नेता
ये बहाली हैं लंबितः साल 2022 में सिविल कोर्ट के विभिन्न पदों पर वैकेंसी आई थी. कोर्ट रीडर के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया. इसके अलावा क्लर्क, स्टेनोग्राफर और चपरासी के 6560 पदों पर अब तक परीक्षा नहीं हुई. 2023 दिसंबर में बीएसएससी तृतीय इंटर स्तरीय को लेकर 12199 पदों पर वैकेंसी निकली थी. 1 साल के अंदर वैकेंसी पूरी होनी थी लेकिन अभ्यर्थियों का फॉर्म भरा गया. 27 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है लेकिन परीक्षा की कोई जानकारी नहीं है.
शिक्षक बहाली भी लंबितः इसी साल फरवरी में तीसरे चरण की शिक्षक बहाली के तहत 87774 पदों पर वैकेंसी आई थी. अगस्त महीने में चौथे चरण की शिक्षक बहाली का नोटिफिकेशन आ जाना चाहिए था, लेकिन अब तक तीसरे चरण शिक्षक बहाली का ही रिजल्ट नहीं आया है. बिहार में लाइब्रेरियन के 7000 पदों पर वैकेंसी आनी थी. जदयू ने आचार संहिता लागू होने के पूर्व ही सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. लेकिन लोकसभा चुनाव के खत्म होने के 3 महीने बाद भी कोई बहाली नहीं आई.
2300 पदों पर दारोगा बहाली अटकीः जनवरी महीने में दरोगा के 2300 पदों पर वैकेंसी आनी थी. अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी थी लेकिन कोई वैकेंसी नहीं आयी. 31 अगस्त तक बीपीएससी 70वीं के तहत 1800 पदों पर वैकेंसी आनी थी लेकिन अब तक कोई सूचना नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि 46000 पदों पर वैकेंसी लाई जा रही है. 3 महीने हो गए हैं लेकिन नोटिफिकेशन नहीं आया है.
15610 पदों पर वैकेंसी नहीं आयीः पंचायती राज विभाग की ओर से 15610 पदों पर वैकेंसी निकाली जाने की बात कही गयी थी. अब तक नोटिफिकेशन नहीं आया. बीएसएससी CGL-4 के तहत दिसंबर 2023 में 2000 से अधिक पदों पर वैकेंसी आने की बात कही गई थी लेकिन अब तक इस पर कोई वैकेंसी नहीं आई है. एसटीईटी 2024 परीक्षा आयोजन मई और जून के महीने में किया गया लेकिन अब परिणाम नहीं आया है.
सरकार कर रही कामः बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि सरकार लाखों बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और सरकारी नौकरी उपलब्ध कराने के दिशा में काम कर रही है. बड़े पैमाने पर बिहार में लोगों को रोजगार मिल रहा है. वह ग्रामीण कार्य विकास विभाग के मंत्री हैं तो उनके विभाग में जीविका की दीदी आत्मनिर्भर बनी है. 10 लाख 67000 से अधिक समूह बने हैं. उनके बच्चों को भी रोजगार मिल रहा है.
"प्रदेश में जो बेरोजगार हैं उन्हें ₹200000 की सहायता राशि दी जा रही है. जिनके पास नौकरी रोजगार कुछ नहीं है उन्हें भी आगे बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है. हर विभाग में नौकरी के लिए वैकेंसी निकल रही है. वैकेंसी के आलोक में परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं. सभी प्रकार की कार्रवाई कर वैकेंसी को आगे बढ़ाया जा रहा है. सरकार लाखों की तादाद में युवाओं को रोजगार से जोड़ने और नौकरी देने की दिशा में काम कर रही है." -श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण कार्य विभाग
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