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आरजीएचएस कैंसर दवा घोटाला, तुषार की गिरफ्तारी में उलझी है झंवर की जमानत अर्जी - RGHS cancer drug scam

आरजीएचएस कैंसर दवा घोटाले के आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली है. जस्टिस ने अब जांच अधिकारी को 3 अप्रैल को तलब करते हुए कहा है कि वे आकर कोर्ट को बताएं कि ऐसी क्या परिस्थितियां हैं, जिसने तुषार की गिरफ्तारी से रोका है.

RGHS cancer drug scam
RGHS cancer drug scam
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 28, 2024, 9:33 PM IST

जोधपुर. आरजीएचएस योजना में कैंसर दवा के नाम पर चिकित्सकों की पर्चियों से बड़े पैमाने पर दवा उठाने और सरकार को करोड़ों की चपत लगाने के मुख्य आरोपी दवा विक्रेता जुगल झंवर की जमानत अर्जी उसके ही बेटे तुषार की गिरफ्तारी को लेकर उलझी हुई है. इस मामले में हाल ही हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में जुगल झंवर को राहत नहीं मिली, तो वहीं जस्टिस ने अब जांच अधिकारी को 3 अप्रैल को तलब करते हुए कहा है कि वे आकर कोर्ट को बताएं कि ऐसी क्या परिस्थितियां हैं, जिसने तुषार की गिरफ्तारी से रोका है.

दरअसल, इस मामले में तीन आरोपी मुख्य रूप से गिरफ्तार हुए. इनमें जुगल झंवर, महेन्द्र कुमार व नरेश कुमार की ओर से जमानत याचिकाएं राजस्थान हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं. इन पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी तरीके से मरीजों के नाम से बिल बनाकर सरकार से पैसा उठाया है. आरोपियों की पहुंच सरकारी व निजी अस्पतालों के अंदर तक है. मेडीपल्स के डॉ. विनय व्यास व एम्स की डॉ. आकांक्षा गर्ग की भूमिका को लेकर भी जांच हुई है. एटीएस इस पूरे गिरोह की जांच कर रही है, जिसमें अब यह सामने आया है कि आरोपियों ने एम्स व मेडिपल्स अस्पताल तक के नाम का उपयोग किया है.

इसे भी पढ़ें-आरजीएचएस कैंसर दवा घोटाले में राजस्थान हाईकोर्ट ने एसओजी के पुलिस अधीक्षक को किया तलब

जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ में मामले की सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान अनुसंधान एजेंसी एटीएस जोधपुर से एडिशनल एसपी किशोर सिंह चौहान और अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी एएएजी रजत छपरवाल मौजूद रहे. कोर्ट को अब तक की जांच से अवगत करवाया गया. तुषार की गिरफ्तारी का बिंदु भी कोर्ट के संज्ञान में आया है. इस पर जस्टिस फरजंद अली ने जांच अधिकारी को तलब किया है. वहीं, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जमानत याचिका पर जांच एजेंसी एटीएस को समय देते हुए एम्स निदेशक जोधपुर को जांच में सहयोग के निर्देश दिए थे.

जोधपुर. आरजीएचएस योजना में कैंसर दवा के नाम पर चिकित्सकों की पर्चियों से बड़े पैमाने पर दवा उठाने और सरकार को करोड़ों की चपत लगाने के मुख्य आरोपी दवा विक्रेता जुगल झंवर की जमानत अर्जी उसके ही बेटे तुषार की गिरफ्तारी को लेकर उलझी हुई है. इस मामले में हाल ही हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में जुगल झंवर को राहत नहीं मिली, तो वहीं जस्टिस ने अब जांच अधिकारी को 3 अप्रैल को तलब करते हुए कहा है कि वे आकर कोर्ट को बताएं कि ऐसी क्या परिस्थितियां हैं, जिसने तुषार की गिरफ्तारी से रोका है.

दरअसल, इस मामले में तीन आरोपी मुख्य रूप से गिरफ्तार हुए. इनमें जुगल झंवर, महेन्द्र कुमार व नरेश कुमार की ओर से जमानत याचिकाएं राजस्थान हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं. इन पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी तरीके से मरीजों के नाम से बिल बनाकर सरकार से पैसा उठाया है. आरोपियों की पहुंच सरकारी व निजी अस्पतालों के अंदर तक है. मेडीपल्स के डॉ. विनय व्यास व एम्स की डॉ. आकांक्षा गर्ग की भूमिका को लेकर भी जांच हुई है. एटीएस इस पूरे गिरोह की जांच कर रही है, जिसमें अब यह सामने आया है कि आरोपियों ने एम्स व मेडिपल्स अस्पताल तक के नाम का उपयोग किया है.

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जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ में मामले की सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान अनुसंधान एजेंसी एटीएस जोधपुर से एडिशनल एसपी किशोर सिंह चौहान और अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी एएएजी रजत छपरवाल मौजूद रहे. कोर्ट को अब तक की जांच से अवगत करवाया गया. तुषार की गिरफ्तारी का बिंदु भी कोर्ट के संज्ञान में आया है. इस पर जस्टिस फरजंद अली ने जांच अधिकारी को तलब किया है. वहीं, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जमानत याचिका पर जांच एजेंसी एटीएस को समय देते हुए एम्स निदेशक जोधपुर को जांच में सहयोग के निर्देश दिए थे.

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